ETV Bharat / bharat

रक्षा मंत्री 45 दिनों में बने 7 मंजिला इमारत का करेंगे उद्घाटन

डीआरडीओ (DRDO) ने एडीई में उड़ान नियंत्रण प्रणाली के लिए 45 दिन में बहुमंजिला इमारत बनाई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence minister rajnath singh) आज इस इमारत का उद्घाटन करेंगे.

फोटो
फोटो
author img

By

Published : Mar 17, 2022, 12:23 PM IST

Updated : Mar 17, 2022, 5:02 PM IST

नई दिल्ली : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ-DRDO-The Defence Research and Development Organisation) ने बेंगलुरु के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई) में उड़ान नियंत्रण प्रणाली के लिए संस्थानिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके रिकॉर्ड 45 दिन में एक बहुमंजिला इमारत का निर्माण किया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. इस सात मंजिला इमारत में भारतीय वायु सेना के लिए पांचवीं पीढ़ी के, मध्यम वजन के, गहरे तक मार करने वाले लड़ाकू विमानों को विकसित करने के लिए अनुसंधान एवं विकास सुविधाएं होंगी.

एक अधिकारी ने बताया कि डीआरडीओ ने एडीई, बेंगलुरु ( drdo ade bengaluru ) में उड़ान नियंत्रण प्रणाली के लिए हाइब्रिड प्रौद्योगिकी के जरिए एक बहु-मंजिला बुनियादी ढांचे के निर्माण को रिकॉर्ड 45 दिन में पूरा किया. उन्होंने कहा कि परिसर में उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) परियोजना के तहत लड़ाकू विमान और उड़ान नियंत्रण प्रणाली (एफसीएस) के लिए वैमानिकी विकसित करने की सुविधा होगी. भारत अपनी वायु शक्ति क्षमता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने के मकसद से उन्नत स्टील्थ सुविधाओं से लैस पांचवीं पीढ़ी (5th generation of advance medium combat aircraft) के मध्यम वजन के, गहरे तक मार करने वाले लड़ाकू विमान विकसित करने के लिए महत्वाकांक्षी एएमसीए परियोजना पर काम कर रहा है. इस परियोजना की प्रारंभिक विकास लागत लगभग 15,000 करोड़ रुपये आंकी गई है.

रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को बताया था कि एएमसीए के डिजाइन और प्रोटोटाइप (नमूना) विकास के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज इमारत का उद्घाटन करेंगे.अधिकारियों ने बताया कि इमारत का निर्माण एएमसीए परियोजना और संबंधित गतिविधियों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करने के उद्देश्य से केवल 45 दिन की न्यूनतम समय सीमा में समग्र निर्माण तकनीक का उपयोग करके किया गया है.इस परियोजना की आधारशिला 22 नवंबर, 2021 को रखी गई थी और वास्तविक निर्माण कार्य एक फरवरी से आरंभ हुआ. इस परियोजना में शामिल एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हाइब्रिड निर्माण तकनीक के साथ एक स्थायी और कार्य संचालन के लिए पूरी तरह तैयार सात मंजिला इमारत का निर्माण कार्य पूरा करने का यह एक अनूठा रिकॉर्ड है और ऐसा देश में पहली बार हुआ है.

पढ़ें : G-23 Meeting : कांग्रेस में सामूहिक और समावेशी नेतृत्व की जरूरत,समान विचारधारा वाली ताकतों से संवाद हो

नई दिल्ली : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ-DRDO-The Defence Research and Development Organisation) ने बेंगलुरु के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई) में उड़ान नियंत्रण प्रणाली के लिए संस्थानिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके रिकॉर्ड 45 दिन में एक बहुमंजिला इमारत का निर्माण किया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. इस सात मंजिला इमारत में भारतीय वायु सेना के लिए पांचवीं पीढ़ी के, मध्यम वजन के, गहरे तक मार करने वाले लड़ाकू विमानों को विकसित करने के लिए अनुसंधान एवं विकास सुविधाएं होंगी.

एक अधिकारी ने बताया कि डीआरडीओ ने एडीई, बेंगलुरु ( drdo ade bengaluru ) में उड़ान नियंत्रण प्रणाली के लिए हाइब्रिड प्रौद्योगिकी के जरिए एक बहु-मंजिला बुनियादी ढांचे के निर्माण को रिकॉर्ड 45 दिन में पूरा किया. उन्होंने कहा कि परिसर में उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) परियोजना के तहत लड़ाकू विमान और उड़ान नियंत्रण प्रणाली (एफसीएस) के लिए वैमानिकी विकसित करने की सुविधा होगी. भारत अपनी वायु शक्ति क्षमता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने के मकसद से उन्नत स्टील्थ सुविधाओं से लैस पांचवीं पीढ़ी (5th generation of advance medium combat aircraft) के मध्यम वजन के, गहरे तक मार करने वाले लड़ाकू विमान विकसित करने के लिए महत्वाकांक्षी एएमसीए परियोजना पर काम कर रहा है. इस परियोजना की प्रारंभिक विकास लागत लगभग 15,000 करोड़ रुपये आंकी गई है.

रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को बताया था कि एएमसीए के डिजाइन और प्रोटोटाइप (नमूना) विकास के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज इमारत का उद्घाटन करेंगे.अधिकारियों ने बताया कि इमारत का निर्माण एएमसीए परियोजना और संबंधित गतिविधियों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करने के उद्देश्य से केवल 45 दिन की न्यूनतम समय सीमा में समग्र निर्माण तकनीक का उपयोग करके किया गया है.इस परियोजना की आधारशिला 22 नवंबर, 2021 को रखी गई थी और वास्तविक निर्माण कार्य एक फरवरी से आरंभ हुआ. इस परियोजना में शामिल एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हाइब्रिड निर्माण तकनीक के साथ एक स्थायी और कार्य संचालन के लिए पूरी तरह तैयार सात मंजिला इमारत का निर्माण कार्य पूरा करने का यह एक अनूठा रिकॉर्ड है और ऐसा देश में पहली बार हुआ है.

पढ़ें : G-23 Meeting : कांग्रेस में सामूहिक और समावेशी नेतृत्व की जरूरत,समान विचारधारा वाली ताकतों से संवाद हो

Last Updated : Mar 17, 2022, 5:02 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.