नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि योजना आयोग और इसके जरिए चलाई गईं पंचवर्षीय योजनाओं के कारण ही आधुनिक भारत की नींव पड़ी और देश एक अग्रणी अर्थव्यस्था बना. उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में इसका उल्लेख किया कि नौ जुलाई, 1951 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संसद में पहली पंचवर्षीय योजना प्रस्तुत की थी. उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने वर्ष 2015 में योजना आयोग के स्थान पर नीति आयोग नामक एक नई संस्था की स्थापना की थी.
राहुल गांधी ने कहा, 'भारत को आजादी मिलने के समय भारतीय अर्थव्यवस्था बुरी स्थिति में थी, क्योंकि दो सदी तक ब्रिटिश शासन रहा था. उस समय हमारे राष्ट्र निर्माताओं ने भारत निर्माण का गौरवमयी काम अपने हाथ में लिया और प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू की अध्यक्षता में दूरदर्शी योजना आयोग के माध्यम से लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने का कार्य आरंभ हुआ.' राहुल ने कहा कि 1951 में आज के दिन ही पंडित नेहरू ने पहली पंचवर्षीय योजना संसद में पेश की, जिसमें उस वित्त वर्ष के दौरान 2.1 प्रतिशत की जीडीपी विकास दर की कल्पना की गई थी. उन्होंने कहा कि भारत ने उस वक्त सारे अनुमानों को गलत साबित करते हुए 3.6 प्रतिशत जीडीपी विकास दर हासिल की थी.
कांग्रेस नेता ने कहा कि कृषि और सिंचाई क्षेत्र पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए भाखड़ा बांध और हीराकुंड बांध का निर्माण भी उसी समय आरंभ हुआ. उन्होंने कहा कि वर्ष 1956 में इस पंचवर्षीय योजना के पूरा होने तक पांच आईआईटी आरंभ हो चुकी थीं और उच्च शिक्षा को मजबूती प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की शुरुआत की गई. उन्होंने कहा कि इस दौरान पांच इस्पात संयंत्रों की शुरुआत के लिए अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए गए.
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राहुल गांधी ने यह भी कहा कि उस वक्त डाक और टेलीग्राफ, सड़क, रेलवे और नागर विमानन में सुधार के लिए भी प्रयास किए गए. उन्होंने कहा कि योजना का यह मॉडल लगातार 12 पंचर्षीय योजनाओं में दिखा जिससे आधुनिक भारत की बुनियाद पड़ी और देश अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हुआ. उन्होंने कहा कि इन योजनाओं और नीतियों के जरिए ही भारत का वैश्विक आर्थिक कद सामने आया और इसे खुद के आर्थिक ढांचे पर निर्भरता हासिल हुई, यही कांग्रेस और भारत की जनता की विरासत है.
(पीटीआई-भाषा)