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बालाकोट हमले के बाद फूल गये थे इमरान खान के हाथ-पांव, आधी रात को लगाई थी पीएम मोदी से यह गुहार

PM Modi Snubbed Imran Khans Midnight Call : साल 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक की थी. जिसके बाद इमरान खान काफी डर गये थे. उनके डर का आलम यह था कि उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक की बाद वाली रात को पीएम मोदी से बात करने की गुहार लगाई थी. पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने अपनी नई किताब 'एंगर मैनेजमेंट: द ट्रबल्ड डिप्लोमैटिक रिलेशनशिप बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान' में इस बात का जिक्र किया है.

Imran Khans Midnight Call
प्रतिकात्मक तस्वीर.
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By ANI

Published : Jan 9, 2024, 12:08 PM IST

नई दिल्ली : 2019 में पुलवामा आतंकी हमलों के बाद, पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान ने भारतीय मिसाइल हमले के डर को पूरी तरह से टालने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करने की कोशिश की थी. पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया की एक नई किताब में इस बात का जिक्र किया गया है. अपनी किताब में उन्होंने पुलवामा हमले के बाद पैदा हुए सैन्य संकट को उजागर किया है.

पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया की नई किताब का नाम 'एंगर मैनेजमेंट: द ट्रबल्ड डिप्लोमैटिक रिलेशनशिप बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान' है. अपनी किताब में उन्होंने दावा किया है कि पाकिस्तान के पास उन नौ मिसाइलों के बारे में विश्वसनीय जानकारी थी जिन्हें भारत ने पाकिस्तानी क्षेत्र में लॉन्च करने के लिए तैयार किया था.

उन्होंने अपनी किताब में लिखा कि भारतीय मिसाइल पाकिस्तान पर हमला करने के लिए पूरी तरह से तैयार थे. लेकिन वैश्विक वार्ताकारों के माध्यम से हुई बातचीत में भारत से रुकने के लिए कहा गया. क्योंकि भारत की और से यह आक्रामकता का एक अभूतपूर्व कार्रवाई होती जो एक तरह से खुले युद्ध की शुरुआत कर सकती थी. उन्होंने अपनी किताब में इस बात का भी जिक्र किया कि पाकिस्तानी मीडिया को भी इस बारे में पूरी जानकारी थी.

Imran Khans Midnight Call
पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया की फाइल फोटो. (ANI)

बिसारिया ने अपनी किताब में लिखा कि हालांकि, पाकिस्तान की मीडिया ने भारत की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन की खबरें तो प्रकाशित की लेकिन संभावित मिसाइल प्रक्षेपण की खबर को उस रात रोक दिया गया. बिसारिया ने अपनी किताब में लिखा कि 4 मार्च को आईएसपीआर की ओर से एक ब्रीफिंग दी गई. उन्होंने लिखा कि मार्च में कई मीडिया रिपोर्टें सामने आईं. जिनमें भारत और पाकिस्तान के बीच मिसाइलों हमलों के अनुमान के बीच वैश्विक वार्ताकारों के माध्यम से हुई बातचीत का विवरण प्रकाशित किया गया था.

बिसारिया ने अपनी किताब में लिखा कि भारतीय मिसाइल हमले की आशंका से डरे हुए इमरान खान ने काफी हाथ-पांव मारे. इमरान खान ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए आधी रात को पीएम मोदी से फोन पर बात करने का अनुरोध किया. कॉल की व्यवस्था तत्कालीन पाकिस्तानी उच्चायुक्त सोहेल महमूद ने की थी. जिन्होंने दिल्ली में अपने समकक्ष से संपर्क किया था.

बिसारिया ने अपनी किताब में लिखा कि लगभग आधी रात को, मुझे दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायुक्त सोहेल महमूद, जो अब इस्लामाबाद में हैं, का फोन आया. महमूद ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान प्रधानमंत्री मोदी से बात करना चाहते हैं. बिसारिया ने लिखा कि मैंने ऊपर जाकर देखा और जवाब दिया कि इस समय हमारे प्रधानमंत्री उपलब्ध नहीं हैं. अगर इमरान खान को कोई जरूरी संदेश देना है, तो वह निश्चित रूप से मुझे बता सकते हैं. बसरिया ने अपनी किताब में उल्लेख किया है कि मुझे उस रात कोई कॉल नहीं आयी.

26 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारतीय वायु सेना की ओर से किए गए बालाकोट हवाई हमले के एक दिन बाद ये घटनाएं सामने आईं. ये हमले 14 फरवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में भारतीय बलों पर हुए आतंकवादी हमले के प्रतिशोध में किये गये थे. पुस्तक में कहा गया है कि दिल्ली में अमेरिका और ब्रिटेन के दूत रातों-रात भारत के विदेश सचिव के पास वापस आए और दावा किया कि पाकिस्तान अब भारत की ओर से दिये गये सबूतों पर कार्रवाई करने और आतंकवाद के मुद्दे को गंभीरता से संबोधित करने के लिए तैयार है.

बिसारिया आगे कहते हैं कि अगले दिन, हमें ब्रेकिंग न्यूज मिली कि खान ने कहा था कि पाकिस्तान 'शांति संकेत' के रूप में, भारतीय वायुसेना के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को वापस भेज देगा. जिन्हें उनके विमान के पाकिस्तानी क्षेत्र में गिरने के बाद पकड़ लिया गया था. बिसारिया ने भारतीय पायलट की रिहाई को भारत की 'जबरदस्ती कूटनीति' का परिणाम बताया.

किताब में कहा गया है कि भारत की आक्रामक कूटनीति प्रभावी रही थी. भारत की पाकिस्तान और दुनिया से अपेक्षाएं स्पष्ट थीं. पूर्व राजनयिक ने अपनी किताब में लिखा है कि प्रधान मंत्री मोदी ने बाद में एक अभियान भाषण में कहा कि सौभाग्य से, पाकिस्तान ने घोषणा की कि वह पायलट को भारत वापस भेज देगा. अन्यथा यह खून-खराबे की रात 'कत्ल की रात' होती.

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नई दिल्ली : 2019 में पुलवामा आतंकी हमलों के बाद, पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान ने भारतीय मिसाइल हमले के डर को पूरी तरह से टालने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करने की कोशिश की थी. पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया की एक नई किताब में इस बात का जिक्र किया गया है. अपनी किताब में उन्होंने पुलवामा हमले के बाद पैदा हुए सैन्य संकट को उजागर किया है.

पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया की नई किताब का नाम 'एंगर मैनेजमेंट: द ट्रबल्ड डिप्लोमैटिक रिलेशनशिप बिटवीन इंडिया एंड पाकिस्तान' है. अपनी किताब में उन्होंने दावा किया है कि पाकिस्तान के पास उन नौ मिसाइलों के बारे में विश्वसनीय जानकारी थी जिन्हें भारत ने पाकिस्तानी क्षेत्र में लॉन्च करने के लिए तैयार किया था.

उन्होंने अपनी किताब में लिखा कि भारतीय मिसाइल पाकिस्तान पर हमला करने के लिए पूरी तरह से तैयार थे. लेकिन वैश्विक वार्ताकारों के माध्यम से हुई बातचीत में भारत से रुकने के लिए कहा गया. क्योंकि भारत की और से यह आक्रामकता का एक अभूतपूर्व कार्रवाई होती जो एक तरह से खुले युद्ध की शुरुआत कर सकती थी. उन्होंने अपनी किताब में इस बात का भी जिक्र किया कि पाकिस्तानी मीडिया को भी इस बारे में पूरी जानकारी थी.

Imran Khans Midnight Call
पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया की फाइल फोटो. (ANI)

बिसारिया ने अपनी किताब में लिखा कि हालांकि, पाकिस्तान की मीडिया ने भारत की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन की खबरें तो प्रकाशित की लेकिन संभावित मिसाइल प्रक्षेपण की खबर को उस रात रोक दिया गया. बिसारिया ने अपनी किताब में लिखा कि 4 मार्च को आईएसपीआर की ओर से एक ब्रीफिंग दी गई. उन्होंने लिखा कि मार्च में कई मीडिया रिपोर्टें सामने आईं. जिनमें भारत और पाकिस्तान के बीच मिसाइलों हमलों के अनुमान के बीच वैश्विक वार्ताकारों के माध्यम से हुई बातचीत का विवरण प्रकाशित किया गया था.

बिसारिया ने अपनी किताब में लिखा कि भारतीय मिसाइल हमले की आशंका से डरे हुए इमरान खान ने काफी हाथ-पांव मारे. इमरान खान ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए आधी रात को पीएम मोदी से फोन पर बात करने का अनुरोध किया. कॉल की व्यवस्था तत्कालीन पाकिस्तानी उच्चायुक्त सोहेल महमूद ने की थी. जिन्होंने दिल्ली में अपने समकक्ष से संपर्क किया था.

बिसारिया ने अपनी किताब में लिखा कि लगभग आधी रात को, मुझे दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायुक्त सोहेल महमूद, जो अब इस्लामाबाद में हैं, का फोन आया. महमूद ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान प्रधानमंत्री मोदी से बात करना चाहते हैं. बिसारिया ने लिखा कि मैंने ऊपर जाकर देखा और जवाब दिया कि इस समय हमारे प्रधानमंत्री उपलब्ध नहीं हैं. अगर इमरान खान को कोई जरूरी संदेश देना है, तो वह निश्चित रूप से मुझे बता सकते हैं. बसरिया ने अपनी किताब में उल्लेख किया है कि मुझे उस रात कोई कॉल नहीं आयी.

26 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारतीय वायु सेना की ओर से किए गए बालाकोट हवाई हमले के एक दिन बाद ये घटनाएं सामने आईं. ये हमले 14 फरवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में भारतीय बलों पर हुए आतंकवादी हमले के प्रतिशोध में किये गये थे. पुस्तक में कहा गया है कि दिल्ली में अमेरिका और ब्रिटेन के दूत रातों-रात भारत के विदेश सचिव के पास वापस आए और दावा किया कि पाकिस्तान अब भारत की ओर से दिये गये सबूतों पर कार्रवाई करने और आतंकवाद के मुद्दे को गंभीरता से संबोधित करने के लिए तैयार है.

बिसारिया आगे कहते हैं कि अगले दिन, हमें ब्रेकिंग न्यूज मिली कि खान ने कहा था कि पाकिस्तान 'शांति संकेत' के रूप में, भारतीय वायुसेना के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को वापस भेज देगा. जिन्हें उनके विमान के पाकिस्तानी क्षेत्र में गिरने के बाद पकड़ लिया गया था. बिसारिया ने भारतीय पायलट की रिहाई को भारत की 'जबरदस्ती कूटनीति' का परिणाम बताया.

किताब में कहा गया है कि भारत की आक्रामक कूटनीति प्रभावी रही थी. भारत की पाकिस्तान और दुनिया से अपेक्षाएं स्पष्ट थीं. पूर्व राजनयिक ने अपनी किताब में लिखा है कि प्रधान मंत्री मोदी ने बाद में एक अभियान भाषण में कहा कि सौभाग्य से, पाकिस्तान ने घोषणा की कि वह पायलट को भारत वापस भेज देगा. अन्यथा यह खून-खराबे की रात 'कत्ल की रात' होती.

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