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कुछ दिन साथ रहना लिव इन रिलेशन नहीं : पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप (live in relationship) में रहने का दावा करने वाले एक प्रेमी युगल को सुरक्षा देने से इनकार कर दिया है. परिजनों के डर से होटल में छिपे इस कपल ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सुरक्षा की गुहार लगाई थी.

punjab and haryana high court
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Published : Dec 16, 2021, 11:16 AM IST

चंडीगढ़ : पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप (live in relationship) में रहने का दावा करने वाले जोड़े की याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि यदि दो व्यस्क कुछ दिन साथ रहते हैं और लिव इन रिलेशनशिप में रहने का दावा करते हैं, तो इस दावे को सही नहीं माना जा सकता है. यह एक ऐसा रिश्ता है, जिसमें एक वैवाहिक रिश्ते की तरह एक दूसरे के लिए जिम्मेदारी, प्यार और सपोर्ट होता है. पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस मनोज बजाज की खंडपीठ ने प्रेमी युगल की याचिका को खारिज करते हुए उन पर 25000 रुपये का जुर्माना भी लगाया.

दरअसल यह मामला 18 साल की युवती और 20 साल के युवक की ओर से दाखिल की गई सुरक्षा याचिका का है. इस याचिका में प्रेमी युगल ने दावा किया था कि वे एक दूसरे से प्यार करते हैं. दोनों बालिग हैं और शादी भी करना चाहते हैं. याचिका में कहा गया था कि युवती के घर वाले इस विवाह के खिलाफ है. उन्होंने आशंका जताई थी कि परिवारवाले उन्हें किसी आपराधिक केस में फंसा सकते हैं, यही कारण है कि दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं.
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ता 24 नवंबर 2021 से लिव-इन रिलेशनशिप में एक साथ होटल में रह रहे हैं. याचिका में दावा किया गया था कि परिवार और रिश्तेदारों की ओर से उन्हें धमकी दी जा रही है, इसलिए कपल ने कोर्ट से सुरक्षा मांगी है.

चंडीगढ़ : पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप (live in relationship) में रहने का दावा करने वाले जोड़े की याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि यदि दो व्यस्क कुछ दिन साथ रहते हैं और लिव इन रिलेशनशिप में रहने का दावा करते हैं, तो इस दावे को सही नहीं माना जा सकता है. यह एक ऐसा रिश्ता है, जिसमें एक वैवाहिक रिश्ते की तरह एक दूसरे के लिए जिम्मेदारी, प्यार और सपोर्ट होता है. पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस मनोज बजाज की खंडपीठ ने प्रेमी युगल की याचिका को खारिज करते हुए उन पर 25000 रुपये का जुर्माना भी लगाया.

दरअसल यह मामला 18 साल की युवती और 20 साल के युवक की ओर से दाखिल की गई सुरक्षा याचिका का है. इस याचिका में प्रेमी युगल ने दावा किया था कि वे एक दूसरे से प्यार करते हैं. दोनों बालिग हैं और शादी भी करना चाहते हैं. याचिका में कहा गया था कि युवती के घर वाले इस विवाह के खिलाफ है. उन्होंने आशंका जताई थी कि परिवारवाले उन्हें किसी आपराधिक केस में फंसा सकते हैं, यही कारण है कि दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं.
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ता 24 नवंबर 2021 से लिव-इन रिलेशनशिप में एक साथ होटल में रह रहे हैं. याचिका में दावा किया गया था कि परिवार और रिश्तेदारों की ओर से उन्हें धमकी दी जा रही है, इसलिए कपल ने कोर्ट से सुरक्षा मांगी है.

पढ़ें : हम लिव-इन रिलेशनशिप के खिलाफ नहीं: इलाहाबाद HC

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