नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन कृषि कानून वापसी बिल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही औपचारिक तौर पर तीनों कृषि कानून अब निरस्त हो गए हैं. संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 लोकसभा में पेश किया था. इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा ने कृषि कानून को वापस लेने वाले बिल को मंजूरी दी थी.
तीन कृषि कानूनों को रद्द करने वाला विधेयक सोमवार को शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों में पेश किया गया. दोनों सदनों में बिल पर बहस नहीं हुई. शोर-शराबे और हंगामे के बीच यह बिल पारित हो गया. विपक्ष लगातार इस बिल पर चर्चा की मांग कर रहा था.
बता दें कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के हजारों किसान नवंबर 2020 से दिल्ली के बाहर डेरा डाले हुए हैं और मांग कर रहे थे कि तीन कानूनों को वापस लिया जाए. इन तीन कानूनों के खिलाफ हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान एक साल से विरोध कर रहे हैं.
इससे पहले प्रधानमंत्री ने इन कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था. उन्होंने देश के नाम संबोधन में इसकी घोषणा की थी. पीएम मोदी ने कहा था कि यह मेरी नाकामी है, कि हम इस कानून के बारे में किसानों को समझाने में कामयाब नहीं रहे. उन्होंने कहा कि हम आगे भी किसानों के हित में फैसले करते रहेंगे.
कानून वापसी हो जाने के बाद भी संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में आंदोलन जारी है. चर्चा है कि चार दिसंबर को किसान संगठन इस पर कोई फैसला कर सकते हैं.