हैदराबाद : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) यहां 'स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी' (Statue Of Equality) परिसर के पास, 13 फरवरी को श्री रामानुजाचार्य की स्वर्ण प्रतिमा का अनावरण करेंगे. आयोजकों ने शनिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कोविंद रविवार को अपराह्न साढ़े तीन बजे 'जीवा' आश्रम पहुंचेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां पांच फरवरी को, 11वीं सदी के संत श्री रामानुजाचार्य की 216 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया था जिसे 'स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी' कहा जाता है.
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बाबा रामदेव (Baba Ramdev) भी स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी को देख चुके हैं. इससे पहले अमित शाह ने दर्शन कर कहा था कि रामानुजाचार्य का स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी आने वाले वर्षों में पूरी दुनिया को 'विशिष्टाद्वैत', समानता और 'सनातन' धर्म का संदेश देगा. रामानुजाचार्य की प्रतिमा कई वर्षों तक काम करने के लिए चेतना और उत्साह प्रदान करेगी. शाह ने 11वीं सदी के इस संत के सभी के लिए समानता के संदेश पर जोर देते हुए कहा कि रामानुजाचार्य बहुत विनम्र थे और उन्होंने कई कुरीतियों को खत्म करने का काम किया. इस प्रतिमा को देखकर मन शांति और खुशी से भर जाता है. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि यह रामानुजाचार्य के समानता तथा दुनियाभर में 'सनातन' धर्म के संदेश को आगे बढ़ाएगा. जब 'आक्रमणकारियों' ने भारत में मंदिरों पर हमला किया और उन्हें ध्वस्त किया तो रामानुजाचार्य ने ही घरों में ईश्वर की पूजा करने की परंपरा शुरू की, जिसके कारण 'सनातन' धर्म आज तक अस्तित्व में है.
ये भी पढ़ें - 'स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी' संत रामानुजाचार्यजी के ज्ञान, वैराग्य और आदर्शों की प्रतीक : PM मोदी
स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी की प्रतिमा 'पंचधातु' से बनी है
वहीं, श्री रामानुजाचार्य की समानता के संदेश की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनकी सरकार इसी भावना वाले 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' के मंत्र के साथ देश के नए भविष्य की नींव रख रही है. आज देश में एक ओर सरदार वल्लभ भाई पटेल की 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' एकता की शपथ दोहरा रही है तो रामानुजाचार्य की 'स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी' समानता का संदेश दे रही है. यही एक राष्ट्र के रूप में भारत की विशेषता है. प्रधानमंत्री ने त्रिदंडी चिन्ना जीयर स्वामी के आश्रम का भी दौरा किया था. श्री रामानुजाचार्य की प्रतिमा इसी आश्रम में स्थापित की गई है.