संयुक्त राष्ट्र : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान का बिना नाम लिए उन्हें आईना दिखाया. पीएम ने कहा कि भारत जहां आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर 75 स्वदेश उपग्रह छोड़ने की तैयारी कर रहा है, वहीं कुछ देश आतंकवाद के जरिए अपनी राजनीति चमका रहे हैं.
पीएम मोदी ने पूरे संबोधन पाकिस्तान का नाम नहीं लिया और उन्हें यह संदेश दे दिया कि महत्वपूर्ण मंच का कैसे उपयोग किया जाता है. जबकि इससे पहले महासभा को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए पाक पीएम इमरान ने कश्मीर ही नहीं आरएसएस और भाजपा तक का नाम लेकर मनगढंत आरोप लगाए.
पीएम इमरान के ये आरोप, आरोप कम, पीएम इमरान की हताशा ज्यादा लगे. वहीं पीएम मोदी ने पाक का नाम तक नहीं लिया और बता दिया कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश और विश्व के लिए क्यों महत्वपूर्ण है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति का उल्लेख किया और कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना बहुत जरूरी है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए ना हो.
उन्होंने कहा कि आज दुनिया के सामने प्रतिगामी सोच और अतिवाद का खतरा बढ़ता जा रहा है. इन परिस्थितियों में पूरे विश्व को विज्ञान आधारित तर्कसंगत और प्रगतिशील सोच को विकास का आधार बनाना ही होगा.
उन्होंने कहा कि भारत अपनी आजादी के 75वें साल में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और 75 ऐसे उपग्रह अंतरिक्ष में भेजने की तेयारी कर रहा है, जो छात्रों और शोधार्थियों ने तैयार किए हैं. उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी ओर रिग्रेसिव (प्रतिगामी) सोच के साथ, जो देश आतंकवाद का राजनीतिक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें ये समझना होगा कि आतंकवाद उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसलिए यह सुनिश्चित किया जाना बहुत जरूरी है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए नहीं हो. उन्होंने कहा कि हमें इस बात के लिए भी सतर्क रहना होगा कि वहां की परिस्थितियों का कोई देश अपने स्वार्थ के लिए एक उपकरण की तरह इस्तेमाल ना करे.
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उन्होंने कहा कि यह समय अफगानिस्तान की जनता, वहां की महिलाओं और बच्चों के साथ ही वहां के अल्पसंख्यकों की मदद करने का है, इसके लिए हमें अपना दायित्व निभाना ही होगा.