ETV Bharat / bharat

प्रौद्योगिकी कंपनियों को लोकतांत्रिक समाज के संरक्षण में योगदान देना चाहिए : मोदी

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोकतंत्र पर आयोजित शिखर सम्मेलन में भाग लिया. डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी कंपनियों को लोकतांत्रिक समाज को संरक्षित करने में योगदान देना चाहिए.

Prime Minister Narendra Modi (file photo)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
author img

By

Published : Dec 10, 2021, 2:16 AM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) ने गुरुवार को कहा कि प्रौद्योगिकी कंपनियों को लोकतांत्रिक समाज को संरक्षित करने में योगदान देना चाहिए क्योंकि प्रौद्योगिकी में लोकतंत्र को 'सकारात्मक या नकारात्मक' रूप से प्रभावित करने की क्षमता है.

पीएम मोदी लोकतंत्र पर आयोजित एक शिखर सम्मेलन (Summit for Democracy) को डिजिटल तरीके से संबोधित कर रहे थे. इस शिखर सम्मेलन की मेज़बानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन कर रहे हैं और 100 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि इसमें शिरकत कर रहे हैं.

सूत्रों ने बताया कि मोदी ने अपने संबोधन में भारतीय लोकतांत्रिक शासन के चार स्तंभों के रूप में संवेदनशीलता, जवाबदेही, भागीदारी और सुधार अनुकूलता को भी रेखांकित किया. उन्होंने बताया कि मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि लोकतंत्र के सिद्धांतों को वैश्विक शासन का भी मार्गदर्शन करना चाहिए. मोदी ने भारत के सभ्यतागत लोकाचार को लोकतंत्र के मूल स्रोतों में से एक के तौर पर रेखांकित किया.

सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून के शासन और बहुलवादी लोकाचार के प्रति सम्मान सहित लोकतांत्रिक भावना भारतीयों में गहराई से समाई हुई है. उन्होंने कहा कि भारतीय प्रवासियों में भी यह है और इस तरह से वे अपनाये गए देशों की आर्थिक भलाई और सामाजिक सद्भाव में योगदान दे रहे हैं.

मोदी ने कहा कि ठीक 75 साल पहले आज की ही तारीख को भारत की संविधान सभा ने अपना पहला सत्र आयोजित किया था. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि लोकतांत्रिक देशों को उनके संविधानों में निहित मूल्यों को पूरा करने की जरूरत है.

एक सूत्र ने बताया, 'उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित करने की प्रौद्योगिकी की क्षमता को देखते हुए, प्रौद्योगिकी कंपनियों को खुले और लोकतांत्रिक समाज के संरक्षण में योगदान देना चाहिए.'

पढ़ें- भारत-अमेरिका ने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई

एक विशेष संकेत के रूप में, मोदी को मुख्य 'लीडर्स प्लेनेरी सेशन' में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया था. इसकी मेजबानी राष्ट्रपति बाइडेन ने की. यह सत्र बंद कमरे में हुआ है और इसमें भारत समेत चुनिंदा 12 देशों के नेताओं ने शिरकत की. शुक्रवार को मोदी भारत का राष्ट्रीय बयान देंगे. यह सत्र सार्वजनिक होगा.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) ने गुरुवार को कहा कि प्रौद्योगिकी कंपनियों को लोकतांत्रिक समाज को संरक्षित करने में योगदान देना चाहिए क्योंकि प्रौद्योगिकी में लोकतंत्र को 'सकारात्मक या नकारात्मक' रूप से प्रभावित करने की क्षमता है.

पीएम मोदी लोकतंत्र पर आयोजित एक शिखर सम्मेलन (Summit for Democracy) को डिजिटल तरीके से संबोधित कर रहे थे. इस शिखर सम्मेलन की मेज़बानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन कर रहे हैं और 100 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि इसमें शिरकत कर रहे हैं.

सूत्रों ने बताया कि मोदी ने अपने संबोधन में भारतीय लोकतांत्रिक शासन के चार स्तंभों के रूप में संवेदनशीलता, जवाबदेही, भागीदारी और सुधार अनुकूलता को भी रेखांकित किया. उन्होंने बताया कि मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि लोकतंत्र के सिद्धांतों को वैश्विक शासन का भी मार्गदर्शन करना चाहिए. मोदी ने भारत के सभ्यतागत लोकाचार को लोकतंत्र के मूल स्रोतों में से एक के तौर पर रेखांकित किया.

सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून के शासन और बहुलवादी लोकाचार के प्रति सम्मान सहित लोकतांत्रिक भावना भारतीयों में गहराई से समाई हुई है. उन्होंने कहा कि भारतीय प्रवासियों में भी यह है और इस तरह से वे अपनाये गए देशों की आर्थिक भलाई और सामाजिक सद्भाव में योगदान दे रहे हैं.

मोदी ने कहा कि ठीक 75 साल पहले आज की ही तारीख को भारत की संविधान सभा ने अपना पहला सत्र आयोजित किया था. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि लोकतांत्रिक देशों को उनके संविधानों में निहित मूल्यों को पूरा करने की जरूरत है.

एक सूत्र ने बताया, 'उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित करने की प्रौद्योगिकी की क्षमता को देखते हुए, प्रौद्योगिकी कंपनियों को खुले और लोकतांत्रिक समाज के संरक्षण में योगदान देना चाहिए.'

पढ़ें- भारत-अमेरिका ने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई

एक विशेष संकेत के रूप में, मोदी को मुख्य 'लीडर्स प्लेनेरी सेशन' में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया था. इसकी मेजबानी राष्ट्रपति बाइडेन ने की. यह सत्र बंद कमरे में हुआ है और इसमें भारत समेत चुनिंदा 12 देशों के नेताओं ने शिरकत की. शुक्रवार को मोदी भारत का राष्ट्रीय बयान देंगे. यह सत्र सार्वजनिक होगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.