नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Modi) ने शनिवार को अहमदाबाद में सरदारधाम भवन (Sardardham Bhavan) का उद्घाटन किया. बता दें, यह भवन बेहतर नौकरी की इच्छा रखने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के लड़कियों और लड़कों को छात्रावास की सुविधा मुहैया करवाएगा. पाटीदार समाज द्वारा बनाया गया यह कॉम्प्लेक्स छात्रों को उचित दर पर ट्रेनिंग, बोर्डिंग, लॉज की सुविधाएं प्रदान करेगा. इस मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल भी मौजूद रहे.
सरदारधाम भवन का लोकार्पण करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी शुभ काम से पहले हमारे यहां गणेश पूजन की परंपरा है और सौभाग्य से सरदारधाम भवन का श्रीगणेश भी गणेश पूजन के पवित्र त्योहार के अवसर पर हो रहा है. कल गणेश चतुर्थी थी, आज पूरा देश गणेश उत्सव मना रहा है. मैं आप सभी को दोनों उत्सवों की बधाई देता हूं. उन्होंने प्रेरणास्रोत लौह पुरुष सरदार साहब को श्रद्धांजलि भी अर्पित की. उन्होंने कहा कि मैं सरदार धाम के उन सभी सदस्यों को भी बधाई देता हूं, जिन्होंने अपने समर्पण से सेवा के इस अद्भूत प्रकल्प को आकार दिया है.
इस मौके पर पीएम मोदी ने शिकागो में दिए गए स्वामी विवेकानंद के भाषण को याद करते हुए कहा कि आज के ही दिन 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद का आयोजन हुआ था. आज के ही दिन स्वामी विवेकानंद ने वैश्विक मंच पर खड़े होकर दुनिया को भारत के मानवीय मूल्यों से परिचित करवाया था.
सरदारधाम फेज- II गर्ल्स हॉस्टल का किया भूमि पूजन
पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुबह 11 बजे सरदारधाम फेज- II गर्ल्स हॉस्टल का भूमि पूजन भी किया. कार्यक्रम के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल भी मौजूद रहे. पीएमओ ने बताया कि सरदारधाम शैक्षिक और सामाजिक परिवर्तन, समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान और युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में काम कर रहा है.
सरदारधाम भवन का लोकार्पण करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पाटीदार समाज के युवाओं के साथ-साथ गरीबों और विशेषकर महिलाओं के सशक्तिकरण पर आपका जो जोर है वो वाकई सराहनीय है. हॉस्टल की सुविधा भी कितनी ही बेटियों को आगे आने में मदद करेगी. पीएम मोदी ने कहा कि आज 11 सितंबर यानी 9/11 है। दुनिया के इतिहास की एक ऐसी तारीख जिसे मानवता पर प्रहार के लिए जाना जाता है, लेकिन इसी तारीख ने पूरे विश्व को काफी कुछ सिखाया भी! एक सदी पहले ये 11 सितंबर 1893 का ही दिन था जब शिकागो में विश्व धर्म संसद का आयोजन हुआ था.
उन्होंने कहा कि आज के ही दिन स्वामी विवेकानंद ने उस वैश्विक मंच पर खड़े होकर दुनिया को भारत के मानवीय मूल्यों से परिचित कराया था. आज दुनिया ये महसूस कर रही है कि 9/11 जैसी त्रासदियों का स्थायी समाधान, मानवता के इन्हीं मूल्यों से ही होगा. सुब्रमण्य भारती जी हमेशा भारत की एकता पर, मानवमात्र की एकता पर विशेष बल देते थे. उनका ये आदर्श भारत के विचार और दर्शन का अभिन्न हिस्सा है.
उन्होंने कहा कि आज इस अवसर पर मैं एक महत्वपूर्ण घोषणा भी कर रहा हूं. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में सुब्रमण्य भारती जी के नाम से एक Chair स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. Tamil Studies पर 'सुब्रमण्य भारती चेयर' BHU के फेकल्टी ऑफ आर्ट्स में स्थापित होगी.