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भारतीय अंतरिक्ष संघ की शुरुआत, पीएम बोले- भारत में पहले कभी इतनी निर्णायक सरकार नहीं रही - ISpA

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष संघ (ISpA) की शुरुआत की. आईएसपीए अंतरिक्ष और उपग्रह कंपनियों का प्रमुख उद्योग संघ है, जो भारतीय अंतरिक्ष उद्योग की सामूहिक आवाज बनने की आकांक्षा रखता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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Published : Oct 11, 2021, 12:03 PM IST

Updated : Oct 11, 2021, 7:29 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को भारतीय अंतरिक्ष संघ (ISpA) की शुरुआत की. इसके बाद 'लॉन्च ऑफ इंडियन स्पेस एसोसिएशन' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि आज जितनी निर्णायक सरकार भारत में है, इतनी पहले कभी नहीं रही. स्पेस क्षेत्र और स्पेस तकनीक को लेकर आज भारत में जो रिफॉर्म हो रहे हैं, वो इसी की कड़ी है. मैं इंडियन स्पेस एसोसिएशन के गठन के लिए बधाई और शुभकामनाएं देता हूं.

साथ ही पीएम ने एअर इंडिया के निजीकरण समेत व्यापक सुधारों के अपनी सरकार के प्रयासों को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि खनन, कोयला, रक्षा और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्र निजी उद्योगों के लिए खोले गये हैं और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के बारे में उनकी सरकार की स्पष्ट नीति है कि जहां उसकी उपस्थिति की आवश्यकता नहीं है उन क्षेत्रों को निजी उद्योगों के लिए खोला जाए.

उन्होंने कहा कि अनेक क्षेत्रों को निजी उद्योगों के लिए खोलते हुए सरकार ने एक नियामक माहौल बनाया है जिसमें राष्ट्रीय हित को और विभिन्न पक्षों के हितों को प्राथमिकता दी गई है.

मोदी ने घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की एयरलाइन एअर इंडिया का निजीकरण करने में सरकार की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि यह उसकी प्रतिबद्धता और गंभीरता को दर्शाता है.

अंतरिक्ष क्षेत्र के लोगों द्वारा अपने विचार साझा किये जाने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की क्षमताओं पर यह अडिग विश्वास 21वीं सदी में सुधार लाने में अहम भूमिका निभा रहा है कि वह दुनिया के किसी अन्य देश से रत्ती भर भी कम नहीं है.

उन्होंने कहा, 'इस दिशा में किसी भी अवरोध को हटाने की जिम्मेदारी सरकार की है और सरकार इसके लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही. भारत में कभी इतनी निर्णायक सरकार नहीं रही.'

मोदी ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र और प्रौद्योगिकी से जुड़े सुधार इन प्रयासों का हिस्सा हैं.

उन्होंने कहा कि एक समय अंतरिक्ष क्षेत्र सरकारी क्षेत्र के समानार्थी बन गया था लेकिन उनकी सरकार ने इस सोच को बदला है. उन्होंने कहा कि यह देश के लिए एक दिशा में नवाचार का समय नहीं है, बल्कि बहुआयामी नवोन्मेषिता का समय है और यह तब संभव होगा जब सरकार सामर्थ्य प्रदान करने (इनेबलर) की भूमिका निभाएगी ना कि संभालने वाले (हैंडलर) की.

'आत्मनिर्भर भारत' समेकित आर्थिक रणनीति

उन्होंने कहा कि भारत में इतने बड़े स्तर पर सुधार दिख रहे हैं क्योंकि उसका दृष्टिकोण स्पष्ट है, जो 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने का है. यह केवल एक दृष्टिकोण नहीं है बल्कि सुविचारित योजना और समेकित आर्थिक रणनीति भी है. इसका उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण का केंद्र बनाना है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत उन कुछ देशों में शामिल है जिनके पास अंतरिक्ष क्षेत्र में 'एंड टू एंड' (एक सिरे से दूसरे सिरे तक निर्बाध आपूर्ति वाली) प्रौद्योगिकी है. उन्होंने कहा कि सरकार साझेदार के रूप में उद्योगों, युवा नवोन्मेषकों और स्टार्ट-अप की मदद कर रही है और करती रहेगी.

उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों के लिए सरकार के प्रयास चार स्तंभों पर आधारित हैं, जिनमें निजी क्षेत्र को नवोन्मेषिता की स्वतंत्रता देना, सरकार की सामर्थ्य प्रदान करने की भूमिका निभाना, युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करना तथा क्षेत्र की कल्पना आम आदमी के विकास में सहायता प्रदान करने वाले स्रोत के रूप में करना शामिल हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष और अंतरिक्ष क्षेत्र पर राज करने की कोशिश की प्रवृत्ति ने 20वीं सदी में दुनिया को बांट दिया था और भारत को 21वीं सदी में सुनिश्चित करना होगा कि यह क्षेत्र दुनिया को जोड़ने और एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए.

उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र 130 करोड़ देशवासियों की प्रगति का बड़ा माध्यम है. अंतरिक्ष क्षेत्र का यह भी आशय है कि उद्यमियों के लिए सामान भेजने से लेकर आपूर्ति तक बेहतर गति. इससे आशय मछुआरों के लिए बेहतर सुरक्षा तथा आय से भी है.

मोदी ने कहा कि पिछले सात साल में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अंतिम छोर तक आपूर्ति का तथा पारदर्शी शासन का साधन बन गई है. उन्होंने विश्वास जताया कि सभी हितधारकों के सुझावों के माध्यम से एक बेहतर स्पेसकॉम और सुदूर संवेदी नीति जल्द सामने आएगी जो अंतिम चरणों में है.

'अंतरिक्ष क्षेत्र में महिलाएं निभाएंगी बड़ी भूमिका'

सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले दिनों में अंतरिक्ष क्षेत्र में महिलाएं बड़ी भूमिकाएं निभाएंगी. उन्होंने कहा कि जब देश 2047 में आजादी के 100 वर्ष का उत्सव मना रहा होगा तो इस क्षेत्र की भारत की यात्रा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी.

सरकार ने कहा कि आईएसपीए में सरकार और उसकी एजेंसियों समेत भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के सभी पक्षों की सहभागिता रहेगी. उसने कहा कि प्रधानमंत्री के 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए संगठन भारत को आत्मनिर्भर, प्रौद्योगिकी के लिहाज से उन्नत तथा अंतरिक्ष क्षेत्र में नेतृत्व करने वाला बनाने में मदद करेगा.

यह भी पढ़ें- स्वामित्व योजना आधुनिक टेक्नॉलॉजी से देश के गांवों में विकास और विश्वास का नया मंत्र है- पीएम मोदी

आईएसपीए के संस्थापक सदस्यों में लार्सन एंड टूब्रो, नेल्को (टाटा समूह), वनवेब, भारती एयरटेल, मैपमाईइंडिया, वालचंदनगर इंडस्ट्रीज और अनंत टेक्नोलॉजी लिमिटेड शामिल हैं. इसके अन्य प्रमुख सदस्यों में गॉदरेज, ह्यूजेस इंडिया, अजिस्ता-बीएसटी एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड, बीईएल, सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स और मैक्सर इंडिया शामिल हैं.

(एजेंसी इनपुट)

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को भारतीय अंतरिक्ष संघ (ISpA) की शुरुआत की. इसके बाद 'लॉन्च ऑफ इंडियन स्पेस एसोसिएशन' कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि आज जितनी निर्णायक सरकार भारत में है, इतनी पहले कभी नहीं रही. स्पेस क्षेत्र और स्पेस तकनीक को लेकर आज भारत में जो रिफॉर्म हो रहे हैं, वो इसी की कड़ी है. मैं इंडियन स्पेस एसोसिएशन के गठन के लिए बधाई और शुभकामनाएं देता हूं.

साथ ही पीएम ने एअर इंडिया के निजीकरण समेत व्यापक सुधारों के अपनी सरकार के प्रयासों को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि खनन, कोयला, रक्षा और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्र निजी उद्योगों के लिए खोले गये हैं और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के बारे में उनकी सरकार की स्पष्ट नीति है कि जहां उसकी उपस्थिति की आवश्यकता नहीं है उन क्षेत्रों को निजी उद्योगों के लिए खोला जाए.

उन्होंने कहा कि अनेक क्षेत्रों को निजी उद्योगों के लिए खोलते हुए सरकार ने एक नियामक माहौल बनाया है जिसमें राष्ट्रीय हित को और विभिन्न पक्षों के हितों को प्राथमिकता दी गई है.

मोदी ने घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की एयरलाइन एअर इंडिया का निजीकरण करने में सरकार की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि यह उसकी प्रतिबद्धता और गंभीरता को दर्शाता है.

अंतरिक्ष क्षेत्र के लोगों द्वारा अपने विचार साझा किये जाने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की क्षमताओं पर यह अडिग विश्वास 21वीं सदी में सुधार लाने में अहम भूमिका निभा रहा है कि वह दुनिया के किसी अन्य देश से रत्ती भर भी कम नहीं है.

उन्होंने कहा, 'इस दिशा में किसी भी अवरोध को हटाने की जिम्मेदारी सरकार की है और सरकार इसके लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही. भारत में कभी इतनी निर्णायक सरकार नहीं रही.'

मोदी ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र और प्रौद्योगिकी से जुड़े सुधार इन प्रयासों का हिस्सा हैं.

उन्होंने कहा कि एक समय अंतरिक्ष क्षेत्र सरकारी क्षेत्र के समानार्थी बन गया था लेकिन उनकी सरकार ने इस सोच को बदला है. उन्होंने कहा कि यह देश के लिए एक दिशा में नवाचार का समय नहीं है, बल्कि बहुआयामी नवोन्मेषिता का समय है और यह तब संभव होगा जब सरकार सामर्थ्य प्रदान करने (इनेबलर) की भूमिका निभाएगी ना कि संभालने वाले (हैंडलर) की.

'आत्मनिर्भर भारत' समेकित आर्थिक रणनीति

उन्होंने कहा कि भारत में इतने बड़े स्तर पर सुधार दिख रहे हैं क्योंकि उसका दृष्टिकोण स्पष्ट है, जो 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने का है. यह केवल एक दृष्टिकोण नहीं है बल्कि सुविचारित योजना और समेकित आर्थिक रणनीति भी है. इसका उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण का केंद्र बनाना है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत उन कुछ देशों में शामिल है जिनके पास अंतरिक्ष क्षेत्र में 'एंड टू एंड' (एक सिरे से दूसरे सिरे तक निर्बाध आपूर्ति वाली) प्रौद्योगिकी है. उन्होंने कहा कि सरकार साझेदार के रूप में उद्योगों, युवा नवोन्मेषकों और स्टार्ट-अप की मदद कर रही है और करती रहेगी.

उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों के लिए सरकार के प्रयास चार स्तंभों पर आधारित हैं, जिनमें निजी क्षेत्र को नवोन्मेषिता की स्वतंत्रता देना, सरकार की सामर्थ्य प्रदान करने की भूमिका निभाना, युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करना तथा क्षेत्र की कल्पना आम आदमी के विकास में सहायता प्रदान करने वाले स्रोत के रूप में करना शामिल हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष और अंतरिक्ष क्षेत्र पर राज करने की कोशिश की प्रवृत्ति ने 20वीं सदी में दुनिया को बांट दिया था और भारत को 21वीं सदी में सुनिश्चित करना होगा कि यह क्षेत्र दुनिया को जोड़ने और एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए.

उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र 130 करोड़ देशवासियों की प्रगति का बड़ा माध्यम है. अंतरिक्ष क्षेत्र का यह भी आशय है कि उद्यमियों के लिए सामान भेजने से लेकर आपूर्ति तक बेहतर गति. इससे आशय मछुआरों के लिए बेहतर सुरक्षा तथा आय से भी है.

मोदी ने कहा कि पिछले सात साल में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अंतिम छोर तक आपूर्ति का तथा पारदर्शी शासन का साधन बन गई है. उन्होंने विश्वास जताया कि सभी हितधारकों के सुझावों के माध्यम से एक बेहतर स्पेसकॉम और सुदूर संवेदी नीति जल्द सामने आएगी जो अंतिम चरणों में है.

'अंतरिक्ष क्षेत्र में महिलाएं निभाएंगी बड़ी भूमिका'

सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर पीएम मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले दिनों में अंतरिक्ष क्षेत्र में महिलाएं बड़ी भूमिकाएं निभाएंगी. उन्होंने कहा कि जब देश 2047 में आजादी के 100 वर्ष का उत्सव मना रहा होगा तो इस क्षेत्र की भारत की यात्रा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी.

सरकार ने कहा कि आईएसपीए में सरकार और उसकी एजेंसियों समेत भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के सभी पक्षों की सहभागिता रहेगी. उसने कहा कि प्रधानमंत्री के 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए संगठन भारत को आत्मनिर्भर, प्रौद्योगिकी के लिहाज से उन्नत तथा अंतरिक्ष क्षेत्र में नेतृत्व करने वाला बनाने में मदद करेगा.

यह भी पढ़ें- स्वामित्व योजना आधुनिक टेक्नॉलॉजी से देश के गांवों में विकास और विश्वास का नया मंत्र है- पीएम मोदी

आईएसपीए के संस्थापक सदस्यों में लार्सन एंड टूब्रो, नेल्को (टाटा समूह), वनवेब, भारती एयरटेल, मैपमाईइंडिया, वालचंदनगर इंडस्ट्रीज और अनंत टेक्नोलॉजी लिमिटेड शामिल हैं. इसके अन्य प्रमुख सदस्यों में गॉदरेज, ह्यूजेस इंडिया, अजिस्ता-बीएसटी एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड, बीईएल, सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स और मैक्सर इंडिया शामिल हैं.

(एजेंसी इनपुट)

Last Updated : Oct 11, 2021, 7:29 PM IST
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