कानपुर: आईआईटी कानपुर में पीएचडी की छात्रा प्रियंका जायसवाल ने आत्महत्या कर ली. जैसे ही पुलिस को सूचना मिली तो आनन-फानन में कल्याणपुर थाना प्रभारी धनंजय पांडेय कैम्पस में पहुंचे. छात्रावास संख्या-4 के कमरा नंबर 312 के अंदर जब पुलिसकर्मियों ने झांका तो उनके होश उड़ गए. अंदर प्रियंका मृत पड़ी थी और कमरा बंद था. फौरन ही फोरेंसिक यूनिट को मौके पर बुलाया गया.
मामले पर एडीसीपी वेस्ट आकाश पटेल ने बताया कि दोपहर एक बजे आईआईटी कानपुर से पीएचडी छात्रा के सुसाइड करने की सूचना मिली थी. फौरन ही एसएचओ को फोर्स के साथ कैम्पस भेजा गया. फोरेंसिक यूनिट जब साक्ष्य जुटा लेगी, तब ही छात्रा के सुसाइड संबंधी कारणों का पता लग सकेगा. वहीं, छात्रा की मौत को लेकर साथी छात्र भी चुप थे. कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं. एडीसीपी वेस्ट ने बताया, कि प्रियंका 29 साल की थी.
दो माह के अंदर आत्महत्या का तीसरा मामला: आईआईटी कानपुर कैम्पस में दो माह के अंदर छात्र व शोध फैकल्टी सदस्य द्वारा आत्महत्या करने का तीसरा मामला सामने आया है. दिसंबर के तीसरे हफ्ते में उड़ीसा निवासी शोध फैकल्टी सदस्य डॉ.पल्लवी ने भी आत्महत्या की थी. जबकि जनवरी के पहले हफ्ते में मेरठ के पीएचडी छात्र विकास मीणा ने कैम्पस के अंदर जान दे दी थी. वहीं, गुरुवार को पीएचडी छात्रा प्रियंका ने भी मौत चुन ली.
प्रशासनिक अफसरों की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल: आईआईटी कानपुर में जिस तरह से छात्र आत्महत्या कर ले रहे हैं, उससे अब प्रशासनिक अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. छात्रों का कहना है कि पढ़ाई का तनाव जो उन्हें मिलता है, उसका समाधान कोई नहीं कर सकता.
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