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जय श्रीराम का नारा तो सभी लगाते हैं, लेकिन उनके जैसा कर्म भी करना चाहिए : भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जय श्रीराम का नारा तो सभी लगाते हैं, लेकिन उनके जैसा कर्म भी करना चाहिए. नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम बोलते हुए भागवत ने कहा कि पिछले 75 वर्षों में हमें जितना आगे बढ़ना चाहिए था, हम उतना नहीं बढ़े. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर.

मोहन भागवत
मोहन भागवत
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Published : Nov 21, 2021, 10:22 PM IST

Updated : Nov 21, 2021, 10:52 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत (Rashtriya Swayamsevak Sangh chief Mohan Bhagwat ) ने कहा कि पिछले 75 वर्षों में हमें जितना आगे बढ़ना चाहिए था, हम उतना नहीं बढ़े. नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि हमारे पास ताकत तो है, लेकिन इसके लिए कर्म भी करना चाहिए. मोहन भागवत ने कहा कि देश को आगे ले जाने के रास्ते पर चलेंगे, तभी तो आगे बढ़ेंगे. हम उस रास्ते पर नहीं चले इसलिए आगे नहीं बढ़ पाए.

  • #WATCH | Nowadays, we raise the slogan of 'Jai Shri Ram' enthusiastically. There is nothing bad in it but we should also follow the path shown by Lord Ram: RSS chief Mohan Bhagwat at an event in Delhi pic.twitter.com/rCrttILjJf

    — ANI (@ANI) November 21, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

राष्ट्रीय सेवा भारती के सहयोग से नई दिल्ली में संत ईश्वर फाउंडेशन द्वारा आयोजित संत ईश्वर सम्मान-2021 समारोह (Sant Ishwar Samman at Vigyan Bhawan) में बोलते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने चींटी का उदाहरण देते हुए कहा कि चींटी का भी मागइग्रेशन होता है, ये भी एक गांव से दूसरे गांव चले जाते हैं. उन्होने कहा कि हमारे पास ताकत और क्षमता तो है, लेकिन इसके लिए कर्म भी करना चाहिए.

इस कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि दुनिया के सभी देशों में मिलाकर जितने महापुरुष हुए होंगे, उससे कहीं अधिक भारत में हुए हैं. उन्होने कहा कि जय श्रीराम (Jai Shri Ram ) का नारा तो सभी लगाते हैं, लेकिन उनके जैसा कर्म भी करना चाहिए. भरत की तरह भाई को प्रेम करने वाला भाई भी होना चाहिए, लेकिन हम ऐसा नहीं करते हैं. परिवार के महत्व के बारे में बोलते हुए भागवत ने कहा कि अगर परिवार का आचरण ठीक से रखा जाए, तो देश की पीढ़ी भटक नहीं सकती है.

यह भी पढ़ें- Farm Laws Repeal : पीएम मोदी को संयुक्त किसान मोर्चा का खुला पत्र, जताया असंतोष

धर्म के बारे में बोलते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि लोग धर्म को पूजा की दृष्टि से देखते हैं, जबकि धर्म, मानव धर्म है और इसी तरह का हिंदू धर्म हिंदूस्तान से निकला है. उन्होने सेवा के लिए टिकट और पद पाने की सिफारिश लेकर आने वाले व्यक्ति का उदाहरण देते हुए कहा कि मजबूरी में किया गया कार्य सेवा कार्य नहीं हो सकता है.

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी मौजूद थे.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत (Rashtriya Swayamsevak Sangh chief Mohan Bhagwat ) ने कहा कि पिछले 75 वर्षों में हमें जितना आगे बढ़ना चाहिए था, हम उतना नहीं बढ़े. नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि हमारे पास ताकत तो है, लेकिन इसके लिए कर्म भी करना चाहिए. मोहन भागवत ने कहा कि देश को आगे ले जाने के रास्ते पर चलेंगे, तभी तो आगे बढ़ेंगे. हम उस रास्ते पर नहीं चले इसलिए आगे नहीं बढ़ पाए.

  • #WATCH | Nowadays, we raise the slogan of 'Jai Shri Ram' enthusiastically. There is nothing bad in it but we should also follow the path shown by Lord Ram: RSS chief Mohan Bhagwat at an event in Delhi pic.twitter.com/rCrttILjJf

    — ANI (@ANI) November 21, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

राष्ट्रीय सेवा भारती के सहयोग से नई दिल्ली में संत ईश्वर फाउंडेशन द्वारा आयोजित संत ईश्वर सम्मान-2021 समारोह (Sant Ishwar Samman at Vigyan Bhawan) में बोलते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने चींटी का उदाहरण देते हुए कहा कि चींटी का भी मागइग्रेशन होता है, ये भी एक गांव से दूसरे गांव चले जाते हैं. उन्होने कहा कि हमारे पास ताकत और क्षमता तो है, लेकिन इसके लिए कर्म भी करना चाहिए.

इस कार्यक्रम में भागवत ने कहा कि दुनिया के सभी देशों में मिलाकर जितने महापुरुष हुए होंगे, उससे कहीं अधिक भारत में हुए हैं. उन्होने कहा कि जय श्रीराम (Jai Shri Ram ) का नारा तो सभी लगाते हैं, लेकिन उनके जैसा कर्म भी करना चाहिए. भरत की तरह भाई को प्रेम करने वाला भाई भी होना चाहिए, लेकिन हम ऐसा नहीं करते हैं. परिवार के महत्व के बारे में बोलते हुए भागवत ने कहा कि अगर परिवार का आचरण ठीक से रखा जाए, तो देश की पीढ़ी भटक नहीं सकती है.

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धर्म के बारे में बोलते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि लोग धर्म को पूजा की दृष्टि से देखते हैं, जबकि धर्म, मानव धर्म है और इसी तरह का हिंदू धर्म हिंदूस्तान से निकला है. उन्होने सेवा के लिए टिकट और पद पाने की सिफारिश लेकर आने वाले व्यक्ति का उदाहरण देते हुए कहा कि मजबूरी में किया गया कार्य सेवा कार्य नहीं हो सकता है.

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी मौजूद थे.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

Last Updated : Nov 21, 2021, 10:52 PM IST
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