नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को बताया कि केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के शिक्षकों के लिए आरक्षित 3,532 सीटें रिक्त हैं. राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार ने यह जानकारी दी. उनके मुताबिक केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति के 2,219 और अनुसूचित जनजाति के 1,313 पद रिक्त हैं.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अनुसूचित जाति की 988 और अनुसूचित जनजाति की 576, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में अनुसूचित जाति की 583 और अनुसूचित जनजाति की 299, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल आईटी) में अनुसूचित जाति की 97 और अनुसूचित जनजाति की 63, भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में अनुसूचित जाति की 42 और अनुसूचित जनजाति की 35, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) में अनुसूचित जाति की 480 और अनुसूचित जनजाति की 321, भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान में अनुसूचित जाति की 10 और अनुसूचित जनजाति की छह, योजना तथा वास्तुकला विद्यालय में अनुसूचित जाति व जनजाति की सात-सात और राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान में अनुसूचित जाति की 12 और अनुसूचित जनजाति की छह सीटें रिक्त हैं. सरकार ने बताया कि रिक्तियों का होना और उन्हें भरना एक सतत प्रक्रिया है.
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उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति, इस्तीफे और छात्र संख्या में वृद्धि और अतिरिक्त आवश्यकताओं के कारण रिक्तियां उत्पन्न होती हैं. उन्होंने बताया कि संस्थान संकाय की कमी दूर करने के लिए विभिन्न उपायों को करते हैं, जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ शोधार्थियों को नियोजित करना, अनुबंध, पुन: नियोजन, सहायक और विजिटिंग फैकल्टी शामिल है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय ने सभी केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थानों से मिशन मोड में रिक्तियों को भरने का अनुरोध किया है. उन्होंने बताया कि अगस्त 2021 में 8,589 पदों के लिए विज्ञापन दिया गया है, जिसके लिए चयन प्रक्रिया जारी है.