नई दिल्ली: कर्नाटक के कॉलेज में हिजाब पहनने को लेकर चल रहे विवाद पर 8 विपक्षी दलों ने लोकसभा में वाकआउट किया. इसमें कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके), मारुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) शामिल हैं.
इस मामले पर बोलते हुए, लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'आज हमने हिजाब का मुद्दा जोर- शोर से उठाया है. हमारे देश में हिजाब पहनना कोई अपराध नहीं है. भारत को दुनिया में एक धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में माना जाता है, जहां प्रत्येक व्यक्ति को बिना किसी प्रतिबंध के अपनी संस्कृति और प्रथाओं को जारी रखने की स्वतंत्रता है.'
उन्होंने आगे कहा, 'अब, देश में, मुस्लिम समुदाय की बहनों पर एक प्रकार से मोरल (नैतिक) पुलिसिंग की गई है, जो निश्चित रूप से हमारे समाज में एक बड़ी दरार पैदा करेगी.' कांग्रेस नेता ने मांग की कि सरकार को सामने आना चाहिए और कर्नाटक में मुस्लिम लड़कियों पर हिजाब पहनने के लिए किए जा रहे अत्याचारों पर अपना बयान देना चाहिए. अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'सरकार ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, इसलिए हमने वाकआउट किया,'
इससे पहले मंगलवार को कर्नाटक के एक कॉलेज से एक वीडियो सामने आया जिसमें छात्रों के भगवा-पहने एक समूह को हिजाब पहनी अकेली छात्रा के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार करते हुए दिखाया गया था. इस बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर विरोध राजनीतिक समर्थन पर किया जा रहा है, जिसमें कहा गया है कि सभी छात्रों को स्कूलों / प्रशासन द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड का पालन करना चाहिए, क्योंकि राज्य में 'कानून और व्यवस्था' बनाए रखा जाना चाहिए.