ETV Bharat / bharat

हम लिव-इन रिलेशनशिप के खिलाफ नहीं: इलाहाबाद HC - prayagraj

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समलैंगिक जोड़े को पुलिस सुरक्षा प्रदान करते हुए कहा कि अदालत लिव-इन रिलेशनशिप के खिलाफ नहीं है.

इलाहाबाद HC
इलाहाबाद HC
author img

By

Published : Nov 18, 2021, 2:30 PM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक समलैंगिक जोड़े को यह कहकर पुलिस सुरक्षा दी कि अदालत लिव-इन रिलेशनशिप के खिलाफ नहीं है. जस्टिस डॉ कौशल जयेंद्र ठाकर और जस्टिस अजय त्यागी की बेंच ने अंजू सिंह और उसके लिव-इन पार्टनर की सुरक्षा याचिका की सुनवाई की.

याचिकाकर्ता ने शिकायत की थी कि उन्हें और उनके लिव-इन पार्टनर को परेशान किया जा रहा है. यदि उन्हें प्रशासन की ओर से सुरक्षा नहीं मिली तो निजी उत्तरदाताओं द्वारा उन्हें शांति से नहीं रहने दिया जाएगा.

पढ़ें : सही निर्णय लेने में दुविधा हो तो महात्मा गांधी के ‌'जंतर' का इस्तेमाल करें : इलाहाबाद हाईकोर्ट

याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि वे बालिग लड़कियां हैं जो लिव-इन रिलेशन में रहना चाहती हैं और वे समलैंगिक जोड़े हैं. यह भी बताया कि उनके माता-पिता ने उन्हें उनके रिश्ते को खत्म करने के लिए दबाव बनाया और ऐसा नहीं करने पर जान से मारने की धमकी भी दी. यहां तक कि उन्होंने याचिकाकर्ताओं को झूठे आपराधिक मामले में फंसाने की धमकी भी दी है.

इस पर अदालत ने कहा कि वह लिव-इन रिलेशन के खिलाफ नहीं है. इसलिए, पुलिस को सभी दस्तावेजों की जांच करने के बाद उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का अदालत ने निर्देश दिया.

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक समलैंगिक जोड़े को यह कहकर पुलिस सुरक्षा दी कि अदालत लिव-इन रिलेशनशिप के खिलाफ नहीं है. जस्टिस डॉ कौशल जयेंद्र ठाकर और जस्टिस अजय त्यागी की बेंच ने अंजू सिंह और उसके लिव-इन पार्टनर की सुरक्षा याचिका की सुनवाई की.

याचिकाकर्ता ने शिकायत की थी कि उन्हें और उनके लिव-इन पार्टनर को परेशान किया जा रहा है. यदि उन्हें प्रशासन की ओर से सुरक्षा नहीं मिली तो निजी उत्तरदाताओं द्वारा उन्हें शांति से नहीं रहने दिया जाएगा.

पढ़ें : सही निर्णय लेने में दुविधा हो तो महात्मा गांधी के ‌'जंतर' का इस्तेमाल करें : इलाहाबाद हाईकोर्ट

याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि वे बालिग लड़कियां हैं जो लिव-इन रिलेशन में रहना चाहती हैं और वे समलैंगिक जोड़े हैं. यह भी बताया कि उनके माता-पिता ने उन्हें उनके रिश्ते को खत्म करने के लिए दबाव बनाया और ऐसा नहीं करने पर जान से मारने की धमकी भी दी. यहां तक कि उन्होंने याचिकाकर्ताओं को झूठे आपराधिक मामले में फंसाने की धमकी भी दी है.

इस पर अदालत ने कहा कि वह लिव-इन रिलेशन के खिलाफ नहीं है. इसलिए, पुलिस को सभी दस्तावेजों की जांच करने के बाद उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का अदालत ने निर्देश दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.