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'हमें किसी ने रूस से तेल खरीदने से मना नहीं किया है': हरदीप पुरी - भारत रूस संबंध न्यूज़

केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि जनता को ऊर्जा उपलब्ध कराना सरकार का नैतिक कर्तव्य है और उसे जहां से तेल मिलेगा वह खरीदना जारी रखेगी.

Nobody has forbade us to buy oil from Russia says Hardeep PuriEtv Bharat
'हमें किसी ने रूस से तेल खरीदने से मना नहीं किया है': हरदीप पुरीEtv Bharat
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Published : Oct 8, 2022, 6:21 AM IST

Updated : Oct 8, 2022, 11:46 AM IST

वाशिंगटन: केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि अपनी जनता को ऊर्जा उपलब्ध कराना भारत सरकार का नैतिक कर्तव्य है और उसे जहां से तेल मिलेगा वह खरीदना जारी रखेगी. पुरी ने इसपर भी जोर दिया कि किसी ने भारत को रूस से तेल खरीदने से मना नहीं किया है.

रूस-यूक्रेन युद्ध का दुनिया के ऊर्जा मंत्र पर दूरगामी प्रभाव हो रहा है और मांग तथा आपूर्ति में असंतुलन के कारण पुराने व्यापारिक संबंध भी खराब हो रहे हैं.
इसके कारण दुनिया में तमाम उपभोक्तओं और व्यापार एवं उद्योग के लिए ऊर्जा की कीमत बढ़ गई है, आम जनता के साथ-साथ उद्योगों की जेबों और देशों की अर्थव्यवस्था पर पर भी इसका कुप्रभाव साफ-साफ दिखने लगा है.

ये भी पढ़ें- शिंजियांग पर भारत ने चीन का दिया साथ, विदेश मंत्रालय ने बताई वजह

गौरतलब है कि भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल का आयात अप्रैल से अभी तक 50गुना से ज्यादा बढ़ गया है. भारत फिलहाल कुल कच्चा तेल आयात का 10 फीसदी हिस्सा रूस से मंगवा रहा है. यूक्रेन युद्ध से पहले भारत रूस से महज 0.2 फीसदी आयात करता था. पुरी ने यहां भारतीय पत्रकारों के एक समूह से कहा, 'भारत को जहां से तेल मिलेगा, वह खरीदेगा क्योंकि इस तरह की चर्चा भारत की उपयोक्ता आबादी से नहीं की जा सकती है.'

वाशिंगटन: केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि अपनी जनता को ऊर्जा उपलब्ध कराना भारत सरकार का नैतिक कर्तव्य है और उसे जहां से तेल मिलेगा वह खरीदना जारी रखेगी. पुरी ने इसपर भी जोर दिया कि किसी ने भारत को रूस से तेल खरीदने से मना नहीं किया है.

रूस-यूक्रेन युद्ध का दुनिया के ऊर्जा मंत्र पर दूरगामी प्रभाव हो रहा है और मांग तथा आपूर्ति में असंतुलन के कारण पुराने व्यापारिक संबंध भी खराब हो रहे हैं.
इसके कारण दुनिया में तमाम उपभोक्तओं और व्यापार एवं उद्योग के लिए ऊर्जा की कीमत बढ़ गई है, आम जनता के साथ-साथ उद्योगों की जेबों और देशों की अर्थव्यवस्था पर पर भी इसका कुप्रभाव साफ-साफ दिखने लगा है.

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गौरतलब है कि भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल का आयात अप्रैल से अभी तक 50गुना से ज्यादा बढ़ गया है. भारत फिलहाल कुल कच्चा तेल आयात का 10 फीसदी हिस्सा रूस से मंगवा रहा है. यूक्रेन युद्ध से पहले भारत रूस से महज 0.2 फीसदी आयात करता था. पुरी ने यहां भारतीय पत्रकारों के एक समूह से कहा, 'भारत को जहां से तेल मिलेगा, वह खरीदेगा क्योंकि इस तरह की चर्चा भारत की उपयोक्ता आबादी से नहीं की जा सकती है.'

Last Updated : Oct 8, 2022, 11:46 AM IST
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