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विवेक को बना दिया उमर: सात साल पहले गायब बच्चा मदरसे में मिला, आधार ने खोला धर्म परिवर्तन का सच

Muzaffarnagar Conversion Case: मुजफ्फरनगर में धर्मांतरण का एक अजब मामला सामने आया है. यहां सात साल तक पहले किशोर को मदरसे में कैद करके रखा गया, फिर उसे सऊदी अरब भेजने की थी तैयारी. आईए जानते हैं कैसे सच्चाई सामने आई.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 1, 2023, 12:27 PM IST

Updated : Nov 1, 2023, 4:01 PM IST

विवेक के मिलने की खुशी बयां करते माता-पिता.

मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में धर्म परिवर्तन का एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक किशोर को करीब सात तक मदरसे में कैद रखा गया. इसके बाद किशोर का धर्म परिवर्तन कराकर उसका नाम विवेक से मोहम्मद उमर कर दिया गया. इतना ही नहीं उसे उमर बनाकर साऊदी अरब भेजने की भी तैयारी थी. लेकिन, इस बीच मामला खुल गया.

मदरसा संचालक समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्जः सच्चाई का पता चलने पर मुजफ्फरनगर बाल कल्याण समिति ने किशोर को मदरसे से मुक्त कराया और हरदोई में रह रहे उसके माता और पिता सौंप दिया गया. मामले में मदरसा संचालक और गांव के प्रधान समेत चार लोगों के खिलाफ पुलिस ने विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन की रिपोर्ट भी मुजफ्फरनगर में दर्ज की गई है.

हरदोई में विवेक अपने भाई के साथ.
हरदोई में विवेक अपने भाई के साथ.

विवेक कैसे पहुंचा मुजफ्फरनगर के मदरसाः हरदोई के बघौली थानाक्षेत्र के गोसवा निवासी वीरेंद्र चंडीगढ़ में परिवार के साथ रहकर मजदूरी करते थे. वहीं पर उनका बेटा विवेक कक्षा चार में पढ़ता था. 17 मार्च 2016 को वह स्कूल जाने के लिए निकला था और फिर घर नहीं लौटा. वीरेंद्र ने चंडीगढ़ के थाना मौलीजागरा में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई लेकिन, विवेक का कोई सुराग नहीं मिल पाया था. इस बीच वह मुजफ्फरनगर के मदरसे में पहुंच गया.

कैसे आधार कार्ड से खुला धर्म परिवर्तन का मामलाः चार अक्तूबर 2023 को मुजफ्फरनगर के चरथावल थाना क्षेत्र के नगला राई गांव निवासी मतलूब एक आधार कार्ड सेंटर पर पहुंचा था और वहां उसने मोहम्मद उमर नाम के किशोर को अपना बेटा बताते हुए आधार कार्ड में नाम पता संशोधित कराने के लिए दिया. लेकिन, आधार कार्ड में मोहम्मद उमर का नाम विवेक पुत्र वीरेंद्र निवासी 47 रायपुर कला चंडीगढ़ दर्ज होने के कारण सेंटर संचालक ने बदलने से इनकार कर दिया. फिर इसकी जानकारी किसी तरह मुजफ्फरनगर के लोहारी खुर्द के प्रधान जैकी राज सैनी को लगी और उनके द्वारा फिर पुलिस को सूचना दी गई.

मदरसे में विवेक को कैद करके रखा गया थाः बाद में परिजनों से संपर्क कर उन्हें मुजफ्फरनगर बुलाया गया. जांच में पाया गया की विवेक का जबरन धर्म परिवर्तन करके और उसे मदरसे में बंद करके रखा हुआ था. विवेक को मदरसे में ही रखा जाता था और उसके बाद कुछ दिनों के लिए उसे वेल्डिंग का काम सिखाने के लिए फरीदाबाद भेजा गया. मगर वहां भी मतलूब के करीबी हर वक्त उसके साथ रहते थे. उसे मोहम्मद उमर बनाकर सऊदी अरब भेजने की तैयारी की जा रही थी. इसलिए आधार कार्ड में नाम संशोधन कराने के लिए मतलूब गया था. इस दौरान सच पकड़ा गया और सारी पोल खुल गई.

धर्म परिवर्तन के आरोप में हुई कार्रवाईः चरथावल थाने के प्रभारी निरीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि हरदोई जनपद के बघौली थानाक्षेत्र के गोसवा निवासी वीरेंद्र कुमार की तहरीर पर चार लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है और इसमें कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. साथ ही किशोर का खतना कर जबरन धर्म परिवर्तन किए जाने का आरोप भी रिपोर्ट में दर्ज है.

योग आश्रम की रही बड़ी भूमिकाः योग आश्रम बगरा के स्वामी यशवीर जी महाराज व इनके शिष्य मगेंदर ने किशोर विवेक को उसके माता-पिता से मिलवाने में अहम भूमिका निभाई है. इन्होंने पुलिस और प्रशासन के सामने आंदोलन की चेतावनी भी दी थी. पुलिस प्रशासन और योग आश्रम बगरा के स्वामी की कवायद के चलते ही किशोर विवेक अपने माता-पिता से मिल सका. बाल संरक्षण आयोग ने मंगलवार को विवेक को उसके माता-पिता को सौंप दिया.

ये भी पढ़ेंः धर्मांतरण मामले का आरोपी गिरफ्तार, बाल संरक्षण आयोग की टीम के सामने पेश हुए एसओ

विवेक के मिलने की खुशी बयां करते माता-पिता.

मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में धर्म परिवर्तन का एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक किशोर को करीब सात तक मदरसे में कैद रखा गया. इसके बाद किशोर का धर्म परिवर्तन कराकर उसका नाम विवेक से मोहम्मद उमर कर दिया गया. इतना ही नहीं उसे उमर बनाकर साऊदी अरब भेजने की भी तैयारी थी. लेकिन, इस बीच मामला खुल गया.

मदरसा संचालक समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्जः सच्चाई का पता चलने पर मुजफ्फरनगर बाल कल्याण समिति ने किशोर को मदरसे से मुक्त कराया और हरदोई में रह रहे उसके माता और पिता सौंप दिया गया. मामले में मदरसा संचालक और गांव के प्रधान समेत चार लोगों के खिलाफ पुलिस ने विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन की रिपोर्ट भी मुजफ्फरनगर में दर्ज की गई है.

हरदोई में विवेक अपने भाई के साथ.
हरदोई में विवेक अपने भाई के साथ.

विवेक कैसे पहुंचा मुजफ्फरनगर के मदरसाः हरदोई के बघौली थानाक्षेत्र के गोसवा निवासी वीरेंद्र चंडीगढ़ में परिवार के साथ रहकर मजदूरी करते थे. वहीं पर उनका बेटा विवेक कक्षा चार में पढ़ता था. 17 मार्च 2016 को वह स्कूल जाने के लिए निकला था और फिर घर नहीं लौटा. वीरेंद्र ने चंडीगढ़ के थाना मौलीजागरा में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई लेकिन, विवेक का कोई सुराग नहीं मिल पाया था. इस बीच वह मुजफ्फरनगर के मदरसे में पहुंच गया.

कैसे आधार कार्ड से खुला धर्म परिवर्तन का मामलाः चार अक्तूबर 2023 को मुजफ्फरनगर के चरथावल थाना क्षेत्र के नगला राई गांव निवासी मतलूब एक आधार कार्ड सेंटर पर पहुंचा था और वहां उसने मोहम्मद उमर नाम के किशोर को अपना बेटा बताते हुए आधार कार्ड में नाम पता संशोधित कराने के लिए दिया. लेकिन, आधार कार्ड में मोहम्मद उमर का नाम विवेक पुत्र वीरेंद्र निवासी 47 रायपुर कला चंडीगढ़ दर्ज होने के कारण सेंटर संचालक ने बदलने से इनकार कर दिया. फिर इसकी जानकारी किसी तरह मुजफ्फरनगर के लोहारी खुर्द के प्रधान जैकी राज सैनी को लगी और उनके द्वारा फिर पुलिस को सूचना दी गई.

मदरसे में विवेक को कैद करके रखा गया थाः बाद में परिजनों से संपर्क कर उन्हें मुजफ्फरनगर बुलाया गया. जांच में पाया गया की विवेक का जबरन धर्म परिवर्तन करके और उसे मदरसे में बंद करके रखा हुआ था. विवेक को मदरसे में ही रखा जाता था और उसके बाद कुछ दिनों के लिए उसे वेल्डिंग का काम सिखाने के लिए फरीदाबाद भेजा गया. मगर वहां भी मतलूब के करीबी हर वक्त उसके साथ रहते थे. उसे मोहम्मद उमर बनाकर सऊदी अरब भेजने की तैयारी की जा रही थी. इसलिए आधार कार्ड में नाम संशोधन कराने के लिए मतलूब गया था. इस दौरान सच पकड़ा गया और सारी पोल खुल गई.

धर्म परिवर्तन के आरोप में हुई कार्रवाईः चरथावल थाने के प्रभारी निरीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि हरदोई जनपद के बघौली थानाक्षेत्र के गोसवा निवासी वीरेंद्र कुमार की तहरीर पर चार लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है और इसमें कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. साथ ही किशोर का खतना कर जबरन धर्म परिवर्तन किए जाने का आरोप भी रिपोर्ट में दर्ज है.

योग आश्रम की रही बड़ी भूमिकाः योग आश्रम बगरा के स्वामी यशवीर जी महाराज व इनके शिष्य मगेंदर ने किशोर विवेक को उसके माता-पिता से मिलवाने में अहम भूमिका निभाई है. इन्होंने पुलिस और प्रशासन के सामने आंदोलन की चेतावनी भी दी थी. पुलिस प्रशासन और योग आश्रम बगरा के स्वामी की कवायद के चलते ही किशोर विवेक अपने माता-पिता से मिल सका. बाल संरक्षण आयोग ने मंगलवार को विवेक को उसके माता-पिता को सौंप दिया.

ये भी पढ़ेंः धर्मांतरण मामले का आरोपी गिरफ्तार, बाल संरक्षण आयोग की टीम के सामने पेश हुए एसओ

Last Updated : Nov 1, 2023, 4:01 PM IST
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