वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने को लेकर दाखिल वाद में विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने जिला जज की अदालत में कड़ी आपत्ति जताई है. वहीं, इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 29 सितंबर तय की है. वहीं, लंबित आदेशों के अब गुरुवार को आने की उम्मीद है.
मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया है कि सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत से वाद (Gyanvapi case in Varanasi) जिला जज की अदालत में स्थानंतरित किए जाने के आवेदन को ख़ारिज किया जाए. अंजुमन पक्ष की तरफ से कहा गया है कि आराजी नंबर 9130 को लेकर ही सभी मुकदमे अभी तक दाखिल है उसी आराजी में ज्ञानवापी/आलमगिरी मस्जिद है और उसी के नीचे व्यास जी का तहखाना है.
इसके बावजूद वादी शैलेन्द्र पाठक व्यास की ओर से यह कहना कि तहखाने के अधिकार को लेकर कोई वाद दाखिल अभी तक नहीं है. यह झूठ व गलत है. यह भी कहा कि शृंगार गौरी मूल वाद और इस वाद का नेचर व स्कोप एक है. यह कहना गलत है कि दोनों मुकदमों में जो मांग की गई है वह अलग-अलग है.
कहा कि इस नए वाद को बिना विपक्ष की आपत्ति को सुने स्थानांतरित नहीं किया जा सकता. कहा कि सिविल जज सीनियर डिवीजन के आदेश के खिलाफ प्रथम अपील या निगरानी जिला जज की अदालत में किये जाने का विपक्षी का अधिकार समाप्त हो जाएगा और ऐसी दशा में यह वाद स्थानंतरित नहीं किया जा सकता है.
इसी के साथ स्थानांतरण आवेदन को ख़ारिज किए जाने का अनुरोध किया गया. इस वाद पर जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बुधवार को सुनवाई के लिए 29 सितंबर की तारीख दी है. अधिवक्ता अरुण रॉय के निधन और बनारस बार की हड़ताल के कारण मंगलवार को होने वाली सुनवाई टल गई थी. बुधवार को श्रृंगार गौरी मूल वाद पर भी सुनवाई होनी थी. कुछ आवेदनों पर सुनवाई पूरी हो गई है, इस पर आदेश गुरुवार को आ सकता है.
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