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एमपी विधानसभा चुनाव से पहले NCRB की रिपोर्ट, सियासत की आग में पड़ा घी, महिलाओं,बच्चों पर बढ़ा अपराध

एमपी विधानसभा चुनाव से पहले NCRB की रिपोर्ट ने एमपी की सियासत में आग में घी डालने जैसा काम किया है. कांग्रेस पहले ही एमपी में आदिवासियों के साथ अत्याचार के मामले में सरकार को घेरती रही है. खबर में जानिए क्या कहते हैं आंकड़े..

NCRB report mp
NCRB की रिपोर्ट
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Published : Jul 25, 2023, 10:11 PM IST

एमपी विधानसभा चुनाव से पहले NCRB की रिपोर्ट

भोपाल। एमपी बीजेपी दलितों को रिझाने उनके संत रविदास का 100 करोड़ की लागत से भव्य मंदिर बना रही है. मंदिर के भूमिपूजन के लिए देश के प्रधानमंत्री पीएम मोदी आ रहे हैं, लेकिन NCRB के आंकड़े बताते हैं कि एमपी में दलितों पर अत्याचार के मामले में टॉप 3 में है. एनसीपी एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक दलितों पर अत्याचार 2020 की तुलना में 2021 में 1.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश में सबसे अधिक महिला बच्चे अपराध के शिकार हुए हैं. बच्चों सहित रोज 17 महिलाएं रेप का शिकार हो रही हैं चाइल्ड क्राइम में एमपी टॉप पर है. हर 3 घंटे में एक मासूम के साथ रेप हो रहा है वहीं देश में आदिवासियों पर भी सबसे अधिक क्राइम एमपी में ही दर्ज हुआ है.

रिपोर्ट में कई अपराधों में एमपी नंबर 1 पर: रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में बाल यौन शोषण के 35000 मामले सामने आए. जिसमें मध्यप्रदेश में ही अकेले 3515 मामले दर्ज हुए, महिलाओं के खिलाफ 6662 बाल शोषण के मामले में 2020 में एमपी टॉपर था तब 5598 मामले रेप के दर्ज हुए इसमें छोटी बच्चियों से संबंधित रेप 3259 दर्ज किए रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में मध्यप्रदेश में 17008 बच्चे क्राइम के शिकार हुए. विधानसभा में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सदन में जवाब में बताया कि अनुसूचित जाति वर्ग के सात अपराध में 2021 की तुलना में 2022 में करीब 11.86% की वृद्धि हुई है लेकिन हत्या और बलात्कार के मामले में पिछले साल की तुलना में कमी आई.

NCRB report mp
NCRB की रिपोर्ट

दलित अपराधों में एमपी राष्ट्रीय औसत से ढाई गुना ज्यादा: मध्य प्रदेश में 2021 में एससी के खिलाफ अपराध दर 63.60 थी, जबकि राष्ट्रीय औसत 25.3 था. 2020 और 2019 में मध्य प्रदेश के लिए ये संख्या 60.8 और 46.7 थी. राष्ट्रीय स्तर पर एस सी जाति का अपराधों का आंकड़ा 2020 में 25 प्रतिशत था और 2019 में 22.8 थी. 2021 और 2020 में अपराध दर के मामले में राजस्थान दूसरे स्थान पर था और 2019 में यह पहले स्थान पर था.

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केरल में दलितों के मामले में सबसे ऊपर रहा: केरल 2019 और 2021 के बीच सभी तीन वर्षों में सूची में सबसे ऊपर रहा. राजस्थान सभी तीन वर्षों में दूसरे स्थान पर था. एमपी तीन सालों में तीसरे पायदान पर रहा. मध्य प्रदेश 2019 में पांचवें, 2020 में चौथे और 2021 में तीसरे स्थान पर था.

अपराधों के मामले का निपटारा: पुलिस द्वारा निपटाए गए कुल मामलों में आरोप पत्र दायर किए गए जिसमे एमपी पुलिस की रिपोर्ट और आंकड़े संतोषजनक रहे. केस निपटाने के मामलों में सिक्किम पहले नंबर पर था तो वहीं एमपी दूसरे नंबर पर , 2021 में असम में अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराधों में आरोप-पत्र दर सबसे कम थी.
क्या बोले गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा: मध्यप्रदेश में अपराधों को लेकर गृहमंत्री चुप्पी साध गए लेकिन कहा कि हम कोई भी अच्छा काम करते हैं तो कांग्रेस को उसमें भी बुराई नजर आती है, जहां तक दलित या आदिवासी सम्मान की बात है तो हम उनके मान के लिए काम करते है और कांग्रेस सिर्फ वोटों के लिए उन्हे इस्तेमाल करती है. वहीं कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे सज्जन वर्मा ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि 18 सालों से बीजेपी सत्ता में है लेकिन दलितों और आदिवासियों पर सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहे हैं ये हम नहीं NCRB की रिपोर्ट बता रही है.

एमपी विधानसभा चुनाव से पहले NCRB की रिपोर्ट

भोपाल। एमपी बीजेपी दलितों को रिझाने उनके संत रविदास का 100 करोड़ की लागत से भव्य मंदिर बना रही है. मंदिर के भूमिपूजन के लिए देश के प्रधानमंत्री पीएम मोदी आ रहे हैं, लेकिन NCRB के आंकड़े बताते हैं कि एमपी में दलितों पर अत्याचार के मामले में टॉप 3 में है. एनसीपी एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक दलितों पर अत्याचार 2020 की तुलना में 2021 में 1.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई. एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश में सबसे अधिक महिला बच्चे अपराध के शिकार हुए हैं. बच्चों सहित रोज 17 महिलाएं रेप का शिकार हो रही हैं चाइल्ड क्राइम में एमपी टॉप पर है. हर 3 घंटे में एक मासूम के साथ रेप हो रहा है वहीं देश में आदिवासियों पर भी सबसे अधिक क्राइम एमपी में ही दर्ज हुआ है.

रिपोर्ट में कई अपराधों में एमपी नंबर 1 पर: रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में बाल यौन शोषण के 35000 मामले सामने आए. जिसमें मध्यप्रदेश में ही अकेले 3515 मामले दर्ज हुए, महिलाओं के खिलाफ 6662 बाल शोषण के मामले में 2020 में एमपी टॉपर था तब 5598 मामले रेप के दर्ज हुए इसमें छोटी बच्चियों से संबंधित रेप 3259 दर्ज किए रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में मध्यप्रदेश में 17008 बच्चे क्राइम के शिकार हुए. विधानसभा में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सदन में जवाब में बताया कि अनुसूचित जाति वर्ग के सात अपराध में 2021 की तुलना में 2022 में करीब 11.86% की वृद्धि हुई है लेकिन हत्या और बलात्कार के मामले में पिछले साल की तुलना में कमी आई.

NCRB report mp
NCRB की रिपोर्ट

दलित अपराधों में एमपी राष्ट्रीय औसत से ढाई गुना ज्यादा: मध्य प्रदेश में 2021 में एससी के खिलाफ अपराध दर 63.60 थी, जबकि राष्ट्रीय औसत 25.3 था. 2020 और 2019 में मध्य प्रदेश के लिए ये संख्या 60.8 और 46.7 थी. राष्ट्रीय स्तर पर एस सी जाति का अपराधों का आंकड़ा 2020 में 25 प्रतिशत था और 2019 में 22.8 थी. 2021 और 2020 में अपराध दर के मामले में राजस्थान दूसरे स्थान पर था और 2019 में यह पहले स्थान पर था.

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केरल में दलितों के मामले में सबसे ऊपर रहा: केरल 2019 और 2021 के बीच सभी तीन वर्षों में सूची में सबसे ऊपर रहा. राजस्थान सभी तीन वर्षों में दूसरे स्थान पर था. एमपी तीन सालों में तीसरे पायदान पर रहा. मध्य प्रदेश 2019 में पांचवें, 2020 में चौथे और 2021 में तीसरे स्थान पर था.

अपराधों के मामले का निपटारा: पुलिस द्वारा निपटाए गए कुल मामलों में आरोप पत्र दायर किए गए जिसमे एमपी पुलिस की रिपोर्ट और आंकड़े संतोषजनक रहे. केस निपटाने के मामलों में सिक्किम पहले नंबर पर था तो वहीं एमपी दूसरे नंबर पर , 2021 में असम में अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराधों में आरोप-पत्र दर सबसे कम थी.
क्या बोले गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा: मध्यप्रदेश में अपराधों को लेकर गृहमंत्री चुप्पी साध गए लेकिन कहा कि हम कोई भी अच्छा काम करते हैं तो कांग्रेस को उसमें भी बुराई नजर आती है, जहां तक दलित या आदिवासी सम्मान की बात है तो हम उनके मान के लिए काम करते है और कांग्रेस सिर्फ वोटों के लिए उन्हे इस्तेमाल करती है. वहीं कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे सज्जन वर्मा ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि 18 सालों से बीजेपी सत्ता में है लेकिन दलितों और आदिवासियों पर सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहे हैं ये हम नहीं NCRB की रिपोर्ट बता रही है.

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