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मुरादाबाद के 1980 के दंगों की रिपोर्ट सदन में पेश, मुस्लिम लीग को माना जिम्मेदार - मुरादाबाद दंगों की रिपोर्ट

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने मुरादाबाद दंगों की रिपोर्ट सदन में रखे जाने पर कहा कि आज जो रिपोर्ट पेश हो रही है उसे पेश होना ही चाहिये. इस रिपोर्ट को आज तक छिपाकर रखा गया था. वहीं मुरादाबाद दंगों को लेकर 496 पन्नों की रिपोर्ट सदन में पेश की गई है.

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Published : Aug 8, 2023, 2:14 PM IST

Updated : Aug 9, 2023, 7:50 AM IST

  • #WATCH | Deputy CM of UP, Keshav Prasad Maurya speaks on the 1980 Moradabad Riots report; says, “This report was hidden and it needs to be presented. This will help the citizens know the truth about the Moradabad Riots...One should welcome this report as it will bring out who… pic.twitter.com/yL8tRHUBDk

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

लखनऊ : मुरादाबाद दंगों के संबंध में रिपोर्ट संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सदन में पेश की. फिलहाल रिपोर्ट केवल सदन के पटल पर रखी गई है उसका कोई विस्तृत उल्लेख नहीं किया गया है. माना जा रहा है कि मुस्लिम लीग के नेता को इसमें मुख्य रूप से जिम्मेदार माना जाएगा. इस रिपोर्ट को लेकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बयान दिया है कि 'मुरादाबाद दंगों की रिपोर्ट पेश हो रही है, होनी ही चाहिए. केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जिसे छिपाकर रखा गया था, सरकार उसे सदन में लाई है. मुरादाबाद के दंगों का सच प्रदेश और देश की जनता को जानने का मौका मिलेगा. 15 मुख्यमंत्रियों से पूछना चाहिए पहले क्यों नहीं पेश की थी? वर्तमान में पेश किया जा रहा है तो स्वागत होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सच सामने आना चाहिए. दंगे कौन करता है? दंगाइयों का संरक्षण कौन करता है? ये सब रिपोर्ट में स्पष्ट है. दंगाइयों पर कार्यवाही कौन करता है? सच सामने आना चाहिए,' ये बात भी केशव प्रसाद मौर्य ने कही. वहीं मुरादाबाद दंगों को लेकर 496 पन्नों की रिपोर्ट सदन में पेश की गई है.

मुरादाबाद के 1980 के दंगों की रिपोर्ट सदन में पेश
मुरादाबाद के 1980 के दंगों की रिपोर्ट सदन में पेश
यह भी पढ़ें : मुरादाबाद दंगे में भाजपा और आएसएस को क्लीन चिट, रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर मौतें भगदड़ से हुईं

मुरादाबाद में 1980 में हुए दंगों की रिपोर्ट मानसून सत्र के दौरान 'गर्मी' पैदा कर रही है. यह रिपोर्ट सत्र के दौरान मंगलवार को रखी गई. इस रिपोर्ट में यूपी पुलिस को क्लीन चिट मिलने की बात कही जा रही है. खास बात यह है कि अगस्त में ही यह घटना हुई थी और अगस्त में ही इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जा रही है. 83 लोगों की मौत के बाद और उत्तर प्रदेश के 15 मुख्यमंत्रियों के बदलने के तत्पश्चात यह रिपोर्ट सार्वजनिक होगी. वर्ष 1980 में मुरादाबाद में ईद की नमाज के बाद भड़के दंगे की रिपोर्ट अब सार्वजनिक होने जा रही है. इन 43 वर्षों में राज्य में 15 मुख्यमंत्री बदले गए, लेकिन आज तक यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई. मानसून सत्र में रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना है. तीन अगस्त 1980 को ईद की नमाज के दौरान यह दंगा भड़का था. हैरानी की बात यह है कि 1980 से लेकर 2017 तक राज्य में कई दलों की सरकार रही, लेकिन कोई भी सरकार रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की हिम्मत नहीं जुटा सकी.

यह भी पढ़ें : मानसून सत्र में गर्मी पैदा करेगी मुरादाबाद दंगों की रिपोर्ट, जानिए कब आएगी पटल पर

यह भी पढ़ें : सपा सांसद एसटी हसन 1980 के मुरादाबाद दंगों की दास्तां सुनाते-सुनाते हुए भावुक, बताया- क्या हुआ था

  • #WATCH | Deputy CM of UP, Keshav Prasad Maurya speaks on the 1980 Moradabad Riots report; says, “This report was hidden and it needs to be presented. This will help the citizens know the truth about the Moradabad Riots...One should welcome this report as it will bring out who… pic.twitter.com/yL8tRHUBDk

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

लखनऊ : मुरादाबाद दंगों के संबंध में रिपोर्ट संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सदन में पेश की. फिलहाल रिपोर्ट केवल सदन के पटल पर रखी गई है उसका कोई विस्तृत उल्लेख नहीं किया गया है. माना जा रहा है कि मुस्लिम लीग के नेता को इसमें मुख्य रूप से जिम्मेदार माना जाएगा. इस रिपोर्ट को लेकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बयान दिया है कि 'मुरादाबाद दंगों की रिपोर्ट पेश हो रही है, होनी ही चाहिए. केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जिसे छिपाकर रखा गया था, सरकार उसे सदन में लाई है. मुरादाबाद के दंगों का सच प्रदेश और देश की जनता को जानने का मौका मिलेगा. 15 मुख्यमंत्रियों से पूछना चाहिए पहले क्यों नहीं पेश की थी? वर्तमान में पेश किया जा रहा है तो स्वागत होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सच सामने आना चाहिए. दंगे कौन करता है? दंगाइयों का संरक्षण कौन करता है? ये सब रिपोर्ट में स्पष्ट है. दंगाइयों पर कार्यवाही कौन करता है? सच सामने आना चाहिए,' ये बात भी केशव प्रसाद मौर्य ने कही. वहीं मुरादाबाद दंगों को लेकर 496 पन्नों की रिपोर्ट सदन में पेश की गई है.

मुरादाबाद के 1980 के दंगों की रिपोर्ट सदन में पेश
मुरादाबाद के 1980 के दंगों की रिपोर्ट सदन में पेश
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मुरादाबाद में 1980 में हुए दंगों की रिपोर्ट मानसून सत्र के दौरान 'गर्मी' पैदा कर रही है. यह रिपोर्ट सत्र के दौरान मंगलवार को रखी गई. इस रिपोर्ट में यूपी पुलिस को क्लीन चिट मिलने की बात कही जा रही है. खास बात यह है कि अगस्त में ही यह घटना हुई थी और अगस्त में ही इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जा रही है. 83 लोगों की मौत के बाद और उत्तर प्रदेश के 15 मुख्यमंत्रियों के बदलने के तत्पश्चात यह रिपोर्ट सार्वजनिक होगी. वर्ष 1980 में मुरादाबाद में ईद की नमाज के बाद भड़के दंगे की रिपोर्ट अब सार्वजनिक होने जा रही है. इन 43 वर्षों में राज्य में 15 मुख्यमंत्री बदले गए, लेकिन आज तक यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई. मानसून सत्र में रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना है. तीन अगस्त 1980 को ईद की नमाज के दौरान यह दंगा भड़का था. हैरानी की बात यह है कि 1980 से लेकर 2017 तक राज्य में कई दलों की सरकार रही, लेकिन कोई भी सरकार रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की हिम्मत नहीं जुटा सकी.

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Last Updated : Aug 9, 2023, 7:50 AM IST
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