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मीडिया वन बैन केस: सीलबंद लिफाफे में जवाब देने को लेकर जताया विरोध - मीडिया वन बैन केस

मलयालम चैनल मीडिया वन (media one) के लाइसेंस नवीनीकरण से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. मध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड ने तर्क दिया कि सरकार सुरक्षा की आड़ में लाइसेंस नवीनीकरण नहीं कर रही है.

SC MEDIA ONE
मीडिया वन बैन केस
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Published : Nov 1, 2022, 7:41 PM IST

नई दिल्ली : मध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में सरकार ने सीलबंद कवर दिया है, जिसमें उसने लाइसेंस नवीनीकरण नहीं करने का कारण बताया है. कंपनी ने अदालत से पूछा कि याचिकाकर्ता की पीठ के पीछे क्या सीलबंद कवर दिया जा सकता है. क्या अदालत भी याचिकाकर्ता तक इसकी पहुंच से इनकार कर सकती है.

मीडिया कंपनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि सीलबंद कवर न्यायाधीशों के मन में पूर्वाग्रह पैदा करता है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सुरक्षा की आड़ में पूरे देश में सीलबंद लिफाफे की प्रथा का पालन किया जा रहा है.

दवे ने तर्क दिया, 'हम चुनिंदा लोगों को मीडिया में ले रहे हैं.' उन्होंने कहा कि एक साफ ट्रैक रिकॉर्ड के बावजूद सरकार ने लाइसेंस को नवीनीकृत करने से इनकार कर दिया. इससे बहुत नुकसान होता है क्योंकि मीडिया सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ, मीडिया वन टीवी चैनल के मालिक मध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसने सरकार के अपने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करने के फैसले को चुनौती दी थी.

इससे पहले अदालत ने नोटिस जारी कर सरकार से जवाब मांगा था. जो सीलबंद लिफाफे में दिया गया. याचिकाकर्ता ने सीलबंद लिफाफे में जवाब प्रस्तुत करने का भी विरोध किया है. इस मामले में कल फिर सुनवाई होगी.

पढ़ें- मीडिया वन पर बैन केस: केंद्र ने कारण साझा करने से किया इनकार

नई दिल्ली : मध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में सरकार ने सीलबंद कवर दिया है, जिसमें उसने लाइसेंस नवीनीकरण नहीं करने का कारण बताया है. कंपनी ने अदालत से पूछा कि याचिकाकर्ता की पीठ के पीछे क्या सीलबंद कवर दिया जा सकता है. क्या अदालत भी याचिकाकर्ता तक इसकी पहुंच से इनकार कर सकती है.

मीडिया कंपनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि सीलबंद कवर न्यायाधीशों के मन में पूर्वाग्रह पैदा करता है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सुरक्षा की आड़ में पूरे देश में सीलबंद लिफाफे की प्रथा का पालन किया जा रहा है.

दवे ने तर्क दिया, 'हम चुनिंदा लोगों को मीडिया में ले रहे हैं.' उन्होंने कहा कि एक साफ ट्रैक रिकॉर्ड के बावजूद सरकार ने लाइसेंस को नवीनीकृत करने से इनकार कर दिया. इससे बहुत नुकसान होता है क्योंकि मीडिया सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ, मीडिया वन टीवी चैनल के मालिक मध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसने सरकार के अपने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करने के फैसले को चुनौती दी थी.

इससे पहले अदालत ने नोटिस जारी कर सरकार से जवाब मांगा था. जो सीलबंद लिफाफे में दिया गया. याचिकाकर्ता ने सीलबंद लिफाफे में जवाब प्रस्तुत करने का भी विरोध किया है. इस मामले में कल फिर सुनवाई होगी.

पढ़ें- मीडिया वन पर बैन केस: केंद्र ने कारण साझा करने से किया इनकार

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