तेजपुर: मुख्यमंत्री सचिवालय में आज एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान सिंह ने मीडिया को बताया कि सीआरपीएफ, मणिपुर पुलिस, मणिपुर राइफल्स, आईआरबी और वीडीएफ सहित राज्य और सुरक्षा कर्मियों को 38 संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है. मणिपुर में गुरुवार की रात केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के घर पर भीड़ ने हमला कर दिया. घटना इंफाल ईस्ट में रात करीब 8-9 बजे हुई. प्रदर्शनकारियों ने भाजपा सांसद के घर पर पथराव शुरू कर दिया. सुरक्षा बलों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले छोड़े. सुरक्षा बलों द्वारा तीन राउंड फायरिंग के बाद प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया गया.
पता चला है कि अतीत में हुई हिंसा का कोई प्रभावी समाधान नहीं होने के कारण मेइती समुदाय के नेतृत्व वाली भीड़ ने उनका प्रतिनिधित्व कर रहे सांसद के आवास पर हमला कर दिया. उन्होंने केंद्र सरकार पर मुद्दे के समाधान पर ध्यान नहीं देने का भी आरोप लगाया. प्रदर्शनकारियों ने मणिपुर के वन मंत्री बिस्वजीत सिंह के आवास पर एक साथ हमला करने की भी कोशिश की, लेकिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण यह विफल रहा. कुछ राजनीतिक नेताओं ने दावा किया कि म्यांमार समर्थित कुकी उग्रवादी समूह हमले में शामिल थे.
बताया जा रहा है कि हमले के वक्त मंत्री आरके रंजन सिंह अपने घर में मौजूद थे. वह आज सुबह दिल्ली के लिए रवाना हुए. केंद्रीय मंत्री के घर पर हमले से पहले उन्होंने राज्यपाल अनुसुईया उइके से मुलाकात कर राज्य के हालात पर चर्चा की थी. गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुवाहाटी में कहा कि वह कुछ दिनों के बाद मंत्री से मिलेंगे. लेकिन उनकी घोषणा के चंद घंटों के बाद ही राज्य में यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी.
गौरतलब है कि 3 मई को आदिवासी छात्र संघ ने मणिपुर के चुराचंदपुर में मेइती समुदाय को आदिवासी का दर्जा देने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था और बाद में यह हिंसक हो गया था. मणिपुर में करीब 25,000 लोग बेघर हो गए और हिंसा में 71 लोगों की जान चली गई जबकि 231 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.
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