मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बड़ी राहत देते हुए बुधवार को कहा कि 21 जून, 2022 को जब प्रतिद्वंद्वी समूह अस्तित्व में आये तो शिवसेना का उनके (शिंदे के) नेतृत्व वाला धड़ा ही 'असली राजनीतिक दल' (असली शिवसेना) था. राहुल नार्वेकर ने करीब 105 मिनट तक आदेश के अहम बिंदू पढ़ते हुए शिंदे समेत 16 शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने की उद्धव ठाकरे गुट की याचिका भी खारिज कर दी.
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#WATCH | Maharashtra Assembly speaker Rahul Narwekar says, "As per the Apex court both the factions have submitted different versions of the constitution party, then in that case what has to be taken into account, the constitution which was submitted to the ECI with the consent… pic.twitter.com/3yXgF7iLur
— ANI (@ANI) January 10, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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जैसे ही नार्वेकर ने आदेश पढ़ना समाप्त किया, मुख्यमंत्री शिंदे के समर्थकों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया और पटाखे फोड़े. जबकि शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे व संजय राउत ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के आदेश के खिलाफ पार्टी उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी. वहीं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि लोकतंत्र में बहुमत महत्वपूर्ण हैं जो उनके पास है. विधानसभा अध्यक्ष के आदेश में उनकी शिवसेना को 'असली राजनीतिक दल' बताए जाने पर शिंदे ने यह भी कहा कि पार्टी प्रमुख की व्यक्तिगत राय पूरी पार्टी की राय नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि यहां तक कि भारत निर्वाचन आयोग ने भी उनकी पार्टी को शिव सेना का नाम और चुनाव चिह्न आवंटित किया.
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Maharashtra Assembly speaker Rahul Narwekar gives verdict in Shiv Sena MLAs' disqualification case pic.twitter.com/Uh3FEB0wLY
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शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी धड़ों द्वारा एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर अपना फैसला पढ़ते हुए विधानसभाध्यक्ष नार्वेकर ने कहा कि कोई भी पार्टी नेतृत्व पार्टी के भीतर असहमति या अनुशासनहीनता के लिए संविधान की 10वीं अनुसूची के प्रावधान का उपयोग नहीं कर सकता है. नार्वेकर ने यह भी कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के सुनील प्रभु 21 जून, 2022 से सचेतक नहीं रहे. उन्होंने कहा कि शिंदे गुट के भरत गोगावाले अधिकृत सचेतक बन गए थे.
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#WATCH | Mumbai: On MLA disqualification verdict, Maharashtra CM Eknath Shinde says, "I will give an official statement after 4pm. I just want to say that we have a majority. 67% in Vidhan Sabha and 75% in Lok Sabha. We have 13 MPS and 50 MLAs. Based on this majority, the… pic.twitter.com/NtGHjGjgQW
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विधानसभाध्यक्ष ने यह भी कहा कि शिवसेना प्रमुख के पास किसी भी नेता को पार्टी से निकालने की शक्ति नहीं है. उन्होंने इस तर्क को भी स्वीकार नहीं किया कि पार्टी प्रमुख की इच्छा और पार्टी की इच्छा पर्यायवाची हैं. उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग को सौंपा गया 1999 का पार्टी संविधान मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए वैध संविधान था और ठाकरे समूह का यह तर्क कि 2018 के संशोधित संविधान पर भरोसा किया जाना चाहिए, स्वीकार्य नहीं था.
उन्होंने कहा कि 1999 के संविधान ने 'राष्ट्रीय कार्यकारिणी' को सर्वोच्च निकाय बनाया था. नार्वेकर ने कहा कि वह याचिकाकर्ता (उद्धव गुट) के इस तर्क को स्वीकार नहीं कर सकते कि 2018 पार्टी संविधान पर भरोसा किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदत्त 1999 का शिवसेना संविधान ही असली संविधान है. नार्वेकर ने कहा कि जून 2022 में जब प्रतिद्वंद्वी गुट उभरा तो शिंदे समूह के पास 54 में से 37 विधायकों का भारी बहुमत था.
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Mumbai | Maharashtra Assembly Speaker rules Shinde faction the real Shiv Sena.
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Former Maharashtra CM Uddhav Thackeray says, "The Speaker's order that has come today is a murder of democracy and is also an insult to the decision of the Supreme Court. The Supreme Court had clearly… pic.twitter.com/eo6JCDkhzC
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Former Maharashtra CM Uddhav Thackeray says, "The Speaker's order that has come today is a murder of democracy and is also an insult to the decision of the Supreme Court. The Supreme Court had clearly… pic.twitter.com/eo6JCDkhzCMumbai | Maharashtra Assembly Speaker rules Shinde faction the real Shiv Sena.
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Former Maharashtra CM Uddhav Thackeray says, "The Speaker's order that has come today is a murder of democracy and is also an insult to the decision of the Supreme Court. The Supreme Court had clearly… pic.twitter.com/eo6JCDkhzC
वहीं, नार्वेकर के आदेश को उद्धव ठाकरे ने लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए कहा कि उनकी पार्टी इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाएगी. एक संवाददाता सम्मेलन में ठाकरे ने कहा कि शीर्ष अदालत ने स्पष्ट दिशानिर्देश दिए थे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने प्रतिद्वंद्वी शिवसेना गुटों द्वारा दायर अयोग्यता याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाते समय उन्हें नजरअंदाज कर दिया. उन्होंने कहा, मूल मामला दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्यता के बारे में था, लेकिन किसी भी पक्ष के एक भी विधायक को अयोग्य नहीं ठहराया गया. उन्होंने कहा, 'आदेश जिस आधार पर टिका है वह गलत है. यह लोकतंत्र की हत्या है और उच्चतम न्यायालय का अपमान है.' उन्होंने कहा कि न तो शीर्ष अदालत और न ही लोग इस फैसले को स्वीकार करेंगे.
ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी यह भी देखेगी कि क्या विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की जा सकती है. ठाकरे ने कहा, 'शिवसेना कभी खत्म नहीं होगी और महाराष्ट्र की जनता इन गद्दारों की सेना को स्वीकार नहीं करेगी.' शिवसेना (यूबीटी) नेता राउत ने विधानसभा अध्यक्ष के आदेश को एक साजिश करार दिया और कहा कि यह मराठी मानूस के लिए एक काला दिन था.
बता दें कि जून 2022 में बगावत के बाद शिंदे भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बने. पिछले साल जुलाई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का अजित पवार गुट उनकी सरकार में शामिल हो गया था. पिछले साल 11 मई को, उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुनाया कि शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे. न्यायालय ने कहा कि वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती महाविकास आघाडी़ गठबंधन सरकार को बहाल नहीं कर सकते क्योंकि बाद में उन्होंने शिंदे के विद्रोह के मद्देनजर विश्वास मत का सामना किए बिना इस्तीफा देने का फैसला किया.
शीर्ष अदालत ने हालांकि दल के भीतर विवाद को सुलझाने के लिए शक्ति परीक्षण कराने की तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की कार्रवाई पर सवाल उठाया था. निर्वाचन आयोग ने शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को 'शिवसेना' नाम और 'धनुष और तीर' चुनाव चिह्न दिया, जबकि ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट को 'शिवसेना' (यूबीटी) नाम दिया, जिसका चुनाव चिह्न जलती मशाल है. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 2024 के उत्तरार्द्ध में होने हैं.
शिंदे गुट के इन 16 विधायकों पर थी अयोग्यता की तलवार: 1) एकनाथ शिंदे 2) चिमनराव पाटिल 3)अब्दुल सत्तार 4) तानाजी सावंत 5)यामिनी जाधव
6)संदीपन भुमरे 7)भरत गोगावे 8)संजय शिरसाठ 9) लता सोनावणे 10) प्रकाश सर्वे 11) बालाजी किनिकर 12) बालाजी कल्याणकर 13) अनिल बाबर
14) संजय रायमुलकर 15)रमेश बोरनारे 16)महेश शिंदे