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महाराष्ट्र राजनीतिक संकट: विशेष सत्र बुलाने के मामले पर SC में सुनवाई

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फ्लोर टेस्ट के आदेश के खिलाफ शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयी है. वहीं, कांग्रेस, एनसीपी के नेताओं ने भी राज्यपाल के आदेश के खिलाफ अदालत जाने की बात कही है. ज्ञात हो कि राज्यपाल ने उद्धव सरकार को विधान सभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए भेजा पत्र है. मामले में अभी सुनवाई की जा रही है.

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Published : Jun 29, 2022, 9:52 AM IST

Updated : Jun 29, 2022, 6:31 PM IST

Governor Bhagat Singh Koshyari's letter to the Chief Minister regarding the majority test
महाराष्ट्र राजनीतिक संकट: फ्लोर टेस्ट के लिए राज्यपाल ने सरकार को भेजा पत्र

मुंबई: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फ्लोर टेस्ट के आदेश के खिलाफ शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. शिवसेना ने फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने की मांग की है. वहीं, कांग्रेस, एनसीपी के नेता भी राज्यपाल के आदेश के खिलाफ अदालत जाने की बात कही है. सुप्रीम कोर्ट में अभिषेक मनु सिंघवी शिवसेना की तरफ से पेश हुए.

सिंघवी की मुख्य दलीलें- सुपरसोनिक स्पीड से विश्वास मत हासिल करने का आदेश दिया गया है. एनसीपी के दो विधायक कोरोना संक्रमित हैं. दो विधायक विदेश में हैं. पूरा मामला विधायकों की अयोग्यता से जुड़ा है. और अगर कल ही विश्वास मत हासिल किया जाना है, तो वे स्पीकर को मानें. व्हीप को भी मानना होगा. ऐसी क्या जरूरत आ पड़ी है कि 11 जुलाई की सुनवाई के बाद भी विश्वास मत हासिल नहीं किया जा सकता है.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई: उच्चतम न्यायालय शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु की उस याचिका पर सुनवाई करने के लिए बुधवार को राजी हो गया, जिसमें महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा उद्धव ठाकरे नीत महा विकास अघाडी (एमवीए) सरकार को बृहस्पतिवार को विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने के लिए दिए गए निर्देश को चुनौती दी गयी है.

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी की उन दलीलों पर संज्ञान लिया कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा एमवीए सरकार को बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे बहुमत साबित करने के लिए दिए गए आदेश के मद्देनजर मामले पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है.

पीठ ने कहा, ‘हम शाम पांच बजे सुनवाई करेंगे. कृपया यह सुनिश्चित करिए कि संबंधित पक्षों को शाम तीन बजे तक कागजात दे दिए जाए.' सिंघवी ने कहा कि शक्ति परीक्षण में उन विधायकों के नाम शामिल नहीं किए जा सकते जो ‘दागी’ हैं.

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ शिवसेना के बागी विधायकों को राहत प्रदान करते हुए सोमवार को कहा था कि संबंधित विधायकों की अयोग्यता पर 11 जुलाई तक फैसला नहीं लिया जाना चाहिए. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने अयोग्यता नोटिस की वैधता को चुनौती देने वाले बागी विधायकों की याचिकाओं पर राज्य सरकार एवं अन्य से जवाब तलब किया.

नवाब मलिक,अनिल देशमुख ने भी सुप्रीम कोर्ट का रुख किया: एनसीपी नेता नवाब मलिक और अनिल देशमुख ने भी सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. दोनों नेता इस समय जेल में बंद हैं. इन दोनों नेताओं ने कल महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट में शामिल होने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. सुप्रीम कोर्ट आज शाम उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गयी है.

महाराष्ट्र में सियासी उठापटक: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद राज्य में सियासी उठापटक तेज हो गयी है. इस राजनीतिक हलचल के बीच चीजें बहुत तेजी से आगे बढ़ रही हैं. विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडवानीस और भाजपा नेताओं ने मंगलवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी. राज्यपाल ने आज बहुमत साबित करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है.

महाराष्ट्र विधानभवन के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत को लिखे पत्र में कोश्यारी ने कहा, ‘महाराष्ट्र विधानसभा का एक विशेष सत्र 30 जून (बृहस्पतिवार) को पूर्वाह्न 11 बजे बुलाया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री के खिलाफ विश्वास प्रस्ताव पर मतदान एकमात्र एजेंडा होगा और किसी भी सूरत में सदन की कार्यवाही शाम पांच बजे तक पूरी करनी होगी.' पत्र में कहा गया है, ‘सदन की कार्यवाही का लाइव प्रसारण किया जाएगा और इसके लिए उचित प्रबंध किए जाएंगे.'

बहुमत साबित करने के लिए पत्र: भाजपा ने कहा है कि एकनाथ शिंदे के विद्रोह के कारण महाविकास अघाड़ी सरकार अल्पमत में है और उसके पास बहुमत नहीं है. इसके लिए देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने कल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी.

बैठक में उन्होंने राज्यपाल को राज्य की वर्तमान स्थिति के बारे में बताया और उनसे बहुमत परीक्षण का आदेश देने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी सरकार अब बहुमत में नहीं बल्कि अल्पमत में है. इसी सिलसिले में यह बात सामने आई है कि राज्यपाल ने आज मुख्यमंत्री को बहुमत साबित करने के लिए पत्र भेजा है. इस बहुमत परीक्षण के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से कल विशेष सत्र बुलाने के लिए कहा गया है.

ये भी पढ़ें- एकनाथ शिंदे समेत चार बागी विधायक कामाख्या पहुंचे

मंंगलवार को फर्जी पत्र वायरल होने के बाद राजनीतिक हालात को देखते हुए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने विधान भवन सचिव को पत्र भेजा था. यह पत्र मीडिया में वायरल हो गया था. राजभवन ने इसका खुलासा करते हुए पत्र को फर्जी बताया था. लेकिन, अब यह बात सामने आई है कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को बहुमत परीक्षण के लिए पत्र भेजा है.

संजय राउत ने कहा जाएंगे सुप्रीम कोर्ट : शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'राज्यपाल और भाजपा मिलकर संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं. हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और न्याय की मांग करेंगे. हमें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है. यह तय है कि यह स्पीड राफेल से भी ज्यादा होगी. राज्यपाल का सम्मान किया जाता है. राउत ने कहा है कि कोई भी उन पर दबाव बना सकता है.' इस बीच कल शाम पांच बजे तक बहुमत साबित करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया है.

कांग्रेस जाएगी सुप्रीम कोर्ट: कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चह्वाण ने राज्यपाल के पत्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है. चह्वाण ने कहा, 'महाराष्ट्र सरकार को उद्धव ठाकरे नीत गठबंधन को बृहस्पतिवार को शक्ति परीक्षण का सामना करने के लिए कहने वाले राज्यपाल बी एस कोश्यारी के पत्र के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाना पड़ेगा.'

मुंबई: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फ्लोर टेस्ट के आदेश के खिलाफ शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. शिवसेना ने फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने की मांग की है. वहीं, कांग्रेस, एनसीपी के नेता भी राज्यपाल के आदेश के खिलाफ अदालत जाने की बात कही है. सुप्रीम कोर्ट में अभिषेक मनु सिंघवी शिवसेना की तरफ से पेश हुए.

सिंघवी की मुख्य दलीलें- सुपरसोनिक स्पीड से विश्वास मत हासिल करने का आदेश दिया गया है. एनसीपी के दो विधायक कोरोना संक्रमित हैं. दो विधायक विदेश में हैं. पूरा मामला विधायकों की अयोग्यता से जुड़ा है. और अगर कल ही विश्वास मत हासिल किया जाना है, तो वे स्पीकर को मानें. व्हीप को भी मानना होगा. ऐसी क्या जरूरत आ पड़ी है कि 11 जुलाई की सुनवाई के बाद भी विश्वास मत हासिल नहीं किया जा सकता है.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई: उच्चतम न्यायालय शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु की उस याचिका पर सुनवाई करने के लिए बुधवार को राजी हो गया, जिसमें महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा उद्धव ठाकरे नीत महा विकास अघाडी (एमवीए) सरकार को बृहस्पतिवार को विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने के लिए दिए गए निर्देश को चुनौती दी गयी है.

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी की उन दलीलों पर संज्ञान लिया कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा एमवीए सरकार को बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे बहुमत साबित करने के लिए दिए गए आदेश के मद्देनजर मामले पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है.

पीठ ने कहा, ‘हम शाम पांच बजे सुनवाई करेंगे. कृपया यह सुनिश्चित करिए कि संबंधित पक्षों को शाम तीन बजे तक कागजात दे दिए जाए.' सिंघवी ने कहा कि शक्ति परीक्षण में उन विधायकों के नाम शामिल नहीं किए जा सकते जो ‘दागी’ हैं.

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ शिवसेना के बागी विधायकों को राहत प्रदान करते हुए सोमवार को कहा था कि संबंधित विधायकों की अयोग्यता पर 11 जुलाई तक फैसला नहीं लिया जाना चाहिए. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने अयोग्यता नोटिस की वैधता को चुनौती देने वाले बागी विधायकों की याचिकाओं पर राज्य सरकार एवं अन्य से जवाब तलब किया.

नवाब मलिक,अनिल देशमुख ने भी सुप्रीम कोर्ट का रुख किया: एनसीपी नेता नवाब मलिक और अनिल देशमुख ने भी सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. दोनों नेता इस समय जेल में बंद हैं. इन दोनों नेताओं ने कल महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट में शामिल होने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. सुप्रीम कोर्ट आज शाम उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गयी है.

महाराष्ट्र में सियासी उठापटक: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद राज्य में सियासी उठापटक तेज हो गयी है. इस राजनीतिक हलचल के बीच चीजें बहुत तेजी से आगे बढ़ रही हैं. विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडवानीस और भाजपा नेताओं ने मंगलवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी. राज्यपाल ने आज बहुमत साबित करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है.

महाराष्ट्र विधानभवन के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत को लिखे पत्र में कोश्यारी ने कहा, ‘महाराष्ट्र विधानसभा का एक विशेष सत्र 30 जून (बृहस्पतिवार) को पूर्वाह्न 11 बजे बुलाया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री के खिलाफ विश्वास प्रस्ताव पर मतदान एकमात्र एजेंडा होगा और किसी भी सूरत में सदन की कार्यवाही शाम पांच बजे तक पूरी करनी होगी.' पत्र में कहा गया है, ‘सदन की कार्यवाही का लाइव प्रसारण किया जाएगा और इसके लिए उचित प्रबंध किए जाएंगे.'

बहुमत साबित करने के लिए पत्र: भाजपा ने कहा है कि एकनाथ शिंदे के विद्रोह के कारण महाविकास अघाड़ी सरकार अल्पमत में है और उसके पास बहुमत नहीं है. इसके लिए देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने कल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की थी.

बैठक में उन्होंने राज्यपाल को राज्य की वर्तमान स्थिति के बारे में बताया और उनसे बहुमत परीक्षण का आदेश देने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी सरकार अब बहुमत में नहीं बल्कि अल्पमत में है. इसी सिलसिले में यह बात सामने आई है कि राज्यपाल ने आज मुख्यमंत्री को बहुमत साबित करने के लिए पत्र भेजा है. इस बहुमत परीक्षण के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से कल विशेष सत्र बुलाने के लिए कहा गया है.

ये भी पढ़ें- एकनाथ शिंदे समेत चार बागी विधायक कामाख्या पहुंचे

मंंगलवार को फर्जी पत्र वायरल होने के बाद राजनीतिक हालात को देखते हुए राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने विधान भवन सचिव को पत्र भेजा था. यह पत्र मीडिया में वायरल हो गया था. राजभवन ने इसका खुलासा करते हुए पत्र को फर्जी बताया था. लेकिन, अब यह बात सामने आई है कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को बहुमत परीक्षण के लिए पत्र भेजा है.

संजय राउत ने कहा जाएंगे सुप्रीम कोर्ट : शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'राज्यपाल और भाजपा मिलकर संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं. हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और न्याय की मांग करेंगे. हमें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है. यह तय है कि यह स्पीड राफेल से भी ज्यादा होगी. राज्यपाल का सम्मान किया जाता है. राउत ने कहा है कि कोई भी उन पर दबाव बना सकता है.' इस बीच कल शाम पांच बजे तक बहुमत साबित करने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया है.

कांग्रेस जाएगी सुप्रीम कोर्ट: कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चह्वाण ने राज्यपाल के पत्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है. चह्वाण ने कहा, 'महाराष्ट्र सरकार को उद्धव ठाकरे नीत गठबंधन को बृहस्पतिवार को शक्ति परीक्षण का सामना करने के लिए कहने वाले राज्यपाल बी एस कोश्यारी के पत्र के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाना पड़ेगा.'

Last Updated : Jun 29, 2022, 6:31 PM IST
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