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मदुरै ट्रेन हादसे के पीड़ितों का दर्द, कहा- बोगी में भरा था धुआं, भागने की कोशिश की तो गेट भी बंद मिला

मदुरै ट्रेन हादसे (madurai train accident) के शिकार लोगों के शव लखनऊ पहुंच गए हैं. घायलों को भी लाया जा चुका है. हादसे ने कई परिवारों की जीवनभर की सिसकियां दे दी हैं.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 27, 2023, 8:45 PM IST

Updated : Aug 27, 2023, 10:52 PM IST

सभी के शव लखनऊ पहुंच चुके हैं.

लखनऊ: तमिलनाडु के मदुरै रेल अग्निकांड में सभी नौ लोगों के शव लाए जा चुके हैं. हादसे में जो लोग जिंदा बचे हैं, वे घटना को यादकर सिहर उठते हैं. हादसे के बारे में पूछते ही उनकी आंखें नम हो जाती हैं. कई पीड़ितों ने आंखों देखी बताई. कहा कि लोगों की आंखों के सामने उनके अपने ही जल गए, लेकिन वे कुछ नहीं कर पाए. कुछ लोगों ने भागने की कोशिश की तो बोगी का दरवाजा भी अंदर से बंद मिला. बोगी में चारों तरफ धुआं ही धुआं भरा था.

पति ने खींचकर निकाला बाहर : हादसे के समय बोगी में मौजूद कमला देवी वर्मा ने बताया कि जब मेरी नीद खुली तो पूरी बोगी में धुआं ही धुआं ही भरा हुआ था. चारों तरफ भगदड़ मची हुई थी. मैं कमजोर होने के चलते ट्रेन में फंस गई थी. बोगी के अन्दर लोग बेतहाशा बाहर भाग रहे थे. बोगी के दरवाजे भी बंद थे. समझ नहीं आ रहा कि जान कैसे बचाऊं. इतने में मेरे पति ने मुझे खीचकर बाहर निकाल दिया. मैं घिसट-घिसट कर बोगी से दूर एक पत्थर पर चली गई. वहां जाकर बेहोश हो गई. जब मुझे होश आया तो हॉस्पिटल में थी.

प्रशासन ने शवों को ले जाने के लिए वाहनों का इंतजाम किया.
प्रशासन ने शवों को ले जाने के लिए वाहनों का इंतजाम किया.

पति और भाभी जिंदा जल गए : लखीमपुर खीरी निवासी राम मोहन वर्मा ने बताया कि सुबह के समय गैस सिलेंडर से आग लगी थी. उस वक्त बोगी के दोनों तरफ के दरवाजे बंद थे. इससे बोगी में धुआं भर गया. बाद में प्रशासन की मदद से दरवाजा तोड़ा गया. इसके बाद कुछ लोगों की जान बच पाई. वहीं, सुशीला सिंह ने बताया कि वह अपने पति शत्रुदमन सिंह, भैया शिव प्रताप सिंह और भाभी मिथिलेश के साथ यात्रा पर गई थी, शनिवार सुबह अचानक 5 बजे बोगी में चारों तरफ धुआं ही धुआं ही भर गया. बोगी का दरवाजा लॉक होने की वजह से लोग उसमें फंस गए. इतना कहते-कहते सुशीला सिंह रो पड़ी और कहने लगी कि मेरे पति और भाभी दोनों की बोगी के अंदर जलकर मर गए. वहीं, लखनऊ एयरपोर्ट पर घायल यात्रियों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गई है.

सरकार पीड़ितों के साथ : डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने दुख जताते हुए कहा कि सरकार पीड़ित परिजनों के साथ है. सरकार की तरफ से घायलों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. डीआरएम लखनऊ आदित्य ने बताया कि घटना की जांच दक्षिण रेलवे द्वारा की जा रही है. जो भी दोषी होगा उसको सजा जरूर मिलेगी. इसके साथ ही जो भी यात्री घायल हैं, उनको एयरलिफ्ट करके चेन्नई से लखनऊ लाया गया है. सभी को उनके घर भिजवाने और उनके इलाज की व्यवस्था कराई गई है. मृतकों परिजनों को 10-10 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. गौरतलब है कि तमिलनाडु के मदुरै रेलवे स्टेशन के पास खड़ी बोगी में शनिवार सुबह अचानक सिलेंडर ब्लास्ट होने के बाद आग लग गई थी. हादसे में 9 लोगों की जलकर दर्दनाक मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. ये सभी यूपी के रहने वाले थे.


यह भी पढ़ें: Madurai Train Accident: लखीमपुर खीरी की शांति देवी पति और नाती के साथ गई थीं रामेश्वरम, हादसे की हुईं शिकार

सभी के शव लखनऊ पहुंच चुके हैं.

लखनऊ: तमिलनाडु के मदुरै रेल अग्निकांड में सभी नौ लोगों के शव लाए जा चुके हैं. हादसे में जो लोग जिंदा बचे हैं, वे घटना को यादकर सिहर उठते हैं. हादसे के बारे में पूछते ही उनकी आंखें नम हो जाती हैं. कई पीड़ितों ने आंखों देखी बताई. कहा कि लोगों की आंखों के सामने उनके अपने ही जल गए, लेकिन वे कुछ नहीं कर पाए. कुछ लोगों ने भागने की कोशिश की तो बोगी का दरवाजा भी अंदर से बंद मिला. बोगी में चारों तरफ धुआं ही धुआं भरा था.

पति ने खींचकर निकाला बाहर : हादसे के समय बोगी में मौजूद कमला देवी वर्मा ने बताया कि जब मेरी नीद खुली तो पूरी बोगी में धुआं ही धुआं ही भरा हुआ था. चारों तरफ भगदड़ मची हुई थी. मैं कमजोर होने के चलते ट्रेन में फंस गई थी. बोगी के अन्दर लोग बेतहाशा बाहर भाग रहे थे. बोगी के दरवाजे भी बंद थे. समझ नहीं आ रहा कि जान कैसे बचाऊं. इतने में मेरे पति ने मुझे खीचकर बाहर निकाल दिया. मैं घिसट-घिसट कर बोगी से दूर एक पत्थर पर चली गई. वहां जाकर बेहोश हो गई. जब मुझे होश आया तो हॉस्पिटल में थी.

प्रशासन ने शवों को ले जाने के लिए वाहनों का इंतजाम किया.
प्रशासन ने शवों को ले जाने के लिए वाहनों का इंतजाम किया.

पति और भाभी जिंदा जल गए : लखीमपुर खीरी निवासी राम मोहन वर्मा ने बताया कि सुबह के समय गैस सिलेंडर से आग लगी थी. उस वक्त बोगी के दोनों तरफ के दरवाजे बंद थे. इससे बोगी में धुआं भर गया. बाद में प्रशासन की मदद से दरवाजा तोड़ा गया. इसके बाद कुछ लोगों की जान बच पाई. वहीं, सुशीला सिंह ने बताया कि वह अपने पति शत्रुदमन सिंह, भैया शिव प्रताप सिंह और भाभी मिथिलेश के साथ यात्रा पर गई थी, शनिवार सुबह अचानक 5 बजे बोगी में चारों तरफ धुआं ही धुआं ही भर गया. बोगी का दरवाजा लॉक होने की वजह से लोग उसमें फंस गए. इतना कहते-कहते सुशीला सिंह रो पड़ी और कहने लगी कि मेरे पति और भाभी दोनों की बोगी के अंदर जलकर मर गए. वहीं, लखनऊ एयरपोर्ट पर घायल यात्रियों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गई है.

सरकार पीड़ितों के साथ : डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने दुख जताते हुए कहा कि सरकार पीड़ित परिजनों के साथ है. सरकार की तरफ से घायलों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. डीआरएम लखनऊ आदित्य ने बताया कि घटना की जांच दक्षिण रेलवे द्वारा की जा रही है. जो भी दोषी होगा उसको सजा जरूर मिलेगी. इसके साथ ही जो भी यात्री घायल हैं, उनको एयरलिफ्ट करके चेन्नई से लखनऊ लाया गया है. सभी को उनके घर भिजवाने और उनके इलाज की व्यवस्था कराई गई है. मृतकों परिजनों को 10-10 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. गौरतलब है कि तमिलनाडु के मदुरै रेलवे स्टेशन के पास खड़ी बोगी में शनिवार सुबह अचानक सिलेंडर ब्लास्ट होने के बाद आग लग गई थी. हादसे में 9 लोगों की जलकर दर्दनाक मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. ये सभी यूपी के रहने वाले थे.


यह भी पढ़ें: Madurai Train Accident: लखीमपुर खीरी की शांति देवी पति और नाती के साथ गई थीं रामेश्वरम, हादसे की हुईं शिकार

Last Updated : Aug 27, 2023, 10:52 PM IST
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