मदुरै : मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने अपराध शाखा-अपराध जांच विभाग (सीबी-सीआईडी) द्वारा कई महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार एक प्रमुख आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी. केस 2020 में तमिलनाडु के कन्याकुमारी में दर्ज किया गया था. नागरकोइल कासी के रूप में पहचाने जाने वाले आरोपी के खिलाफ महिलाओं को ब्लैकमेल कर के उनसे पैसे वसूलने का आरोप है.
नागरकोइल ने कथित तौर पर एक महिला डॉक्टर सहित 100 से अधिक महिलाओं को उनकी अश्लील तस्वीरें इंटरनेट पर अपलोड करने की धमकी दी और उनसे लाखों रुपये वसूलने के लिए ब्लैकमेल किया. उसके खिलाफ अप्रैल 2020 में मामला दर्ज किया गया था. तब से वह जेल में है. इस मामले में उसने जमानत के लिए हाईकोर्ट की मदुरै शाखा में याचिका दायर की थी. न्यायमूर्ति टी. वी. तमिलसेल्वी ने याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोपों की गंभीरता पर विचार करते हुए कहा कि अदालत उन्हें जमानत नहीं दे सकती है.
कोर्ट ने कहा कि पहले आरोपी ने महिलाओं को अपनी दोस्ती और प्रेम के झांसे में फंसाया. फिर उनके साथ अंतरंग पलों को बिना उनकी जानकारी के रिकॉर्ड किया. इसके बाद रिकॉर्डिंग को सार्वजनिक करने की धमकी देकर उन पीड़ित महिलाओं को ब्लैकमेल करना शुरू किया. आरोपी ने डरी हुई महिलाओं को ब्लैकमेल कर उनसे रुपये एंठे. पुलिस के आरोप के मुताबिक, आरोपी ने 100 से ज्यादा महिलाओं से कई लाख रुपये एंठे.
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कोर्ट ने याचिकाकर्ता के बुरे आचरण पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता पर लगे आरोप गंभीर हैं. उसने पीड़ितों का जीवन भी खराब किया है. कोर्ट ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा किया जाता है तो उसके सबूतों से छेड़छाड़ करने की पूरी संभावना है.
(एएनआई)