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ले.जन. मनोज पांडे होंगे देश के अगले सेना प्रमुख, ऑपरेशन पराक्रम को किया था लीड

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे नए सेना प्रमुख नियुक्त किए गए हैं. मनोज पांडे ऑर्मी चीफ बनने वाले पहले इंजीनियर हैं. उन्होंने जम्मू कश्मीर में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 2001 में संसद पर हमले के बाद ऑपरेशन पराक्रम को चलाया गया था.

लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे होंगे देश के अगले सेना प्रमुख
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे होंगे देश के अगले सेना प्रमुख
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Published : Apr 18, 2022, 6:25 PM IST

Updated : Apr 18, 2022, 8:12 PM IST

नई दिल्ली : लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे (Lt Gen Manoj Pande) देश के नए सेना प्रमुख होंगे. केंद्र सरकार ने उनकी नियुक्ति को हरी झंडी दे दी है. आगामी 30 अप्रैल को लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को भारतीय सेना की कमान सौंपी जाएगी. मनोज पांडे देश के पहले इंजीनियर होंगे, जिन्हें सेना प्रमुख की कमान सौंपी जाएगी. वर्तमान सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे (General MM Naravane) इस माह के आखिर में सेवानिवृत्त हो रहे हैं.

मनोज मुकुंद नरवणे के बाद लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ही सेना में सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं. जनरल नरवणे (General MM Naravane) को चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (Chief of Defence Staff, CDS) पद की प्रतिस्पर्धा में सबसे आगे माना जा रहा है.

अपने 39 साल के सैन्य करियर में, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने पश्चिमी थिएटर में एक इंजीनियर ब्रिगेड, एलओसी पर पैदल सेना ब्रिगेड, लद्दाख सेक्टर में एक पर्वतीय डिवीजन और उत्तर-पूर्व में एक कोर की कमान संभाली है. पूर्वी कमान का कार्यभार संभालने से पहले वह अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ का कार्यभार संभाल चुके हैं.

लेफ्टिनेंट जनरल पांडे अभी थल सेना के उप-प्रमुख हैं. थल सेना का उप-प्रमुख बनने से पहले वह थल सेना की पूर्वी कमान का नेतृत्व कर रहे थे. इस कमान पर सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा की जिम्मेदारी है.

लेफ्टिनेंट जनरल पांडे को दिसंबर 1982 में बॉम्बे सैपर्स में कमीशन मिला था. उन्होंने अपने बेहतरीन करियर में कई अहम पदों पर काम किया और विभिन्न इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियानों में भाग लिया. उन्होंने जम्मू कश्मीर में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान नियंत्रण रेखा के पास एक इंजीनियर रेजिमेंट की कमान संभाली. इसके अलावा उन्होंने पश्चिमी लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में एक पर्वतीय डिवीजन और पूर्वोत्तर में एक कोर की भी कमान संभाली.

उन्होंने इथोपिया और इरिट्रिया में संयुक्त राष्ट्र मिशन में मुख्य इंजीनियर के रूप में भी कार्य किया है. वह जून 2020 से मई 2021 तक अंडमान निकोबार कमांड के कमांडर-इन-चीफ थे. उनकी शानदार सेवा के लिए उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, विशिष्ट सेवा पदक, थल सेना प्रमुख से प्रशस्ति पत्र आदि से सम्मानित किया जा चुका है.

नई दिल्ली : लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे (Lt Gen Manoj Pande) देश के नए सेना प्रमुख होंगे. केंद्र सरकार ने उनकी नियुक्ति को हरी झंडी दे दी है. आगामी 30 अप्रैल को लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को भारतीय सेना की कमान सौंपी जाएगी. मनोज पांडे देश के पहले इंजीनियर होंगे, जिन्हें सेना प्रमुख की कमान सौंपी जाएगी. वर्तमान सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे (General MM Naravane) इस माह के आखिर में सेवानिवृत्त हो रहे हैं.

मनोज मुकुंद नरवणे के बाद लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ही सेना में सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं. जनरल नरवणे (General MM Naravane) को चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (Chief of Defence Staff, CDS) पद की प्रतिस्पर्धा में सबसे आगे माना जा रहा है.

अपने 39 साल के सैन्य करियर में, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने पश्चिमी थिएटर में एक इंजीनियर ब्रिगेड, एलओसी पर पैदल सेना ब्रिगेड, लद्दाख सेक्टर में एक पर्वतीय डिवीजन और उत्तर-पूर्व में एक कोर की कमान संभाली है. पूर्वी कमान का कार्यभार संभालने से पहले वह अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ का कार्यभार संभाल चुके हैं.

लेफ्टिनेंट जनरल पांडे अभी थल सेना के उप-प्रमुख हैं. थल सेना का उप-प्रमुख बनने से पहले वह थल सेना की पूर्वी कमान का नेतृत्व कर रहे थे. इस कमान पर सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा की जिम्मेदारी है.

लेफ्टिनेंट जनरल पांडे को दिसंबर 1982 में बॉम्बे सैपर्स में कमीशन मिला था. उन्होंने अपने बेहतरीन करियर में कई अहम पदों पर काम किया और विभिन्न इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियानों में भाग लिया. उन्होंने जम्मू कश्मीर में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान नियंत्रण रेखा के पास एक इंजीनियर रेजिमेंट की कमान संभाली. इसके अलावा उन्होंने पश्चिमी लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में एक पर्वतीय डिवीजन और पूर्वोत्तर में एक कोर की भी कमान संभाली.

उन्होंने इथोपिया और इरिट्रिया में संयुक्त राष्ट्र मिशन में मुख्य इंजीनियर के रूप में भी कार्य किया है. वह जून 2020 से मई 2021 तक अंडमान निकोबार कमांड के कमांडर-इन-चीफ थे. उनकी शानदार सेवा के लिए उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, विशिष्ट सेवा पदक, थल सेना प्रमुख से प्रशस्ति पत्र आदि से सम्मानित किया जा चुका है.

Last Updated : Apr 18, 2022, 8:12 PM IST
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