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इसरो जासूसी मामला: अदालत ने केरल पुलिस के दो पूर्व अधिकारियों को गिरफ्तारी से दी अंतरिम राहत

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Published : Jul 26, 2021, 6:45 PM IST

केरल उच्च न्यायालय ने, 1994 में इसरो के वैज्ञानिक नम्बी नारायण की गिरफ्तारी के मामले के संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा आपराधिक साजिश, अपहरण और साक्ष्य मिटाने जैसे मामलों में नामजद केरल पुलिस के दो पूर्व अधिकारियों को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी.

इसरो जासूसी मामला
इसरो जासूसी मामला

कोच्चि : साल 1994 के इसरो जासूसी मामले में केरल हाईकोर्ट ने पुलिसकर्मियों को गिरफ्तारी से राहत दी है. इस मामले से संबंधित एक वकील ने बताया कि एस विजयन और टी एस दुर्गा दत्त की ओर से दायर संयुक्त अग्रिम जमानत याचिका पर सीबीआई द्वारा सुनवाई अगले सप्ताह तक के लिए स्थगित करने का अनुरोध करने के बाद न्यायमूर्ति अशोक मेनन ने दोनों अधिकारियों को राहत दी.

सोमवार को सीबीआई की ओर से पेश हुए केंद्र सरकार के वकील सुविन आर मेनन ने भी आदेश की पुष्टि की और कहा कि अदालत ने यह निर्देश भी दिया कि अगर दोनों पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया जाता है तो उन्हें 50 हजार का बांड और उतनी ही राशि के मुचलके पर जमानत दे दी जाए.

उन्होंने कहा कि अंतरिम आदेश, सुनवाई की अगली तारीख, दो अगस्त तक प्रभावी रहेगा. ये दोनों पूर्व पुलिस अधिकारी, उस विशेष जांच दल (एसआईटी) का हिस्सा थे जिसने 1994 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) जासूसी मामले में वैज्ञानिक नंबी नारायण और मालदीव के दो नागरिकों- मरियम रशीदा और फौजिया हसन को गिरफ्तार किया था.

यह भी पढ़ें- ISRO Espionage : समिति की रिपोर्ट नहीं सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर होगी कार्रवाई

नारायण तथा दोनों महिलाओं की ओर से पेश हुए वकील प्रसाद गांधी ने याचिका का यह कहते हुए विरोध किया था कि इसमें गलत इरादों से आरोप लगाया गया है. सीबीआई ने मामले में 18 लोगों को आरोपी बनाया था, जिसमें खुफिया विभाग (आईबी) के तत्कालीन अधिकारी भी शामिल थे.

(पीटीआई-भाषा)

कोच्चि : साल 1994 के इसरो जासूसी मामले में केरल हाईकोर्ट ने पुलिसकर्मियों को गिरफ्तारी से राहत दी है. इस मामले से संबंधित एक वकील ने बताया कि एस विजयन और टी एस दुर्गा दत्त की ओर से दायर संयुक्त अग्रिम जमानत याचिका पर सीबीआई द्वारा सुनवाई अगले सप्ताह तक के लिए स्थगित करने का अनुरोध करने के बाद न्यायमूर्ति अशोक मेनन ने दोनों अधिकारियों को राहत दी.

सोमवार को सीबीआई की ओर से पेश हुए केंद्र सरकार के वकील सुविन आर मेनन ने भी आदेश की पुष्टि की और कहा कि अदालत ने यह निर्देश भी दिया कि अगर दोनों पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया जाता है तो उन्हें 50 हजार का बांड और उतनी ही राशि के मुचलके पर जमानत दे दी जाए.

उन्होंने कहा कि अंतरिम आदेश, सुनवाई की अगली तारीख, दो अगस्त तक प्रभावी रहेगा. ये दोनों पूर्व पुलिस अधिकारी, उस विशेष जांच दल (एसआईटी) का हिस्सा थे जिसने 1994 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) जासूसी मामले में वैज्ञानिक नंबी नारायण और मालदीव के दो नागरिकों- मरियम रशीदा और फौजिया हसन को गिरफ्तार किया था.

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नारायण तथा दोनों महिलाओं की ओर से पेश हुए वकील प्रसाद गांधी ने याचिका का यह कहते हुए विरोध किया था कि इसमें गलत इरादों से आरोप लगाया गया है. सीबीआई ने मामले में 18 लोगों को आरोपी बनाया था, जिसमें खुफिया विभाग (आईबी) के तत्कालीन अधिकारी भी शामिल थे.

(पीटीआई-भाषा)

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