जालना/तिरुवनंतपुरम् : कर्नाटक में कांग्रेस की जीत और भाजपा की हार को लेकर देश भर से प्रतिक्रिया आ रही है (Karnataka Result). महाराष्ट्र कांग्रेस ने जीत पर खुशी जताई है, वहीं भाजपा (Bharatiya Janata Party) पर निशाना साधा है. कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले (Nana Patole) ने शनिवार को कहा कि राहुल गांधी को 'परेशान और बदनाम करने' के कारण कर्नाटक के लोगों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सबक सिखाया है.
दक्षिणी राज्य में कांग्रेस ने 10 साल बाद अपने दम पर सत्ता हासिल की है. पटोले ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि भाजपा ने राहुल गांधी को लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित करने और 'उन्हें बेघर करने' की साजिश रची.
गौरतलब है कि मार्च में सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किया गया था, जिसके बाद गांधी को अपना आधिकारिक बंगला खाली करना पड़ा था.
पटोले ने कहा, 'जनता राहुल गांधी का नेतृत्व स्वीकार करने के लिए तैयार है. कर्नाटक चुनाव इसका सबूत है.' पटोले ने कहा, 'लोग राहुल गांधी के नेतृत्व को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं. कर्नाटक के नतीजे इसका सबूत हैं.' शिवसेना में विभाजन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को शिवसेना के 16 विधायकों के खिलाफ लंबित अयोग्यता नोटिस पर जल्द से जल्द फैसला लेना चाहिए. नार्वेकर को अपने पद को कलंकित नहीं होने देना चाहिए.'
केरल कांग्रेस ने कर्नाटक की जीत पर मनाई खुशियां : उधर, कांग्रेस की केरल इकाई ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत पर खुशियां मनाते हुए शनिवार को कहा कि भाजपा को दक्षिण भारत से खदेड़ दिया गया है. चुनाव से पहले कर्नाटक में सक्रिय रूप से प्रचार करने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रमेश चेन्निथला ने कहा कि वाम दल का भाजपा के साथ एक गुप्त समझौता है और यह जीत माकपा के चेहरे पर एक 'तमाचा' है.
उन्होंने कहा, कांग्रेस की यह भारी जीत एम.वी. गोविंदन (केरल इकाई सीपीआई-एम सचिव) जैसे लोगों की इच्छा के खिलाफ है क्योंकि सीपीआई-एम नहीं चाहती कि कांग्रेस सत्ता में आए. सीपीआई-एम का भाजपा के साथ एक गुप्त समझौता है.
उन्होंने कहा, 'गोविंदन चाहते हैं कि धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट नहीं होना चाहिए. सभी जानते हैं कि भाजपा और माकपा के बीच गुप्त समझौते के परिणामस्वरूप ही एसएनसी लवलीन मामले को रिकॉर्ड 34 बार स्थगित किया गया है.'
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(एजेंसियां)