श्रीनगर : जम्मू कश्मीर प्रशासन ने बृहस्पतिवार को जवानों और उनके परिवारों को 'सुरक्षित और उचित' आवास मुहैया कराने के लिए घाटी में विभिन्न स्थानों पर 26 हेक्टेयर जमीन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को हस्तांतरित कर दी.
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि सीआरपीएफ को जमीन हस्तांतरित करने का फैसला यहां हुई प्रशासनिक परिषद की बैठक में लिया गया जिसकी अध्यक्षता उपराज्यपाल मनोज सिन्हा में की. बैठक में मनोज सिन्हा के अलावा, फारूक खान और राजीव राय भटनागर, उपराज्यपाल के सलाहकार, डॉ अरुण कुमार मेहता, मुख्य सचिव, जम्मू-कश्मीर और नीतीशवर कुमार, उपराज्यपाल के प्रधान सचिव ने भाग लिया.
उन्होंने कहा कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पुलवामा और शोपियां जिलों में बटालियन कैंपिंग साइट स्थापित करने के लिए सीआरपीएफ के पक्ष में 524 कनाल 11 मरला (26.23 हेक्टेयर) भूमि हस्तांतरित करने की मंजूरी दी गई.
एक सरकारी प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, 'वर्ष 2021 के लिए अधिसूचित स्टांप शुल्क दरों के अनुसार भुगतान के खिलाफ भूमि हस्तांतरित की जाएगी. यह सीआरपीएफ कर्मियों और उनके परिवारों को सुरक्षित और उचित आवास प्रदान करेगी.'
प्रशासनिक परिषद ने जिला पुलवामा में एसडीपीओ कार्यालय/पुलिस थाना कूड़ाकरकट के निर्माण के लिए पुलिस विभाग के पक्ष में 20 कनाल भूमि के हस्तांतरण को मंजूरी दी.
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गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने के बाद कि सेना और सुरक्षा बल किसी भी भूमि या क्षेत्र को रणनीतिक घोषित कर सकते हैं और अपनी सेवाओं और संचालन के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, अनुच्छेद 370 और 35 (ए) को निरस्त करने के बाद सुरक्षा बलों को भूमि का हस्तांतरण सुनिश्चित किया गया था.