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फरार IPS मणिलाल पाटीदार ने लखनऊ की कोर्ट में सरेंडर किया

भगोड़े आईपीएस अफसर मणिलाल पाटीदार ने शनिवार को लखनऊ की कोर्ट में सरेंडर कर दिया. वो करीब दो साल से फरार था.

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आईपीएस मणिलाल पाटीदार सरेंडर
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Published : Oct 15, 2022, 2:01 PM IST

Updated : Oct 15, 2022, 4:34 PM IST

लखनऊ: फरार IPS मणिलाल पाटीदार ने लखनऊ की कोर्ट में सरेंडर कर दिया. लंबे समय से आईपीएस मणिलाल फरार चल रहे थे. यूपी के जिला महोबा में एसपी रहते हुए उन पर एक क्रेशर कारोबारी से वसूली समेत उसे आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है. विजिलेंस की जांच में दोषी पाए जाने के बाद आईपीएस मणिलाल मुकदमा दर्ज किया गया था जिसके बाद करीब दो साल से वो फरार चल रहे थे. इसके बाद आज शनिवार को आईपीएस मणिलाल ने एंटी करप्शन कोर्ट में सरेंडर कर दिया है.

फरार चल रहे आईपीएस अफसर मणिलाल पाटीदार ने शनिवार को लखनऊ कोर्ट में शनिवार को आत्मसमर्पण कर दिया. वह महोबा के पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थे. उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले में निलंबित कर दिया गया था. उन्होंने महोबा के एक खनन व्यापारी से छह लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी. उन्हें 9 सितंबर 2020 को निलंबित किया गया था तब से वह फरार थे. एसआईटी ने उन्हें व्यापारी को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी ठहराया था. उन पर महोबा कोतवाली और विजिलेंस में मुकदमा दर्ज किया गया था.

मणिलाल पाटीदार 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. एडीजी जोन प्रयागराज ने उन पर एक लाख रुपये का पुरस्कार घोषित किया था. उत्तर प्रदेश की तमाम पुलिस व एजेंसी मणिलाल पाटीदार को पकड़ने में नाकाम रही. उन्होंने आज लखनऊ में एडीजे 9 की कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया. महोबा के खनन व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने 7 सितंबर 2020 को वीडियो वायरल कर पुलिस अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाए थे. इंद्रकांत त्रिपाठी को 9 सितंबर 2020 को संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगी थी और 14 सितंबर को कानपुर के अस्पताल में निधन हो गया था.

प्रदेश सरकार ने तत्कालीन आईजी वाराणसी विजय सिंह मीणा की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन कर जांच के लिए महोबा भेजा था. बार-बार बुलाए जाने के बाद भी पाटीदार एसआईटी के सामने पेश नहीं हुए थे. एसआईटी ने अपनी जांच में पाटीदार को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी माना था.

ये भी पढ़ें- AIMIM प्रदेश अध्यक्ष के बिगड़े बोल, हिंदू तीन रखैल रखते हैं और पैदा करते हैं नाजायज औलादें

लखनऊ: फरार IPS मणिलाल पाटीदार ने लखनऊ की कोर्ट में सरेंडर कर दिया. लंबे समय से आईपीएस मणिलाल फरार चल रहे थे. यूपी के जिला महोबा में एसपी रहते हुए उन पर एक क्रेशर कारोबारी से वसूली समेत उसे आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है. विजिलेंस की जांच में दोषी पाए जाने के बाद आईपीएस मणिलाल मुकदमा दर्ज किया गया था जिसके बाद करीब दो साल से वो फरार चल रहे थे. इसके बाद आज शनिवार को आईपीएस मणिलाल ने एंटी करप्शन कोर्ट में सरेंडर कर दिया है.

फरार चल रहे आईपीएस अफसर मणिलाल पाटीदार ने शनिवार को लखनऊ कोर्ट में शनिवार को आत्मसमर्पण कर दिया. वह महोबा के पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थे. उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले में निलंबित कर दिया गया था. उन्होंने महोबा के एक खनन व्यापारी से छह लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी. उन्हें 9 सितंबर 2020 को निलंबित किया गया था तब से वह फरार थे. एसआईटी ने उन्हें व्यापारी को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी ठहराया था. उन पर महोबा कोतवाली और विजिलेंस में मुकदमा दर्ज किया गया था.

मणिलाल पाटीदार 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. एडीजी जोन प्रयागराज ने उन पर एक लाख रुपये का पुरस्कार घोषित किया था. उत्तर प्रदेश की तमाम पुलिस व एजेंसी मणिलाल पाटीदार को पकड़ने में नाकाम रही. उन्होंने आज लखनऊ में एडीजे 9 की कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया. महोबा के खनन व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने 7 सितंबर 2020 को वीडियो वायरल कर पुलिस अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाए थे. इंद्रकांत त्रिपाठी को 9 सितंबर 2020 को संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगी थी और 14 सितंबर को कानपुर के अस्पताल में निधन हो गया था.

प्रदेश सरकार ने तत्कालीन आईजी वाराणसी विजय सिंह मीणा की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन कर जांच के लिए महोबा भेजा था. बार-बार बुलाए जाने के बाद भी पाटीदार एसआईटी के सामने पेश नहीं हुए थे. एसआईटी ने अपनी जांच में पाटीदार को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी माना था.

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Last Updated : Oct 15, 2022, 4:34 PM IST
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