नई दिल्ली : वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के हालिया बयान को लेकर कांग्रेस में एक बार फिर घमासान मच गया है. कांग्रेस नेताओं ने आजाद के बयान को पार्टी विरोधी बताया है. इस मामले पर कांग्रेस ने आधिकारिक रूप से प्रतिक्रिया दी है और कहा कि कांग्रेस के प्रत्येक सदस्य को आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है, लेकिन अनुशासन बनाए रखा जाना जरूरी है. पार्टी के आंतरिक मामलों को सार्वजनिक मंच पर रखने के बजाय पहले उसपर चर्चा करनी चाहिए.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि हम सभी को आत्मनिरीक्षण करना है. पार्टी के प्रवक्ता के रूप में, मुझे आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता है कि क्या मुझे अपने प्रदर्शन में सुधार करना चाहिए. क्या मैं गलत दिशा में जा रहा हूं, जिसमें कुछ सुधार करने की आवश्यकता है. इसी तरह, पार्टी के सभी नेताओं के पास जो जिम्मेदारियां हैं, उन्हें भी उनमें सुधार करना चाहिए. केवल दूसरों के बारे में बात करने के बजाय, हमें अपने बारे में बात करना होगा.
खेड़ा ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को, जिनसे सीख कर हम बड़े हुए हैं, हमें किसी भी बात को सार्वजनिक न करने का सबक सिखाना चाहिए. ऐसे समय में जब आप फोन पर किसी से भी आसानी से बात कर सकते हैं.
संगठन में अनुशासन महत्वपूर्ण घटक
उन्होंने कहा कि ऐसी चिंताओं को सार्वजनिक रूप से उठाने से बचना चाहिए. पार्टी के भीतर मंच उपलब्ध है और ये मंच इन नेताओं के लिए सुलभ हैं. हम अपने वरिष्ठ नेताओं से अनुशासन सीखते हुए बड़े हुए हैं और हम उनसे यही अनुशासन सीखते रहना चाहते हैं, क्योंकि किसी भी संगठन में अनुशासन एक महत्वपूर्ण घटक है.
इस बीच, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने एक बार फिर असंतोष दिखाने वाले वरिष्ठ नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि इन नेताओं को दर्पण के सामने खड़े होकर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए.
आजाद ने क्या कहा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आजाद ने रविवार को कहा कि कांग्रेस के नेता आम लोगों से पूरी तरह से कटे हुए हैं और पार्टी में 'पांच सितारा संस्कृति' घर कर गई है. उन्होंने संगठनात्मक ढांचे में आमूल चूल परिवर्तन का आह्वान किया.
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बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद उनका यह बयान आया है. इस चुनाव में पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से केवल 19 सीटें ही उन्हें मिलीं.
आजाद ने कहा कि ब्लॉक से लेकर जिला और राज्य स्तर तक चुनाव कराकर पार्टी के ढांचे में आमूल-चूल परिवर्तन की तत्काल जरूरत है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को कम से कम चुनावों के दौरान पांच सितारा संस्कृति को छोड़ देना चाहिए.