प्रयागराज: जिले के सिविल लाइंस थाने के बाहर धरना दे रहे दो छात्रों को हटाने में इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह यादव के पसीने छूट गए. छात्र अपने ऊपर हुए हमले के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने से नाराज थे. पुलिस की लापरवाही के खिलाफ दोनों छात्र सिविल लाइंस थाने के गेट के सामने शर्ट उतारकर सोमवार को धरना प्रदर्शन करने लगे.
मौके पर दोनों छात्र सत्यम कुशवाहा और अनुराग भदौरिया के दोस्त और कुछ अधिवक्ता भी पहुंच गए. वहीं, इंस्पेक्टर ने दोनों छात्रों को मौके से हटाने का खूब प्रयास किया. लेकिन, बाद इंस्पेक्टर ने खुद अपनी वर्दी उतारकर छात्रों के साथ धरना देने की बात कही और उसकी आंखों से आंसू (Prayagraj Inspector tears in lifting students) तक निकल आए. उसके बाद छात्रों ने अपना धरना खत्म किया और इंस्पेक्टर को आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मोहलत दे दी. छात्र नेता सत्यम कुशवाहा ने बताया कि उनके उपर हमला करने वालों के खिलाफ सिविल लाइंस पुलिस ने कड़ी कार्रवाई नहीं की थी. इतना ही नहीं आरोपियों को बचाने का प्रयास भी किया है. उसके विरोध में उन्होंने सिविल लाइंस थाने के बाहर धरना दिया था.
जिले में 12 नवंबर को सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में दो छात्रों से पिटाई की गई थी. घटना के दो दिन बीत जाने बाद भी पुलिस किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई. जिसके बाद 14 नवंबर को छात्र सिविल लाइंस थाने के बाहर बैठकर धरना देने लगे. छात्र बिना आरोपियों की गिरफ्तारी के वहां से हटने को तैयार नहीं थे. उसी दौरान मौके पर छात्रों की भीड़ जुटने की जानकारी इंस्पेक्टर को मिली. तभी इंस्पेक्टर फिर से छात्रों को मनाने पहुंच गए. लेकिन छात्र अपनी मांग पर अड़े रहे.
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वहां मौजूद वकीलों ने इंस्पेक्टर को वर्दी उतारकर धरने में शामिल होने से रोका और जल्दी ही आरोपियों की गिरफ्तारी करने की बात कही. वहीं, धरना दे रहे छात्र भी इंस्पेक्टर की बेबसी पर तरस खा गए और धरने से उठ गए. 12 नवंबर को सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में हिंदू हॉस्टल के पास छात्र सत्यम कुशवाहा और अनुराग भदौरिया पर हमला हुआ था. छात्रों का आरोप था कि उनकी पिटाई की गई और उन्हें तमंचा दिखाकर धमकाया गया है. इतना ही नहीं उन्हें मारने के लिए फायरिंग भी की गई. घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपियों का पता लगाया. लेकिन, उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई.
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