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अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ीं, 250 करोड़ के बैंक लोन मामले में समन का आदेश

रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. अब मुंबई की एक अदालत ने 250 करोड़ के लोन मामले में उनके खिलाफ समन जारी करने का आदेश दिया है.

अनिल अंबानी
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Published : Sep 4, 2022, 9:50 PM IST

मुंबई: मशहूर बिजनेसमैन अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने फरवरी 2017 में देना बैंक से 250 करोड़ का शॉर्ट टर्म लोन लिया था. 4 साल बाद भी यह कर्ज चुकाया नहीं गया है. बार-बार लिखित निर्देश के बाद भी यह कर्ज नहीं चुकाया गया. बैंक ने अनिल अंबानी सहित छह अन्य लोगों के खिलाफ बांद्रा मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में एक याचिका दायर की है. ऐसे में अब संभावना जताई जा रही है कि कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल अंबानी की मुश्किलें और बढ़ेंगी.

मामला बांद्रा महानगर दंडाधिकारी कोर्ट के कोर्ट नंबर 58 में चल रहा है और अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी. घटना की गंभीरता को देखते हुए चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एम वाई वाघ ने अनिल अंबानी और 4 अन्य को समन जारी करने का आदेश दिया है. मामला 30 अगस्त का है.

जनवरी 2017 में रिलायंस कम्युनिकेशंस ने 250 करोड़ रुपये के अल्पकालिक ऋण की मंजूरी के लिए देना बैंक में आवेदन किया था. फरवरी 2017 में देना बैंक ने ऋण को मंजूरी दी थी. डिफ़ॉल्ट के मामले में कंपनी की संपत्ति या अतिरिक्त नकदी प्रवाह से पुनर्भुगतान करने की भी अनुमति दी. हालांकि समय बीतने के बाद भी ऋण का भुगतान न करने के कारण देना बैंक ने अदालत का दरवाजा खटखटाया. रिलायंस कम्युनिकेशंस के खातों को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी अधिनियम और दिशानिर्देशों के अनुसार भुगतान के परिणामस्वरूप 31 दिसंबर 2017 को गैर-निष्पादित संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया था.

देना बैंक ने सितंबर 2018 में रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड के खिलाफ नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 की धारा 138, 141 और 142 के तहत कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी. लेकिन 2019 में देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय हो गया. विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा ने पावर ऑफ अटॉर्नी को क्रियान्वित किया. रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड, अनिल धीरजलाल अंबानी, पुनीत गर्ग, सुरेश रंगाचार, मणिकांत विश्वनाथन के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी. लेकिन फिर भी रिलायंस कम्युनिकेशन ने इस कर्ज का भुगतान नहीं किया.

पढ़ें- स्विस बैंक में अनिल अंबानी के गोपनीय खाते, 420 करोड़ की टैक्स चोरी में इनकम टैक्स का नोटिस

मुंबई: मशहूर बिजनेसमैन अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने फरवरी 2017 में देना बैंक से 250 करोड़ का शॉर्ट टर्म लोन लिया था. 4 साल बाद भी यह कर्ज चुकाया नहीं गया है. बार-बार लिखित निर्देश के बाद भी यह कर्ज नहीं चुकाया गया. बैंक ने अनिल अंबानी सहित छह अन्य लोगों के खिलाफ बांद्रा मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में एक याचिका दायर की है. ऐसे में अब संभावना जताई जा रही है कि कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल अंबानी की मुश्किलें और बढ़ेंगी.

मामला बांद्रा महानगर दंडाधिकारी कोर्ट के कोर्ट नंबर 58 में चल रहा है और अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी. घटना की गंभीरता को देखते हुए चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एम वाई वाघ ने अनिल अंबानी और 4 अन्य को समन जारी करने का आदेश दिया है. मामला 30 अगस्त का है.

जनवरी 2017 में रिलायंस कम्युनिकेशंस ने 250 करोड़ रुपये के अल्पकालिक ऋण की मंजूरी के लिए देना बैंक में आवेदन किया था. फरवरी 2017 में देना बैंक ने ऋण को मंजूरी दी थी. डिफ़ॉल्ट के मामले में कंपनी की संपत्ति या अतिरिक्त नकदी प्रवाह से पुनर्भुगतान करने की भी अनुमति दी. हालांकि समय बीतने के बाद भी ऋण का भुगतान न करने के कारण देना बैंक ने अदालत का दरवाजा खटखटाया. रिलायंस कम्युनिकेशंस के खातों को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी अधिनियम और दिशानिर्देशों के अनुसार भुगतान के परिणामस्वरूप 31 दिसंबर 2017 को गैर-निष्पादित संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया था.

देना बैंक ने सितंबर 2018 में रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड के खिलाफ नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट 1881 की धारा 138, 141 और 142 के तहत कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी. लेकिन 2019 में देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय हो गया. विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा ने पावर ऑफ अटॉर्नी को क्रियान्वित किया. रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड, अनिल धीरजलाल अंबानी, पुनीत गर्ग, सुरेश रंगाचार, मणिकांत विश्वनाथन के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी. लेकिन फिर भी रिलायंस कम्युनिकेशन ने इस कर्ज का भुगतान नहीं किया.

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