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भारतीय सेना ने चीन से लगी सीमाओं पर तैनात किए कई तरह के रॉकेट और तोपें

भारतीय थल सेना (Indian army) खुद को और मजबूत करने की योजना पर काम कर रही है. जहां एक ओर सेना ने चीन से लगी सीमा (China Border) पर कई तरह के रॉकेट और तोपें तैनात की हैं, वहीं दूसरी ओर सेना 100 अतिरिक्त के-9 वज्र होवित्जर (K-9 Vajra Howitzer) और मानव रहित यान खरीदने जा रही है.

पिनाका रॉकेट
पिनाका रॉकेट
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Published : Sep 27, 2022, 8:10 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय सेना (Indian Army) ने चीन से लगी सीमा (China Border) पर कई तरह के रॉकेट और तोपें तैनात कर गोलाबारी की अपनी ताकत में काफी इजाफा किया है. इसके अलावा सेना की योजना 100 अतिरिक्त के-9 वज्र होवित्जर (K-9 Vajra Howitzer) और मानव रहित यान (यूएवी) सहित बड़ी संख्या में अतिरिक्त सैन्य उपकरण खरीदने की है. भारतीय थल सेना की तोपखाना इकाइयां, के-9 वज्र ‘ट्रैक्ड सेल्फ प्रोपेल्ड होवित्जर’ (K-9 Vajra Tracked Self Propelled Howitzer), अत्यधिक हल्के एम-777 होवित्जर (Extremely Lightweight M-777 Howitzer), पिनाका रॉकेट प्रणालियां और धनुष तोप प्रणालियां पहले ही तैनात कर चुकी है.

रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों की माने तो सेना की योजना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी तोपखाना इकाइयों को 90 किमी की रेंज वाले मानव रहित यान से लैस करने की है. एक सूत्र ने बताया कि ‘हम 15 से 20 किमी की दूरी तय करने वाले और चार घंटों तक 80 किमी के दायरे में निगरानी करने वाले मानव रहित यान खरीदने पर विचार कर रहे हैं.’ सूत्रों ने बताया कि सेना 100 अतिरिक्त के-9 वज्र होवित्जर की नयी खेप हासिल करने वाली है. यह साल 2017 में इस तरह की 100 तोपों के लिए दिये गये ऑर्डर के अतिरिक्त होगी.

पढ़ें: PFI ने विशेष विंग के जरिए सुरक्षा गतिविधियों पर रखी नजर : एनआईए जांच

सूत्र ने जानकारी दी है कि ‘रक्षा खरीद परिषद ने 100 अतिरिक्त के-9 वज्र का आर्डर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अनुरोध प्रस्ताव जल्द ही जारी किया जाएगा.’ के-9 वज्र को मुख्य रूप से रेगिस्तानी क्षेत्र में तैनात करने के लिए खरीदा गया था, लेकिन पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद सेना ने काफी संख्या में होवित्जर को अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में भी तैनात किया है. सूत्रों ने कहा कि ‘हम शीतकालीन किट भी खरीद रहे हैं, ताकि होवित्जर शून्य डिग्री सेल्सियस से कम तापमान में भी काम कर सके.’ उन्होंने साथ ही कहा कि उत्तरी सीमा पर अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर वज्र तोपें पहले से ही तैनात हैं.

सूत्रों ने बताया कि सेना ‘एडवांस्ड टोव्ड आर्टिलरी गन सिस्टम’ (एटीएजीएस) और ‘माउंटेड गन सिस्टम’ खरीदने की प्रक्रिया में भी जुटी है. पिनाका की छह और रेजिमेंट खरीदी जा रही है और उनकी आपूर्ति शीघ्र शुरू हो जाएगी. नयी पिनाका रेजिमेंट को इलेक्ट्रॉनिक एवं यांत्रिक रूप से उन्नत की गई हथियार प्रणालियों से लैस किया जाएगा. ये लंबी दूरी तक विभिन्न तरह के गोले दाग सकेंगे. पिनाका की एक रेजिमेंट उत्तरी सीमा पर अधिक ऊंचाई वाले स्थान पर तैनात की गई है. हम स्वदेश विकसित लोइटरिंग वेपन सिस्टम खरीदने की प्रक्रिया में भी जुटे हुए हैं, जो अटैक क्षमता को बढ़ाएगी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: भारतीय सेना (Indian Army) ने चीन से लगी सीमा (China Border) पर कई तरह के रॉकेट और तोपें तैनात कर गोलाबारी की अपनी ताकत में काफी इजाफा किया है. इसके अलावा सेना की योजना 100 अतिरिक्त के-9 वज्र होवित्जर (K-9 Vajra Howitzer) और मानव रहित यान (यूएवी) सहित बड़ी संख्या में अतिरिक्त सैन्य उपकरण खरीदने की है. भारतीय थल सेना की तोपखाना इकाइयां, के-9 वज्र ‘ट्रैक्ड सेल्फ प्रोपेल्ड होवित्जर’ (K-9 Vajra Tracked Self Propelled Howitzer), अत्यधिक हल्के एम-777 होवित्जर (Extremely Lightweight M-777 Howitzer), पिनाका रॉकेट प्रणालियां और धनुष तोप प्रणालियां पहले ही तैनात कर चुकी है.

रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों की माने तो सेना की योजना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी तोपखाना इकाइयों को 90 किमी की रेंज वाले मानव रहित यान से लैस करने की है. एक सूत्र ने बताया कि ‘हम 15 से 20 किमी की दूरी तय करने वाले और चार घंटों तक 80 किमी के दायरे में निगरानी करने वाले मानव रहित यान खरीदने पर विचार कर रहे हैं.’ सूत्रों ने बताया कि सेना 100 अतिरिक्त के-9 वज्र होवित्जर की नयी खेप हासिल करने वाली है. यह साल 2017 में इस तरह की 100 तोपों के लिए दिये गये ऑर्डर के अतिरिक्त होगी.

पढ़ें: PFI ने विशेष विंग के जरिए सुरक्षा गतिविधियों पर रखी नजर : एनआईए जांच

सूत्र ने जानकारी दी है कि ‘रक्षा खरीद परिषद ने 100 अतिरिक्त के-9 वज्र का आर्डर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अनुरोध प्रस्ताव जल्द ही जारी किया जाएगा.’ के-9 वज्र को मुख्य रूप से रेगिस्तानी क्षेत्र में तैनात करने के लिए खरीदा गया था, लेकिन पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद सेना ने काफी संख्या में होवित्जर को अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में भी तैनात किया है. सूत्रों ने कहा कि ‘हम शीतकालीन किट भी खरीद रहे हैं, ताकि होवित्जर शून्य डिग्री सेल्सियस से कम तापमान में भी काम कर सके.’ उन्होंने साथ ही कहा कि उत्तरी सीमा पर अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर वज्र तोपें पहले से ही तैनात हैं.

सूत्रों ने बताया कि सेना ‘एडवांस्ड टोव्ड आर्टिलरी गन सिस्टम’ (एटीएजीएस) और ‘माउंटेड गन सिस्टम’ खरीदने की प्रक्रिया में भी जुटी है. पिनाका की छह और रेजिमेंट खरीदी जा रही है और उनकी आपूर्ति शीघ्र शुरू हो जाएगी. नयी पिनाका रेजिमेंट को इलेक्ट्रॉनिक एवं यांत्रिक रूप से उन्नत की गई हथियार प्रणालियों से लैस किया जाएगा. ये लंबी दूरी तक विभिन्न तरह के गोले दाग सकेंगे. पिनाका की एक रेजिमेंट उत्तरी सीमा पर अधिक ऊंचाई वाले स्थान पर तैनात की गई है. हम स्वदेश विकसित लोइटरिंग वेपन सिस्टम खरीदने की प्रक्रिया में भी जुटे हुए हैं, जो अटैक क्षमता को बढ़ाएगी.

(पीटीआई-भाषा)

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