नई दिल्ली : भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) का 4जी नेटवर्क भारत (BSNL 4G Network India) में विकसित किया गया है. बीएसएनएल के नेटवर्क पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw BSNL) ने पहला फोन किए जाने की बात कही है.
वैष्णव ने अपने ट्वीट में लिखा कि बीएसएनएल 4जी नेटवर्क भारत में (Indian 4G network of BSNL) ही डिजाइन और विकसित किया गया है, इस नेटवर्क पर पहला फोन किया.
फोन करने में मिली सफलता पर वैष्णव ने लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी का आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) विजन साकार हो रहा है.
BSNL 4G पर सरकार के जवाब
गौरतलब है कि बीएसएनएल 4जी सेवाओं (BSNL 4G Services) को लेकर केंद्र सरकार ने संसद में बताया था कि बीएसएनएल अपने मौजूदा स्पेक्ट्रम का उपयोग करके 8,637 बेस ट्रांंसीवर्स स्टेशनों (बीटीएस) के माध्यम से सीमित स्तर पर 4जी सेवाएं उपलब्ध करा रहा है. संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान (MoS Devusinh Chauhan) ने डॉ कलानिधि वीरास्वामी (V Kalanidhi 4G Spectrum) के सवाल के जवाब में बताया था कि बीएसएनएल ने अपनी आगामी 4जी निविदा में भाग लेने के इच्छुक भारतीय कंपनियों से प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (पीओसी) मंगाए हैं.
देवु सिंह चौहान (Devusinh Chauhan) ने बताया था कि 01 जनवरी, 2021 को रूचि की अभिव्यक्ति भी आमंत्रित किए जाने के बाद 01 जुलाई, 2021 को 5 पात्र बोलीदाताओं को आशय पत्र जारी कर दिए गए.
इससे पहले मार्च, 2021 में भी केंद्र सरकार ने संसद में एक सवाल का जवाब दिया था. इसमें तत्कालीन केंद्रीय राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने कहा था कि भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) निजी हाथों में नहीं जाएगी. धोत्रे ने यह भी कहा था कि बीएसएनएल की 4जी सेवाएं 18-24 महीने में शुरू हो जाएगी.
बीएसएनएल का पुनरुद्धार
बता दें कि विगत 11 जनवरी, 2021 को भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) पर जारी विज्ञप्ति के मुताबिक बीएसएनएल अपने टॉवरों को किराए पर देकर अपनी परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण कर रहा है. इसने पिछले वर्ष में 1018 करोड़ रुपये कमाए और टॉवर किराये से होने वाली कमाई को और ज़्यादा करने की योजना बनाई है. बीएसएनएल और एमटीएनएल ने बांड के जरिये भी सफलतापूर्वक धन जुटाया है.
इससे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अक्टूबर, 2019 में बीएसएनएल / एमटीएनएल के लिए पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी थी, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ, वीआरएस के माध्यम से कर्मचारियों की लागत में कमी, 4जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन, भूमि और भवन से आय बढ़ाने पर जोर और संप्रभु गारंटी के जरिए ऋण पुनर्गठन सहित कई उपाए किए गए थे. इसके अलावा बीएसएनएल और एमटीएनएल के विलय को सैद्धांतिक मंजूरी भी दी गई थी.
भारत के 773 शहरों में बीएसएनएल 4जी
हाल ही में बीएसएनएल डॉट को डॉट इन पर प्रकाशित बयान में वित्त वर्ष 2020-21 या 2021-22 के कॉरपोरेट प्लान का जिक्र किया था. इसमें कहा गया है कि वर्तमान में बीएसएनएल भारत में 773 शहरों में 4जी सेवाएं दी जा रही हैं.
बीएसएनएल ने कहा है कि अलग (Separate) 4जी स्पेक्ट्रम उपलब्ध न होने के कारण 3जी नेटवर्क पर ही सीमित मात्रा में सेवाएं दी जा रही हैं. ऐसे में कई जगहों पर बीएसएनएल 3जी और 4जी नेटवर्क की सेवा एक साथ नहीं दे पा रही.
बीएसएनएल 4 जी के लिए दो तरीके
इसी बयान में बीएसएनएल ने यह भी बताया है कि 4जी स्पेक्ट्रम नहीं मिल पाने के कारण 4जी नेटवर्क की सेवाएं भले ही पहले शुरू नहीं की जा सकीं, लेकिन इस पर काम जारी है. बीएसएनएल ने बताया है कि एक लाख 4जी नोड हासिल करने के लिए टेलिकॉम डिपार्टमेंट को बीएसएनएल ने डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) सौंप दी है. बीएसएनएल ने कहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल से जरूरी मंजूरी के बाद अब दो तरीके से 4जी नेटवर्क लागू किए जाएंगे. इनमें पहला विकल्प जरूरी उपकरणों के साथ 50 हजार 4जी साइट्स का अधिग्रहण, जबकि दूसरा पहले से मौजूद 2जी और 3जी नोड को 4जी में अपग्रेड करने का है.
भारत में तीन कंपनियां
यह महत्वपूर्ण है कि, भारतीय मोबाइल संचार बाजार में केवल 4 कंपनियां हैं. इनमें से 3 निजी क्षेत्र की टेलिकॉम कंपनियां हैं. चौथा बीएसएनएल और एमटीएनएल (BSNL and MTNL) गठबंधन है. वायरलाइन या लैंड लाइन के क्षेत्र में, बीएसएनएल और एमटीएनएल के पास अभी भी देश भर में विशाल नेटवर्क के साथ लगभग 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
सार्वजनिक उपक्रम बीएसएनएल से जुड़े लोग, फाइबर आधारित सेवाओं को पेश करने के अलावा एफटीटीएच कनेक्शन के साथ इसे जोड़कर बीएसएनएल की क्षमताओं का अधिकतम लाभ उठाने के प्रति आशान्वित हैं.
जुलाई, 2020 में भारतीय दूरसंचार उपकरण निर्माता संघ (टीईएमए) ने बीएसएनएल को सुझावा दिया था कि वह तुरंत ओपन टेंडर से 4G उपकरण खरीदे. इसके साथ ही घरेलू कंपनियों के लिए कम से कम 20 या 30 फीसदी उपकरण को आरक्षित रखे, जिससे कंपनिया प्रारंभिक प्रसार आदि के प्रमाण के मार्ग का अनुसरण कर सके. इससे देश में उपकरणों का निर्माण होगा और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा मिलेगा. यह बीएसएनएल द्वारा 4G के लिए 70 या 80 फीसदी नेटवर्क प्रसार करने की अनुमति देगा.
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दिलचस्प है कि कुछ समय पहले तक तकनीकी रूप से पिछड़ने का हवाला देते हुए बीएसएनएल के भविष्य पर सवाल खड़े किए जा चुके हैं. अक्टूबर, 2019 में बीएसएनएल में वित्तीय संकट का जिक्र करते हुए मीडिया में कई खबरें प्रकाशित की गई थीं. खबरों में आशंका जाहिर की गई थी बीएसएनएल बंद होने की कगार पर है.
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इन खबरों के जवाब में बीएसएनएल डॉट को डॉट इन पर प्रकाशित बयान में कहा गया था, 'यह स्पष्ट किया जाता है कि वीआरएस / 4 जी स्पेक्ट्रम के संदर्भ में उपयुक्त पैकेज देकर और बीएसएनएल के पास उपलब्ध संपत्ति के मुद्रीकरण की अनुमति देकर, सरकार द्वारा बीएसएनएल के पुनरुद्धार के लिए योजना सक्रिय रूप से विचाराधीन है.' बता दें कि वीआरएस यानी वॉलेंटरी रिटायरमेंट सर्विस बीएसएनएल कर्मचारियों को दी जाने वाली स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प है.
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बीएसएनएल प्रबंधन ने कहा था, 'हम सम्मानित ग्राहकों को आश्वस्त करते हैं कि बीएसएनएल ने हमेशा विशेष रूप से प्राकृतिक आपदाओं के कठिन समय के दौरान देश की सेवा की है और दूरदराज के स्थानों पर भी पूरे भारत में सस्ती सेवाएं प्रदान की हैं. हम भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेंगे.'