वाशिंगटन (यूएस) : भारत और ऑस्ट्रेलिया अपनी सुरक्षा और आर्थिक संबंधों को गहरा कर रहे हैं. द वॉल स्ट्रीट जर्नल (डब्लूएसजे) ने की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देश ने अपने निर्यात बाजारों में विविधता लाने, आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ाने और अपनी सेनाओं को अपग्रेड करने की जरूरत जतायी है. द वॉल स्ट्रीट जर्नल (डब्लूएसजे) के मुताबिक ऐसा दोनों देशों के चीन के साथ बढ़ते तनाव के कारण हो रहा है. डब्लूएसजे ने लिखा कि 2017 के बाद से पहली बार किसी ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने भारत यात्रा की.
इस यात्रा के दौरान मंत्री एंथनी अल्बनीस ने कहा कि 2023 में, भारत पहली बार एक प्रमुख ऑस्ट्रेलियाई और अमेरिकी सैन्य अभ्यास में भाग लेगा. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया और भारत स्वच्छ ऊर्जा पर मिलकर काम करेंगे, जिसमें सोलर पैनल का निर्माण भी शामिल है. द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने इस बात को रेखाकिंत किया कि अल्बनीज ने अपनी भारत यात्रा के दौरान एक क्रिकेट मैच में भाग लिया और एक भारतीय विमानवाहक पोत का दौरा किया.
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इस दौरान ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरी यात्रा भारत-प्रशांत और उससे आगे ऑस्ट्रेलिया के दृष्टिकोण के केंद्र में भारत को रखने के लिए मेरी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि हाल के वर्षों में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच संबंध मधुर रहे हैं. भारत और ऑस्ट्रेलिया अमेरिका और जापान के साथ क्वाड्रिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग या क्वाड के सदस्य हैं. क्वाड चीनी विस्तारवाद का मुकाबला करने के उद्देश्य से लोकतांत्रिक राष्ट्रों का एक समूह है.
द वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, पिछले साल, ऑस्ट्रेलिया और भारत ने एक अंतरिम मुक्त-व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए. जिसके तहत एक-दूसरे के कई उत्पादों पर टैरिफ और ड्यूटी को समाप्त या कम कर दिया. क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के चांसलर पीटर वर्गीस, जो पहले भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त थे ने कहा कि हम रिश्ते में एक मधुर स्थान पर हैं. यह निश्चित रूप से स्वतंत्र भारत के पिछले 75 वर्षों में अब तक का सबसे मजबूत रिश्ता है.
द वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों की चीन पर निर्भरता कम करने में रुचि है. कोविड-19 महामारी के दौरान चीन ने जो ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार था, गोमांस, जौ, कोयला और शराब जैसे ऑस्ट्रेलियाई उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया था. द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने लिखा कि दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सुरक्षा सहयोग दोनों देशों की साझेदारी का अहम स्तंभ है.
पीएम मोदी ने कहा कि हमने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और अपनी सुरक्षा एजेंसियों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान को मजबूत करने पर चर्चा की. द वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं. विदेश नीति विशेषज्ञों का कहना है कि तीन सी: करी, क्रिकेट और कॉमनवेल्थ, नेशन जिसमें ऑस्ट्रेलिया और भारत शामिल हैं, की नीति को तोड़ खोजना मुश्किल होगा.
विशेषज्ञों ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच संबंधों को गहरा करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति अब स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है. डब्ल्यूएसजे ने नई दिल्ली स्थित ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन में विदेश नीति के उपाध्यक्ष हर्ष वी. पंत के हवाले से लिखा है कि निश्चित रूप से चीन से बढ़ता तनाव एक कारण है जिसने संबंधों को मजबूत किया है. उन्होंने कहा कि भारत, जिसने ऐतिहासिक रूप से गुटनिरपेक्ष स्थिति को बनाए रखा है, अन्य देशों के साथ अपनी रक्षा साझेदारी के बारे में अधिक उदार हुआ है.
(एएनआई)