नई दिल्ली : 19 दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का विरोध करने का फैसला किया है. सांसदों की संख्या के लिहाज से देखें तो 250-255 सांसद शिरकत नहीं करेंगे. लोकसभा में कुल 545 और राज्यसभा में कुल 245 सीट हैं. जिन दलों ने इसका विरोध करने का फैसला किया है- वे हैं- कांग्रेस, राजद, जदयू, एनसीपी, उद्धव गुट शिवसेना, डीएमके, वीसीके, एआईएमआईएम, टीएमसी, आप, सीपीआई, सीपीएम, सपा, एआईएमआईएम, जेएमएम, नेशनल कॉन्फ्रेंस, आईयूएमएल, केरला कांग्रेस एम और एमडीएमके. वाईएसआरसीपी, बीजद, अकाली दल जैसी पार्टियां इस समारोह में हिस्सा लेंगी.
विपक्षी दलों का क्या है पक्ष- राष्ट्रपति के हाथों उद्घाटन समारोह होना चाहिए, क्योंकि वहीं संसद के सर्वोच्च व्यक्ति हैं. दरअसल, भारत में संसद का अर्थ होता है- राष्ट्रपति, राज्यसभा और लोकसभा. इसलिए संसद की प्रत्येक कार्यवाही राष्ट्रपति के नाम से ही की जाती है. वही देश के मुखिया हैं. संसद के दोनों सदनों को आहूत उनके नाम से ही किया जाता है. सत्रावसान भी उनके ही आदेश से किया जाता है. लोकसभा को भंग करने की शक्ति राष्ट्रपति के पास है.
अब आइए जानते हैं आखिर संसद के दोनों सदनों में किन-किन दलों की कितनी संख्या है. राज्यसभा में भाजपा के पास 93 सांसद हैं. बीजद और वाईएसआरसीपी कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. इनके सांसदों की संख्या संख्या 18 है. राज्यसभा में बीजद के नौ और वाईएसआरसीपी के नौ सांसद सरकार के साथ हैं. जो विरोध करने वाले सांसद हैं, उनकी संख्या कुछ इस प्रकार है. इनकी संख्या 98 है. इनमें अगर बीआरएस भी जुड़ जाती है तो इनकी संख्या बढ़कर 105 हो जाएगी.
राज्यसभा में विपक्षी सांसदों की संख्या
- कांग्रेस - 31
- टीएमसी- 12
- राजद- 6
- जेडीयू - 5
- एनसीपी - 4
- एसपी - 3
- जेएमएम - 2
- केसीएम - 1
- एमडीएमके - 1
- आरएलडी- 1
- डीएमके - 10
- आप - 10
- सीपीआई - 2
- सीपीएम - 5
- एआईएमआईएम- 4
- आईयूएमएल - 1
- बीआरएस - 7
इसी तरह से इन पार्टियों के लोकसभा सांसदों की संख्या देखेंगे, तो इनकी संख्या कुछ इस प्रकार हैं.
- कांग्रेस - 50
- डीएमके 24
- टीएमसी - 23
- जेडीयू - 16
- शिवसेना उद्धव - 7
- बीआरएस - 9
- एनसीपी - 5
- सपा - 3
- आईयूएमएल - 3
- सीपीआईएम - 3
- सीपीआई - 2
- एआईएमआईएम - 2
- जेएमएम- 1
- केसीएम - 1
- वीसीके - 1
- आप - 1
- एआईएडीएमके - 1
- नेशनल कॉन्फ्रेंस - 3
- आरएसपी - 1
- एआईयूडीएफ - 1
लोकसभा और राज्यसभा के इन सभी सांसदों की संख्या जोड़ेंगे, तो इनकी संख्या 250 पहुंचती है.
सत्ताधारी गठबंधन को इन पार्टियों का समर्थन मिला है. ये हैं - भाजपा के अलावा बीजद, अकाली दल, वाईएसआरसीपी, शिवसेना, एलजेपी, टीडीपी, एनपीपी, अपना दल, एनडीपीपी, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया, टमिल मनील कांग्रेस, एमएनएफ और एआईएडीएमके.
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Biju Janata Dal to take part in the inauguration of the new Parliament building on May 28. pic.twitter.com/0Ww9AWFDXU
— ANI (@ANI) May 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Biju Janata Dal to take part in the inauguration of the new Parliament building on May 28. pic.twitter.com/0Ww9AWFDXU
— ANI (@ANI) May 24, 2023Biju Janata Dal to take part in the inauguration of the new Parliament building on May 28. pic.twitter.com/0Ww9AWFDXU
— ANI (@ANI) May 24, 2023
जाहिर है, विपक्ष यदि विरोध कर रहा है, तो उसकी अपनी वजहें हैं. किसी भी प्रजातंत्र में विपक्ष को अपने तरीके से विरोध दर्ज कराने का अधिकार है. यह भी लोकतंत्र का हिस्सा है. लेकिन भाजपा का आरोप है कि विपक्ष सिर्फ इस आधार पर विरोध कर रहा है कि इसका उद्घाटन मोदी क्यों कर रहे हैं या फिर मोदी ने इसे बनवाया है. भाजपा ने कहा कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने भी अपने काल में भवन का उद्घाटन किया था, इसलिए इसका विरोध गलत है.
क्या कहा अमित शाह ने - सरकार ने सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया है. हम इस मुद्दे पर राजनीति नहीं चाहते हैं. सभी लोग अपनी-अपनी सोच के हिसाब से प्रतिक्रिया देते हैं.
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#WATCH | In August 1975, then PM Indira Gandhi inaugurated the Parliament Annexe, and later in 1987 PM Rajiv Gandhi inaugurated the Parliament Library. If your (Congress) head of government can inaugurate them, why can't our head of government do the same?: Union Minister Hardeep… pic.twitter.com/syv8SXGwIS
— ANI (@ANI) May 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">#WATCH | In August 1975, then PM Indira Gandhi inaugurated the Parliament Annexe, and later in 1987 PM Rajiv Gandhi inaugurated the Parliament Library. If your (Congress) head of government can inaugurate them, why can't our head of government do the same?: Union Minister Hardeep… pic.twitter.com/syv8SXGwIS
— ANI (@ANI) May 23, 2023#WATCH | In August 1975, then PM Indira Gandhi inaugurated the Parliament Annexe, and later in 1987 PM Rajiv Gandhi inaugurated the Parliament Library. If your (Congress) head of government can inaugurate them, why can't our head of government do the same?: Union Minister Hardeep… pic.twitter.com/syv8SXGwIS
— ANI (@ANI) May 23, 2023
क्या कहा राहुल गांधी ने - राष्ट्रपति से संसद भवन का उद्घाटन नहीं कराना देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है.
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