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कश्मीर में 33 फीसदी आबादी मोटापे का शिकार: सर्वे

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Published : Dec 16, 2022, 12:17 PM IST

Updated : Dec 16, 2022, 2:05 PM IST

एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार कश्मीर घाटी में 33 प्रतिशत लोगों में मोटापा पाया गया है. इसे गंभीरता से लेते हुए जीएमसी श्रीनगर में पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ जनरल एंड मिनिमल एक्सेस सर्जरी विभाग लोगों को इस बीमारी के बारे में शिक्षित कर रहा है.

In Kashmir 33 per cent  population suffering from obesity
कश्मीर में 33 फीसदी आबादी मोटापे की शिकार

श्रीनगर: देश के साथ-साथ कश्मीर घाटी में भी मोटापे की बीमारी तेजी से बढ़ रही है. यह एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है. वर्ष 2020 में पुरुषों, बच्चों और खासकर महिलाओं में इस बीमारी का खासा प्रभाव देखा गया. एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार कश्मीर घाटी में 33 प्रतिशत लोगों में मोटापा पाया गया है.

कश्मीर में मोटापे जैसी खतरनाक बीमारियों की बढ़ती प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए, जीएमसी श्रीनगर में पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ जनरल एंड मिनिमल एक्सेस सर्जरी विभाग इसके उपचार के बारे में मरीजों और आम जनता को शिक्षित कर रहा है, ताकि लोगों को बीमारी के खतरों और विशेष रूप से इसके बारे में जानकारी मिल सके.

मोटापा बीमारी

डॉक्टरों के अनुसार मोटापा अपने आप में एक बीमारी है. लेकिन मोटापा न केवल मधुमेह, रक्तचाप, जोड़ों के रोग, अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल और पित्त पथरी का कारण बनता है बल्कि मनोवैज्ञानिक रोग भी होता है, यानी मोटापा व्यक्ति को शारीरिक रूप से नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी प्रभावित करता है.

ये भी पढ़ें- आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में लगे लोगों पर पुलिस की नजर : डीजीपी दिलबाग सिंह

शोध में कहा गया है कि मोटापे के कारण लोग तरह-तरह के कैंसर से पीड़ित होकर अपनी जान गंवा सकते हैं. यह सिद्ध हो चुका है कि अधिकांश मोटापे के रोगी स्तन, गर्भाशय, मलाशय, अग्न्याशय, यकृत, पेट, प्रोस्टेट कैंसर जैसे गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं. असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अब्दुल हमीद समून का कहना है कि विलासिता और कम मेहनत करने के कारण लोग मोटापे से तरह-तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं. मरीजों का इलाज दवाओं के अभाव में बेरियाट्रिक सर्जरी से हो रहा है और इसके बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं.

श्रीनगर: देश के साथ-साथ कश्मीर घाटी में भी मोटापे की बीमारी तेजी से बढ़ रही है. यह एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है. वर्ष 2020 में पुरुषों, बच्चों और खासकर महिलाओं में इस बीमारी का खासा प्रभाव देखा गया. एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार कश्मीर घाटी में 33 प्रतिशत लोगों में मोटापा पाया गया है.

कश्मीर में मोटापे जैसी खतरनाक बीमारियों की बढ़ती प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए, जीएमसी श्रीनगर में पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ जनरल एंड मिनिमल एक्सेस सर्जरी विभाग इसके उपचार के बारे में मरीजों और आम जनता को शिक्षित कर रहा है, ताकि लोगों को बीमारी के खतरों और विशेष रूप से इसके बारे में जानकारी मिल सके.

मोटापा बीमारी

डॉक्टरों के अनुसार मोटापा अपने आप में एक बीमारी है. लेकिन मोटापा न केवल मधुमेह, रक्तचाप, जोड़ों के रोग, अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल और पित्त पथरी का कारण बनता है बल्कि मनोवैज्ञानिक रोग भी होता है, यानी मोटापा व्यक्ति को शारीरिक रूप से नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी प्रभावित करता है.

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शोध में कहा गया है कि मोटापे के कारण लोग तरह-तरह के कैंसर से पीड़ित होकर अपनी जान गंवा सकते हैं. यह सिद्ध हो चुका है कि अधिकांश मोटापे के रोगी स्तन, गर्भाशय, मलाशय, अग्न्याशय, यकृत, पेट, प्रोस्टेट कैंसर जैसे गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं. असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अब्दुल हमीद समून का कहना है कि विलासिता और कम मेहनत करने के कारण लोग मोटापे से तरह-तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं. मरीजों का इलाज दवाओं के अभाव में बेरियाट्रिक सर्जरी से हो रहा है और इसके बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं.

Last Updated : Dec 16, 2022, 2:05 PM IST
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