नई दिल्ली : इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कोविड-19 की जांच के लिए नई एडवाइजरी (covid test advisory) जारी की है. आईसीएमआर के अनुसार, अब सिर्फ कोरोना संक्रमित लोगों के संपर्क में आने पर टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है. मगर संक्रमित व्यक्ति हाई रिस्क ( High risk) कैटिगरी में है तो उसे जांच करानी होगी. किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित और बुजुर्ग हाई रिस्क या जोखिम की कैटिगरी में आते हैं, इसलिए ऐसे लोग संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद जरूर जांच कराएं. आईसीएमआर (ICMR) ने उन लोगों को भी जांच की सलाह दी है, जिनमें संपर्क में आने के बाद कोरोना के लक्षण सामने आते हैं.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की नई एडवाइजरी के अनुसार, अब एक राज्य से दूसरे राज्य में यात्रा करने वाले व्यक्तियों को भी कोविड जांच कराने की आवश्यकता नहीं है.होम आइसोलेशन की गाइडलाइन के आधार पर डिस्चार्ज घोषित हो चुके शख्स को भी दोबारा जांच नहीं करानी होगी. इसके अलावा हॉस्पिटल या कोविड सेंटर से भी डिस्चार्ज किए गए लोगों को जांच से छूट दी गई है.
-
In fresh advisory for testing COVID samples, ICMR says contacts of COVID patients do not need testing unless identified as high risk based on age or comorbidities pic.twitter.com/iv3TmH0yHs
— ANI (@ANI) January 10, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">In fresh advisory for testing COVID samples, ICMR says contacts of COVID patients do not need testing unless identified as high risk based on age or comorbidities pic.twitter.com/iv3TmH0yHs
— ANI (@ANI) January 10, 2022In fresh advisory for testing COVID samples, ICMR says contacts of COVID patients do not need testing unless identified as high risk based on age or comorbidities pic.twitter.com/iv3TmH0yHs
— ANI (@ANI) January 10, 2022
इसके अलावा बिना लक्षण वाले लोगों को कोविड टेस्ट नहीं कराना होगा. दूसरी बीमारियों से पीड़ित मरीज का अगर ऑपरेशन होने वाला है तो उनका कोविड टेस्ट तभी किया जाएगा, जब उनमें कोई लक्षण दिखे. यह नियम सीजेरियन और नॉर्मल डिलिवरी के मामले में भी लागू होगा.
आईसीएमआर ने सलाह दी है कि जो लोग अस्पताल में भर्ती हैं, उनका हफ्ते में एक बार से ज्यादा कोरोना टेस्ट न कराया जाए. जरूरत पड़ने पर जांच आरटी-पीसीआर, ट्रूनेट, सीबीएनएएटी, सीआरआईएसपीआर, आरटी-एलएएमपी, रैपिड मॉलिक्यूलर टेस्टिंग सिस्टम्स या रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) के जरिये की जा सकती है. हालांकि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने हिदायत दी है कि अगर किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण हैं, मगर सेल्फ टेस्ट में रिपोर्ट निगेटिव आती है, उन्हें आरटीपीसीआर टेस्ट कराना होगा.
बता दें कि देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं . फिलहाल एक्टिव केस के 5 से 10 फीसदी मामलों में ही मरीज को अस्पताल में एडमिट कराने की नौबत आ रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि अगर केस बढ़े तो स्थिति में तेजी से बदलाव हो सकते हैं. उन्होंने राज्यों को कोविड के केस पर नजर रखने और होम आइसोलेशन, अस्पताल में भर्ती मामले, ऑक्सीजन बेड , आईसीयू और वेंटिलेशन सपोर्ट की स्थिति की लगातार समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं.
पढ़ें : Precaution Doses India: पहले दिन देश में 9 लाख से अधिक एहतियाती डोज लगाई गई