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हिजाब पहनकर कक्षा में प्रवेश नहीं दिए जाने पर लड़की ने छोड़ी परीक्षा

कर्नाटक के शिवमोगा के एक स्कूल में बुर्का पहनकर आई एक छात्रा को हिजाब हटाने को कहा गया तो उसने परीक्षा देने से इनकार कर दिया. लड़की ने कहा, 'हम बचपन से हिजाब पहनते आए हैं और हम इसे नहीं छोड़ेंगे. मैं परीक्षा नहीं दूंगी और घर जाऊंगी.' पढ़ें पूरी विवाद.

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कर्नाटक लड़की ने छोड़ी परीक्षा
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Published : Feb 15, 2022, 7:39 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक में मंगलवार को हिजाब पर विवाद जारी रहा और कुछ स्थानों पर हिजाब पहने आई लड़कियों को स्कूलों में प्रवेश नहीं दिया गया. ऐसी ही एक घटना में हिजाब पहनकर कक्षा में प्रवेश नहीं दिए जाने पर एक लड़की ने परीक्षा छोड़ दी. छात्राओं के आक्रोशित अभिभावकों को स्कूल प्रशासन और पुलिस से तीखी बहस करते देखा गया. एक जगह पर एक छात्र द्वारा भगवा स्कार्फ लहराने की घटना भी सामने आई.

गत सप्ताह कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में सभी छात्रों को भगवा शॉल, स्कार्फ, हिजाब या कोई भी अन्य धार्मिक निशान पहनकर कक्षा में आने पर रोक लगा दी थी. राज्य में सोमवार से हाई स्कूल खुल गए और स्कूलों में अधिकारियों ने, हिजाब और बुर्का पहनकर आने वाली छात्राओं को अदालत के आदेश का हवाला देकर कक्षा में प्रवेश से मना किया या उन्हें हिजाब उतारने को कहा गया.

मंगलवार को शिवमोगा के एक स्कूल में बुर्का पहनकर आई एक छात्रा को हिजाब हटाने को कहा गया तो उसने परीक्षा देने से इनकार कर दिया. लड़की ने संवाददाताओं से कहा, 'हम बचपन से हिजाब पहनते आए हैं और हम इसे नहीं छोड़ेंगे. मैं परीक्षा नहीं दूंगी और घर जाऊंगी.'

चिक्कमगलुरु जिले के इंदवार गांव के एक सरकारी स्कूल में हिजाब पहनकर आई मुस्लिम लड़कियों को स्कूल में प्रवेश नहीं दिया गया और वापस भेज दिया गया. इसके बाद उसके माता-पिता स्कूल पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने जबरन स्कूल परिसर में घुसकर नारेबाजी की और कहा कि उन्हें अदालत का आदेश लिखित रूप में चाहिए. विरोध प्रदर्शन तेज होने पर एक अन्य छात्र ने अपने स्कूल बैग से भगवा स्कार्फ निकाल लिया.

छात्र ने शिक्षकों के निर्देश पर स्कार्फ वापस बैग में रख लिया. स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रधानाध्यापिका ने दिनभर के लिए स्कूल बंद कर दिया. चिक्कमगलुरु के अन्य संस्थान में हिजाब पहनकर स्कूल में प्रवेश नहीं दिए जाने पर तनाव पैदा हो गया.

अभिभावक स्कूल में घुस गए और विद्यालय प्रशासन से पूछा कि उनके बच्चों को भीतर क्यों नहीं जाने दिया जा रहा है. वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने भीड़ से कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश है कि हिजाब पहनकर स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जा सकता. पुलिस की बात अनसुनी करते हुए अभिभावकों ने दबाव डाला कि उनकी बेटियों को परीक्षा देने की अनुमति दी जाए.

तुमकुरु जिले के एसवीएस स्कूल में हिजाब पहनकर आई छात्राओं को, हिजाब पहनकर आने पर वापस लौटा दिया गया, जिसके बाद मुस्लिम माता पिता ने स्कूल परिसर में हंगामा किया. इसके बाद पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कर, अदालत के आदेश का हवाला देते हुए उन्हें शांत किया.

इस बीच, उडुपी जिले में छात्राओं के अभिभावकों ने मौलाना आजाद हाई स्कूल के सामने प्रदर्शन कर हिजाब पहनने वाली छात्राओं को अलग कमरे में बैठाने के अधिकारियों के निर्णय का विरोध किया. प्रदर्शनकारी अभिभावकों ने छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षाओं में बैठने देने की मांग उठायी. साथ ही अभिभावकों ने अधिकारियों से कहा कि अगर हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी गई तो वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे.

सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को इस स्कूल में हिजाब पहनकर आने वाली 20 छात्राओं को अलग कमरे में बैठाए जाने के बाद ये छात्राएं मंगलवार को स्कूल नहीं आईं. हालांकि, मल्लार में सरकारी उर्दू प्राथमिक विद्यालय में हिजाब पहनकर पहुंची आठ छात्राओं को परीक्षा देने की अनुमति दी गई..

ये भी पढ़ें : हिजाब विवाद में कूदा मुस्लिम देशों का संगठन OIC, जानें क्या कहा....

बेंगलुरु : कर्नाटक में मंगलवार को हिजाब पर विवाद जारी रहा और कुछ स्थानों पर हिजाब पहने आई लड़कियों को स्कूलों में प्रवेश नहीं दिया गया. ऐसी ही एक घटना में हिजाब पहनकर कक्षा में प्रवेश नहीं दिए जाने पर एक लड़की ने परीक्षा छोड़ दी. छात्राओं के आक्रोशित अभिभावकों को स्कूल प्रशासन और पुलिस से तीखी बहस करते देखा गया. एक जगह पर एक छात्र द्वारा भगवा स्कार्फ लहराने की घटना भी सामने आई.

गत सप्ताह कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में सभी छात्रों को भगवा शॉल, स्कार्फ, हिजाब या कोई भी अन्य धार्मिक निशान पहनकर कक्षा में आने पर रोक लगा दी थी. राज्य में सोमवार से हाई स्कूल खुल गए और स्कूलों में अधिकारियों ने, हिजाब और बुर्का पहनकर आने वाली छात्राओं को अदालत के आदेश का हवाला देकर कक्षा में प्रवेश से मना किया या उन्हें हिजाब उतारने को कहा गया.

मंगलवार को शिवमोगा के एक स्कूल में बुर्का पहनकर आई एक छात्रा को हिजाब हटाने को कहा गया तो उसने परीक्षा देने से इनकार कर दिया. लड़की ने संवाददाताओं से कहा, 'हम बचपन से हिजाब पहनते आए हैं और हम इसे नहीं छोड़ेंगे. मैं परीक्षा नहीं दूंगी और घर जाऊंगी.'

चिक्कमगलुरु जिले के इंदवार गांव के एक सरकारी स्कूल में हिजाब पहनकर आई मुस्लिम लड़कियों को स्कूल में प्रवेश नहीं दिया गया और वापस भेज दिया गया. इसके बाद उसके माता-पिता स्कूल पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने जबरन स्कूल परिसर में घुसकर नारेबाजी की और कहा कि उन्हें अदालत का आदेश लिखित रूप में चाहिए. विरोध प्रदर्शन तेज होने पर एक अन्य छात्र ने अपने स्कूल बैग से भगवा स्कार्फ निकाल लिया.

छात्र ने शिक्षकों के निर्देश पर स्कार्फ वापस बैग में रख लिया. स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रधानाध्यापिका ने दिनभर के लिए स्कूल बंद कर दिया. चिक्कमगलुरु के अन्य संस्थान में हिजाब पहनकर स्कूल में प्रवेश नहीं दिए जाने पर तनाव पैदा हो गया.

अभिभावक स्कूल में घुस गए और विद्यालय प्रशासन से पूछा कि उनके बच्चों को भीतर क्यों नहीं जाने दिया जा रहा है. वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने भीड़ से कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश है कि हिजाब पहनकर स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जा सकता. पुलिस की बात अनसुनी करते हुए अभिभावकों ने दबाव डाला कि उनकी बेटियों को परीक्षा देने की अनुमति दी जाए.

तुमकुरु जिले के एसवीएस स्कूल में हिजाब पहनकर आई छात्राओं को, हिजाब पहनकर आने पर वापस लौटा दिया गया, जिसके बाद मुस्लिम माता पिता ने स्कूल परिसर में हंगामा किया. इसके बाद पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कर, अदालत के आदेश का हवाला देते हुए उन्हें शांत किया.

इस बीच, उडुपी जिले में छात्राओं के अभिभावकों ने मौलाना आजाद हाई स्कूल के सामने प्रदर्शन कर हिजाब पहनने वाली छात्राओं को अलग कमरे में बैठाने के अधिकारियों के निर्णय का विरोध किया. प्रदर्शनकारी अभिभावकों ने छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षाओं में बैठने देने की मांग उठायी. साथ ही अभिभावकों ने अधिकारियों से कहा कि अगर हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी गई तो वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे.

सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को इस स्कूल में हिजाब पहनकर आने वाली 20 छात्राओं को अलग कमरे में बैठाए जाने के बाद ये छात्राएं मंगलवार को स्कूल नहीं आईं. हालांकि, मल्लार में सरकारी उर्दू प्राथमिक विद्यालय में हिजाब पहनकर पहुंची आठ छात्राओं को परीक्षा देने की अनुमति दी गई..

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