हैदराबाद: भारतीय मौसम विभाग (India Meteorological Department) ने गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों, कोंकण क्षेत्र, पश्चिमी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात, पूर्वी राजस्थान और ओडिशा के अधिकांश हिस्सों में तेज गर्मी की स्थिति का अनुमान लगाया गया है. मौसम विभाग का कहना है कि देश के ज्यादातर हिस्से इन दिनों गर्मी की चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है.
आईएमडी ने यह भी कहा है कि अगले 2 दिनों के दौरान उत्तर पश्चिमी भारत और पश्चिम मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान में 3 डिग्री की वृद्धि हो सकती है. अगले 2 दिनों में महाराष्ट्र के अंदरूनी हिस्सों और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान 3 डिग्री तक बढ़ सकता है. यह स्थिति धीरे-धीरे देश की अन्य राज्यों में भी देखने को मिल सकती है.
गुजरात में लू की चेतावनी
मौसम विभाग अहमदाबाद की निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा कि राज्य में लू की चेतावनी जारी की गई है. सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में 24 घंटे और उत्तरी गुजरात में अगले 48 घंटों तक लू की चपेट में रहेगा. 2 दिनों के बाद हीटवेव कम हो जाएगी लेकिन तापमान उच्च बना रहेगा. वहीं मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि अगले 24 घंटों में हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी के पास कम दबाव का क्षेत्र बनेगा. इससे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 19 मार्च तक बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ते रहेंगे. इस दौरान 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी.
आईएमडी की चेतावनी जारी
आईएमडी के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र के अनुसार 19 से 21 मार्च तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है. मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वे दक्षिण बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी भाग, दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में न जाएं. इसके बाद यह धीरे-धीरे उत्तर उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ेगा और 23 मार्च तक बांग्लादेश और म्यांमार के तट तक पहुंचने की संभावना है. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और आस-पास के क्षेत्रों में 18 मार्च से खराब मौसम का अनुभव होगा. लगभग सभी क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना है.
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आ सकता है चक्रवाती तूफान
डीजी आईएमडी ने बताया कि बीती शाम बंगाल की खाड़ी और भूमध्यरेखीय हिंद महासागर के आसपास एक कम दबाव का क्षेत्र बना. अब यह पूर्व की ओर बढ़ गया और दक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य भाग के आसपास केंद्रित हो गया. 19 की सुबह यह दक्षिण अंडमान सागर और निकोबार द्वीप समूह के एसई BoB में कम दबाव के क्षेत्र के रूप में चिह्नित होगा. इसके बाद यह अपनी दिशा बदल लेगा. यह अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव का क्षेत्र अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के आसपास केंद्रित होगा. इसके बाद यह तेज हो जाएगा और 20 मार्च को एक अवसाद और 21 मार्च को चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है.