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हाथरस मामले की 25 नवंबर को होगी सुनवाई, अदालत ने सभी पक्षों से तैयारी से आने को कहा

इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने हाथरस की घटना पर स्वतः संज्ञान के तहत जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. अदालत ने हाथरस की दुष्‍कर्म पीड़िता के अमर्यादित अंतिम संस्कार पर एतराज जताते हुए मामले का संज्ञान लिया था.

इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय
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Published : Oct 22, 2021, 10:37 PM IST

लखनऊ : इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने 25 नवंबर को हाथरस मामले की सुनवाई पूरी करने का निर्णय लेते हुए कहा है कि यदि उस दिन पक्षकारों की ओर से बहस पूरी नहीं हो पाती तो सुनवाई अगले दिन भी जारी रहेगी. अदालत ने सभी पक्षकारों से उस दिन बहस के लिए पूरी तरह तैयार होकर आने को कहा है.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजन राय एवं न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की पीठ ने हाथरस की घटना पर स्वतः संज्ञान के तहत जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. अदालत ने हाथरस की दुष्‍कर्म पीड़िता के अमर्यादित अंतिम संस्कार पर एतराज जताते हुए मामले का संज्ञान लिया था.

हाथरस में 14 सितंबर, 2020 को 19 वर्षीय एक दलित युवती के साथ चार लोगों द्वारा कथित रूप से बलात्कार किया गया था. उसकी 29 सितंबर, 2020 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी और रात में उसके परिवार के साथ उसके घर के पास उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस ने उन्हें जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया.

इस समय पीठ वर्तमान में पीड़ित परिवार को दिए गए लाभों के संबंध में उन बिंदुओं पर सुनवाई कर रही है जो आगे दिए जा सकते हैं.

पढ़ें - यूपीएससी में सफल हो जाने पर पसंदीदा कैडर पाना अधिकार नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश सहायक सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने अदालत के सामने कुछ शासनादेश पेश किये जो एसएसटी अधिनियम के तहत पीड़िता के परिवार को मुआवजा देने से संबधित थे. पीड़ित परिवार की ओर से एक हलफनामा पेश करने की कोशिश की गयी किन्तु उसमें कई बिन्दु छूट रहे थे अतः अदालत ने उसमें सुधार करने का समय दिया.

(पीटीआई-भाषा)

लखनऊ : इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने 25 नवंबर को हाथरस मामले की सुनवाई पूरी करने का निर्णय लेते हुए कहा है कि यदि उस दिन पक्षकारों की ओर से बहस पूरी नहीं हो पाती तो सुनवाई अगले दिन भी जारी रहेगी. अदालत ने सभी पक्षकारों से उस दिन बहस के लिए पूरी तरह तैयार होकर आने को कहा है.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजन राय एवं न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की पीठ ने हाथरस की घटना पर स्वतः संज्ञान के तहत जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. अदालत ने हाथरस की दुष्‍कर्म पीड़िता के अमर्यादित अंतिम संस्कार पर एतराज जताते हुए मामले का संज्ञान लिया था.

हाथरस में 14 सितंबर, 2020 को 19 वर्षीय एक दलित युवती के साथ चार लोगों द्वारा कथित रूप से बलात्कार किया गया था. उसकी 29 सितंबर, 2020 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी और रात में उसके परिवार के साथ उसके घर के पास उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस ने उन्हें जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया.

इस समय पीठ वर्तमान में पीड़ित परिवार को दिए गए लाभों के संबंध में उन बिंदुओं पर सुनवाई कर रही है जो आगे दिए जा सकते हैं.

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सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश सहायक सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने अदालत के सामने कुछ शासनादेश पेश किये जो एसएसटी अधिनियम के तहत पीड़िता के परिवार को मुआवजा देने से संबधित थे. पीड़ित परिवार की ओर से एक हलफनामा पेश करने की कोशिश की गयी किन्तु उसमें कई बिन्दु छूट रहे थे अतः अदालत ने उसमें सुधार करने का समय दिया.

(पीटीआई-भाषा)

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