अमरेली: गुजरात में अमरेली जिले के सावरकुंडला और लिलिया तालुका में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. लिलिया के खारा गांव में पांच महीने के बच्चे और सावरकुंडला के करजला गांव में तीन साल के बच्चे को शेरनी और तेंदुए ने मार दिया है. इस घटना के बाद दोनों जानवरों को पकड़ने के लिए वन विभाग द्वारा एक ऑपरेशन चलाया गया. अमरेली-लिलिया के खारा गांव में वन विभाग ने यह ऑपरेशन चलाया.
इस ऑपरेशन में वन विभाग को सफलता मिली है. पालीताना शेत्रुंजी मंडल की डीसीएफ टीम ने सफलता हासिल की है. शेरनी को घटना स्थल से करीब 1 किमी दूर लगाए गए पिंजरे में कैद किया है. जानकारी के अनुसार शेरनी को लीलिया रेंज के वनकर्मियों ने पकड़ा. लिलिया रेंज के रेंज वन अधिकारी, भारत गलानी ने कहा कि बच्चों पर हमले की घटना की सूचना वन विभाग को मिली. बच्चे का शिकार करने वाली शेरनी को पकड़ने के लिए वन विभाग ने अपने संभ्रांत कर्मियों की टीम को तैनात किया था.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा करजला गांव में भी एक बच्चे को तेंदुए ने मार दिया था, जिसके तुरंत बाद ही तेंदुए को उसी रात पकड़ लिया गया था. लिलिया के खारा गांव में पांच माह के बच्चे पर हमला करने वाली शेरनी को पकड़ने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चलाया गया. अधिकारियों का कहना है कि लोगों को जंगली जानवरों को लेकर सावधान रहना चाहिए. यदि आप सुरक्षित और मजबूत आश्रयों में रात बिताते हैं, तो आप शिकारी जानवरों के हमलों से बच सकते हैं.
वन अधिकारी, जयंत पटेल ने बताया कि इन दोनों घटनाओं को बाद उनके नेतृत्व में 10 वन टीमें तैयार की गईं, जिन्होंने पूरे इलाके में शेरनी और तेंदुए की सघन तलाश शुरू कर दी थी. सावरकुंडला तालुक के करजला गांव में भूपत नाम के तीन साल के बच्चे का तेंदुए ने शिकार किया, जिससे पूरे जिले में दहशत का माहौल बना गया. वहीं दूसरी ओर शेरनी पांच माह के बच्चे का शिकार करने के बाद अमरेली जिले में भी दहशत फैल गई थी.