अहमदाबाद: गुजरात हाईकोर्ट ने सूरत रेप पीड़िता को बड़ी राहत दी है. अदालत ने छह माह की गर्भवती एक बलात्कार पीड़िता को गर्भपात कराने की मंजूरी दी है. दरअसल पीड़िता मानसिक रूप से विकलांग है. उसके पिता ने अदालत में याचिका दायर कर गर्भपात कराने की अनुमति मांगी थी. हाईकोर्ट ने डॉक्टरों की राय और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पीड़िता की ओर से दायर याचिका को स्वीकार कर लिया.
सूरत की 23 वर्षीय मानसिक रूप से विकलांग लड़की अपने पिता के दोस्त के द्वारा बलात्कार किए जाने के बाद गर्भवती हो गई. पीड़िता के पिता की ओर से गर्भपात कराने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इस पूरे मामले में याचिकाकर्ता के वकील हर्ष सुरती ने कहा कि कोर्ट ने इस मामले को रेयर ऑफ द रेयर केस मानते हुए अबॉर्शन (गर्भपात) की इजाजत दी है. फैसले के समय कोर्ट में डॉक्टर भी मौजूद थे और मेडिकल जांच के बाद की पूरी रिपोर्ट भी कोर्ट के सामने रखी गई थी.
इस याचिका में कहा गया था कि पीड़िता मानसिक रूप से विकलांग है और पिता की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. न तो पीड़िता और न ही उसका परिवार बच्चे की जिम्मेदारी ले सकता है. इसलिए लड़की के गर्भपात के लिए हाईकोर्ट में यह अर्जी दाखिल की गई थी. चूंकि लड़की मानसिक रूप से विकलांग है, इसलिए वह अपनी देखभाल नहीं कर सकती, ऐसे में वह बच्चे की देखभाल कैसे करेगी?
यह मामला सूरत का है. इस मामले में आरोपी नवीन का अपने दोस्त के घर आना-जाना लगा रहता था. जब नवीन अपने दोस्त के घर पहुंचा तो उस समय लडकी घर में अकेली सो रही थी और इसी मौके का फायदा उठाकर उसने घर में लडकी के साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद आरोपी ने पीड़िता को जान से मारने की धमकी देते हुए इस घटना के बारे में किसी को नहीं बताने की चेतावनी दी.
इस घटना के बाद एक दिन अचानक लड़की के पेट में दर्द हुआ. फिर उसके पिता उसे इलाज के लिए अस्पताल ले गए. जहां अस्पताल में बेटी के गर्भवती होने की बात का पता चला. फिर परिजनों को घटना की जानकारी हुई. घटना को लेकर परिजनों की ओर से रांदेर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई और उसके बाद पुलिस ने युवती का बयान दर्ज किया. गौरतलब है कि आरोपी फिलहाल जेल में है.