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Gujarat Assembly Election : शाह ने 'हनुमान दादा' के लगाए नारे, विश्लेषकों ने किया सावधान

गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election) के प्रचार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) के द्वारा 'हनुमान दादा' के नारे का भाजपा नेताओं ने स्वागत किया है. वहीं राजनीतिक विश्लेषक ने इसको लेकर चेताया है. उनका कहना है कि भगवान हनुमान का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.

Union Home Minister Amit Shah
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
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Published : Nov 23, 2022, 6:45 PM IST

जूनागढ़: गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election) के लिए पहले चरण के मतदान से पहले चुनावी प्रचार चरम पर है. वहीं चुनाव के लिए चल रहे प्रचार के बीच, राज्य के भाजपा नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) के 'हनुमान दादा' नारे का स्वागत किया है, जबकि एक राजनीतिक विश्लेषक ने राजनीतिक लाभ के लिए हिंदू देवता का उपयोग करने को लेकर चेताया है. शाह ने मंगलवार को जूनागढ़ में एक राजनीतिक रैली के दौरान भाजपा उम्मीदवारों के लिए वोट मांगने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया था.

अमित शाह के बयान के बाद बीजेपी नेता गिरीश कोटेचा ने जूनागढ़ में बीजेपी प्रत्याशी संजय कोरडिया के समर्थन में बड़ा बैनर लगाकर गृह मंत्री के बयान का समर्थन किया. कोटेचा ने राज्य में भाजपा के शासन को सफल करार दिया. उन्होंने कहा, 'इस सरकार के प्रदर्शन को देखते हुए अमित शाह के बयान के बाद चुनाव प्रचार में बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में यह बैनर लगाया गया है.'

हालांकि राजनीतिक विश्लेषक धीरूभाई पुरोहित को चुनाव प्रचार में हनुमान दादा का इस्तेमाल और जिस तरह से देवता का नाम उठाया जा रहा है, वह कुछ ज्यादा ही लगता है. उनका मानना ​​है कि भगवान हनुमान का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वे सभी हिंदुओं के आदर्श हैं. उन्होंने कहा, 'सच्चे अर्थों में राजनीति और धर्म अलग-अलग हैं.' 'धर्म या हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर प्रचार कुछ ज्यादा ही माना जाता है. राजनीतिक प्रचार के लिए किसी धर्म या उनकी मूर्तियों को शामिल करना अनुचित है.'

ये भी पढ़ें - मेहसाणा में पीएम मोदी, जनता से की अपील, 'भाजपा को भारी अंतर से जिताएं'

जूनागढ़: गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election) के लिए पहले चरण के मतदान से पहले चुनावी प्रचार चरम पर है. वहीं चुनाव के लिए चल रहे प्रचार के बीच, राज्य के भाजपा नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) के 'हनुमान दादा' नारे का स्वागत किया है, जबकि एक राजनीतिक विश्लेषक ने राजनीतिक लाभ के लिए हिंदू देवता का उपयोग करने को लेकर चेताया है. शाह ने मंगलवार को जूनागढ़ में एक राजनीतिक रैली के दौरान भाजपा उम्मीदवारों के लिए वोट मांगने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया था.

अमित शाह के बयान के बाद बीजेपी नेता गिरीश कोटेचा ने जूनागढ़ में बीजेपी प्रत्याशी संजय कोरडिया के समर्थन में बड़ा बैनर लगाकर गृह मंत्री के बयान का समर्थन किया. कोटेचा ने राज्य में भाजपा के शासन को सफल करार दिया. उन्होंने कहा, 'इस सरकार के प्रदर्शन को देखते हुए अमित शाह के बयान के बाद चुनाव प्रचार में बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में यह बैनर लगाया गया है.'

हालांकि राजनीतिक विश्लेषक धीरूभाई पुरोहित को चुनाव प्रचार में हनुमान दादा का इस्तेमाल और जिस तरह से देवता का नाम उठाया जा रहा है, वह कुछ ज्यादा ही लगता है. उनका मानना ​​है कि भगवान हनुमान का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वे सभी हिंदुओं के आदर्श हैं. उन्होंने कहा, 'सच्चे अर्थों में राजनीति और धर्म अलग-अलग हैं.' 'धर्म या हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर प्रचार कुछ ज्यादा ही माना जाता है. राजनीतिक प्रचार के लिए किसी धर्म या उनकी मूर्तियों को शामिल करना अनुचित है.'

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