ETV Bharat / bharat

2017 के मुकाबले गुजरात में कम रहा वोटिंग प्रतिशत, ये है वजह

गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 (Gujarat Assembly Election 2022) में गुरुवार के पहले चरण में करीब 60 फीसदी मतदान हुआ, जो उम्मीदों से कम है. 2017 के विधानसभा चुनावों में कुल मतदाता भागीदारी 69.01 प्रतिशत थी. इतना कम मतदान क्यों हुआ? ईटीवी भारत की विशेष रिपोर्ट.

Gujarat Assembly Election 2022
गुजरात विधानसभा चुनाव 2022
author img

By

Published : Dec 1, 2022, 10:02 PM IST

Updated : Dec 1, 2022, 10:41 PM IST

अहमदाबाद : गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election 2022) के पहले चरण में करीब 60 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया. मतदान प्रतिशत अनुमान से काफी कम है. हर जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग का आग्रह किया, लेकिन फिर भी वोटिंग प्रतिशत कम रहा.

तापी जिले में आज का मतदान सबसे अधिक 72.32 प्रतिशत रहा जबकि 53.84 प्रतिशत के साथ पोरबंदर में सबसे कम मतदान हुआ. 2017 की बात की जाए तो तापी जिले में 79.42% और पोरबंदर में 62.23% मतदाताओं ने मतदान किया था.

2017 के मुकाबले वोट प्रतिशत पर एक नजर
2017 के मुकाबले वोट प्रतिशत पर एक नजर

ईवीएम फेल होने की शिकायत : गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले दौर में 19 जिलों की 89 सीटों के लिए वोट डाले गए. कुल मिलाकर मतदान प्रक्रिया काफी शांतिपूर्ण रही. हां ईवीएम में खराबी की खबरें आती रहीं. राज्य चुनाव आयोग की रिपोर्ट है कि 238 वीवीपैट और 82 नियंत्रण इकाइयों को बदला गया. C-VIGIL को 221 शिकायतें मिलीं, जबकि चुनाव आयोग को 104 शिकायतें मिलीं.

सभी जिलों में वोटिंग घटी : आंकड़े बताते हैं कि 2017 के मतदान प्रतिशत की तुलना में सभी 19 जिलों में मतदान में कमी आई है. इसकी एक वजह ये भी है कि शादी का सीजन चल रहा है. लोग वैवाहिक कार्यक्रमों में व्यस्त हैं परिणामस्वरूप मतदान का प्रतिशत कम रहा. मतदान प्रतिशत घटने का दूसरा कारण यह है कि आज 1 दिसंबर, 2022 को गुरुवार है, जबकि 9 दिसंबर, 2017 को जब चुनाव हुए थे, तब शनिवार था. दूसरे शब्दों में, भले ही यह कार्य दिवस है, यह दावा किया जा सकता है कि मतदान कम हो गया है.

2017 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन ज्वलंत मुद्दा था : 2022 के मुकाबले 2017 में ज्यादा वोट पड़ने का कारण ये भी था कि उस दौरान पाटीदार आरक्षण आंदोलन चल रहा था. हालांकि, इस बार कोई गंभीर मुद्दा नहीं है. चुनाव की वर्तमान स्थिति भी अप्रत्याशित है. आमतौर पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी कैंपेन चला रही हैं. चुनाव की सरगर्मी भी तब नजर आई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात का दौरा किया. सिर्फ इस बार के चुनाव में कुछ अलग है तो वह ये है कि इस बार आम आदमी पार्टी भी किस्मत आजमा रही है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार के चुनाव में कम वोटिंग की वजह मुद्दों की कमी रही.

प्रभावी चुनावी मुद्दे नहीं : भाजपा ने चुनाव में गुजरात में आतंकवाद, कर्फ्यू और धार्मिक दंगों जैसी चिंताओं को उठाया, हालांकि इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा. इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सार्वजनिक समारोहों में अभूतपूर्व मतदान का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि आप सभी लोग जो बीजेपी को वोट डालेंगे, उससे कीर्तिमान बन जाएगा. इस बार लक्ष्य सीटों की संख्या में वृद्धि करना और रिकॉर्ड मतदान करना है. क्या आप सभी मतदान करेंगे? प्रधानमंत्री के कहने का कोई असर नहीं हुआ इस बार 2017 की तुलना में कम वोटिंग हुई.

पढ़ें- गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में शाम पांच बजे तक 59.24 प्रतिशत मतदान

अहमदाबाद : गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election 2022) के पहले चरण में करीब 60 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया. मतदान प्रतिशत अनुमान से काफी कम है. हर जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग का आग्रह किया, लेकिन फिर भी वोटिंग प्रतिशत कम रहा.

तापी जिले में आज का मतदान सबसे अधिक 72.32 प्रतिशत रहा जबकि 53.84 प्रतिशत के साथ पोरबंदर में सबसे कम मतदान हुआ. 2017 की बात की जाए तो तापी जिले में 79.42% और पोरबंदर में 62.23% मतदाताओं ने मतदान किया था.

2017 के मुकाबले वोट प्रतिशत पर एक नजर
2017 के मुकाबले वोट प्रतिशत पर एक नजर

ईवीएम फेल होने की शिकायत : गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले दौर में 19 जिलों की 89 सीटों के लिए वोट डाले गए. कुल मिलाकर मतदान प्रक्रिया काफी शांतिपूर्ण रही. हां ईवीएम में खराबी की खबरें आती रहीं. राज्य चुनाव आयोग की रिपोर्ट है कि 238 वीवीपैट और 82 नियंत्रण इकाइयों को बदला गया. C-VIGIL को 221 शिकायतें मिलीं, जबकि चुनाव आयोग को 104 शिकायतें मिलीं.

सभी जिलों में वोटिंग घटी : आंकड़े बताते हैं कि 2017 के मतदान प्रतिशत की तुलना में सभी 19 जिलों में मतदान में कमी आई है. इसकी एक वजह ये भी है कि शादी का सीजन चल रहा है. लोग वैवाहिक कार्यक्रमों में व्यस्त हैं परिणामस्वरूप मतदान का प्रतिशत कम रहा. मतदान प्रतिशत घटने का दूसरा कारण यह है कि आज 1 दिसंबर, 2022 को गुरुवार है, जबकि 9 दिसंबर, 2017 को जब चुनाव हुए थे, तब शनिवार था. दूसरे शब्दों में, भले ही यह कार्य दिवस है, यह दावा किया जा सकता है कि मतदान कम हो गया है.

2017 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन ज्वलंत मुद्दा था : 2022 के मुकाबले 2017 में ज्यादा वोट पड़ने का कारण ये भी था कि उस दौरान पाटीदार आरक्षण आंदोलन चल रहा था. हालांकि, इस बार कोई गंभीर मुद्दा नहीं है. चुनाव की वर्तमान स्थिति भी अप्रत्याशित है. आमतौर पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी कैंपेन चला रही हैं. चुनाव की सरगर्मी भी तब नजर आई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात का दौरा किया. सिर्फ इस बार के चुनाव में कुछ अलग है तो वह ये है कि इस बार आम आदमी पार्टी भी किस्मत आजमा रही है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार के चुनाव में कम वोटिंग की वजह मुद्दों की कमी रही.

प्रभावी चुनावी मुद्दे नहीं : भाजपा ने चुनाव में गुजरात में आतंकवाद, कर्फ्यू और धार्मिक दंगों जैसी चिंताओं को उठाया, हालांकि इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा. इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सार्वजनिक समारोहों में अभूतपूर्व मतदान का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि आप सभी लोग जो बीजेपी को वोट डालेंगे, उससे कीर्तिमान बन जाएगा. इस बार लक्ष्य सीटों की संख्या में वृद्धि करना और रिकॉर्ड मतदान करना है. क्या आप सभी मतदान करेंगे? प्रधानमंत्री के कहने का कोई असर नहीं हुआ इस बार 2017 की तुलना में कम वोटिंग हुई.

पढ़ें- गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में शाम पांच बजे तक 59.24 प्रतिशत मतदान

Last Updated : Dec 1, 2022, 10:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.