गुवाहाटी : असम सरकार ने मंगलवार को घोषणा की कि वह असम समझौते को लागू करने के लिए मंत्रियों और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) के सदस्यों की एक समिति का गठन करेगी, जोकि तीन महीने के भीतर इस समझौते को लागू करने के लिए रोडमैप तैयार करेगी.
आसू ने 1979 में अवैध आप्रवासियों की पहचान और निर्वासन की मांग को लेकर छह साल तक आंदोलन किया था. इसका समापन तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की उपस्थिति में 15 अगस्त 1985 को असम समझौते पर हस्ताक्षर के साथ हुआ था.
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ हुई आसू की बैठक के बाद, असम समझौते के कार्यान्वयन मंत्री अतुल बोरा ने कहा कि दोनों पक्षों ने समझौते को लागू करने के लिए एक समिति बनाने का फैसला किया है.
बोरा ने यहां संवाददाताओं से कहा, बैठक बेहद सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई. यह निर्णय लिया गया कि रोडमैप तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा. मुख्यमंत्री हमारे मंत्रियों के नाम देंगे और आसू अपने सदस्यों के नाम देगा.
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चर्चा को आगे बढ़ाने और समिति के गठन को अंतिम रूप देने के लिए बुधवार को फिर एक अनौपचारिक मुलाकात होगी.
वहीं, आसू के मुख्य सलाहकार समुज्जल कुमार भट्टाचार्य ने कहा कि समिति में राज्य सरकार के तीन मंत्री और छात्र संघ के पांच सदस्य शामिल रहेंगे.
उन्होंने कहा, यह समिति असम समझौते के सभी प्रावधानों और उन्हें कैसे लागू किया जा सकता है, इस पर विचार करेगी. यह अगले तीन महीनों के भीतर एक रोडमैप तैयार करेगी.
(पीटीआई-भाषा)