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कच्चे तेल की कीमत में गिरावट का लाभ जनता को दे सरकार, पेट्रोल-डीजल के दाम घटाए: कांग्रेस - कच्चे तेल की कीमत में गिरावट का लाभ जनता को दे सरकार

कांग्रेस ने केंद्र सरकार से कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत घट गई है ऐसे में पेट्रोल एवं डीजल के दाम में कमी की जानी चाहिए. उक्त बातें कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने संवाददाताओं से कही.

Congress spokesperson Gaurav Vallabh
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ (फाइल फोटो)
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Published : Jan 5, 2022, 4:32 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत घटने का लाभ देश की आम जनता को देना चाहिए और उत्पाद शुल्क को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय रहे स्तर पर लाकर पेट्रोल एवं डीजल के दाम में अच्छी-खासी कमी करनी चाहिए.

पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कच्चे तेल के दाम घटने से संबंधित खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, 'बहुत हो चुका- अब तो पेट्रोल-डीज़ल के दाम कम करो!' कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने संवाददाताओं से कहा, 'यदि उत्पाद शुल्क को संप्रग सरकार के कार्यकाल के समय रहे स्तर पर लाया जाए तो डीजल के दाम में 25.24 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल के दाम में 26.42 रुपये प्रति लीटर की कमी हो सकती है.'

उन्होंने आरोप लगाया, 'मोदी सरकार द्वारा पेट्रोल-डीज़ल पर ताबड़तोड़ कर लगाकर मुनाफाखोरी किए जाने से देश भर में सभी आवश्यक वस्तुओं की कीमत आसमान छू रही है. एक तरफ जनता महंगाई की मार से त्राहि-त्राहि कर रही है, तो दूसरी ओर बेराजेगारी दर दिसंबर, 2021 में 7.9 फीसदी और शहरी बेरोजगारी दर 9.3 फीसदी के उच्च स्तर पर जा पहुंची है. ऐसी स्थिति में सरकार पेट्रोल-डीज़ल पर अत्यधिक कर लगाकर व कच्चे तेल की घटी हुई कीमतों का लाभ न देकर अपनी जेब भरने में व्यस्त हैं.'

उनके मुताबिक, नवंबर के औसतन 80.64 डॉलर प्रति बैरल के मुकाबले दिसंबर में कच्चा तेल 73.30 डॉलर प्रति बैरल का ही रह गया, यानी कच्चे तेल के दाम लगभग 7.34 डॉलर प्रति बैरल कम हुए. वल्लभ ने कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के समय पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपये प्रति लीटर था जो आज 27.90 रुपये प्रति लीटर है। इसी तरह डीजल पर उत्पाद शुल्क 3.56 रुपये प्रति लीटर था जो अब 21.80 रुपये लीटर हो चुका है.

ये भी पढ़ें - भारत की पवित्र भूमि पर हमारा तिरंगा ही फहराता अच्छा लगता है: राहुल

उन्होंने दावा किया, 'सरकारी तेल कंपनियों का टैक्स पूर्व मुनाफा 20 गुना से ज्यादा बढ़ा अर्थात आपदा एवं बेरोजगारी के इस उच्च स्तर पर भी मोदी सरकार की पेट्रोल-डीज़ल से मुनाफाखोरी जारी है.' उन्होंने कहा, 'इन तथ्यों से साफ है कि मोदी सरकार का रवैया देशवासियों के लिए 'चित मैं जीता, पट तुम हारे' का रहा है. हमारी मांग है कि मोदी सरकार उत्पाद शुल्क को घटा कर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में हो रही कमी का लाभ देशवासियों को पहुंचाए और पेट्रोल की कीमतों में 26.42 रुपये तथा डीज़ल की कीमतों में 25.24 रुपये प्रति लीटर की कमी करे.'

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत घटने का लाभ देश की आम जनता को देना चाहिए और उत्पाद शुल्क को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय रहे स्तर पर लाकर पेट्रोल एवं डीजल के दाम में अच्छी-खासी कमी करनी चाहिए.

पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कच्चे तेल के दाम घटने से संबंधित खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, 'बहुत हो चुका- अब तो पेट्रोल-डीज़ल के दाम कम करो!' कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने संवाददाताओं से कहा, 'यदि उत्पाद शुल्क को संप्रग सरकार के कार्यकाल के समय रहे स्तर पर लाया जाए तो डीजल के दाम में 25.24 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल के दाम में 26.42 रुपये प्रति लीटर की कमी हो सकती है.'

उन्होंने आरोप लगाया, 'मोदी सरकार द्वारा पेट्रोल-डीज़ल पर ताबड़तोड़ कर लगाकर मुनाफाखोरी किए जाने से देश भर में सभी आवश्यक वस्तुओं की कीमत आसमान छू रही है. एक तरफ जनता महंगाई की मार से त्राहि-त्राहि कर रही है, तो दूसरी ओर बेराजेगारी दर दिसंबर, 2021 में 7.9 फीसदी और शहरी बेरोजगारी दर 9.3 फीसदी के उच्च स्तर पर जा पहुंची है. ऐसी स्थिति में सरकार पेट्रोल-डीज़ल पर अत्यधिक कर लगाकर व कच्चे तेल की घटी हुई कीमतों का लाभ न देकर अपनी जेब भरने में व्यस्त हैं.'

उनके मुताबिक, नवंबर के औसतन 80.64 डॉलर प्रति बैरल के मुकाबले दिसंबर में कच्चा तेल 73.30 डॉलर प्रति बैरल का ही रह गया, यानी कच्चे तेल के दाम लगभग 7.34 डॉलर प्रति बैरल कम हुए. वल्लभ ने कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के समय पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपये प्रति लीटर था जो आज 27.90 रुपये प्रति लीटर है। इसी तरह डीजल पर उत्पाद शुल्क 3.56 रुपये प्रति लीटर था जो अब 21.80 रुपये लीटर हो चुका है.

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उन्होंने दावा किया, 'सरकारी तेल कंपनियों का टैक्स पूर्व मुनाफा 20 गुना से ज्यादा बढ़ा अर्थात आपदा एवं बेरोजगारी के इस उच्च स्तर पर भी मोदी सरकार की पेट्रोल-डीज़ल से मुनाफाखोरी जारी है.' उन्होंने कहा, 'इन तथ्यों से साफ है कि मोदी सरकार का रवैया देशवासियों के लिए 'चित मैं जीता, पट तुम हारे' का रहा है. हमारी मांग है कि मोदी सरकार उत्पाद शुल्क को घटा कर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में हो रही कमी का लाभ देशवासियों को पहुंचाए और पेट्रोल की कीमतों में 26.42 रुपये तथा डीज़ल की कीमतों में 25.24 रुपये प्रति लीटर की कमी करे.'

(पीटीआई-भाषा)

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