नई दिल्ली : सरकार की पशुओं के खिलाफ क्रूरता करने वाले लोगों के लिए अधिक जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान करने की योजना है. इसके लिए मौजूदा कानून में संशोधन को लेकर एक मसौदा विधेयक संसद के अगले सत्र में लाए जाने की संभावना है. मौजूदा समय में, इस तरह के कार्य करने वाली अपराधी अक्सर बेदाग निकल जाते हैं क्योंकि पहली बार अपराध के लिए दंड, पशुओं के प्रति क्रूरता (पीसीए) अधिनियम, 1960 के तहत, सिर्फ ₹50 है.
केंद्रीय पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने बताया, हम संशोधन विधेयक के मसौदे के साथ तैयार हैं और हम मंत्रिमंडल की मंजूरी लेने की प्रक्रिया में हैं. मंत्रालय के संयुक्त सचिव और पशु कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष ओपी चौधरी ने कहा, ‘‘हमने मसौदा संशोधन विधेयक के तहत जुर्माना और यहां तक कि जेल की सजा में वृद्धि का सुझाव दिया है. संतुलित तरीके से दंड का सुझाव दिया गया है और उनके अनुसार, मंत्रालय कैबिनेट की मंजूरी लेगा और अगले संसद सत्र में मसौदा विधेयक पेश करेगा.
केंद्रीय मंत्री ने पशु कल्याण बोर्ड का एक पोर्टल लॉन्च किया जो पशु कल्याण में लगे लोगों के साथ-साथ फिल्म शूटिंग में जानवरों का उपयोग करने वालों को ऑनलाइन स्वीकृति प्रदान करेगा. मंत्री ने मवेशियों की रक्षा के लिए वैज्ञानिक तरीकों को अपनाने और शहरों के बाहरी इलाके में गोशाला स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया है.
उन्होंने कहा, शहरों में, अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों के पास गाय रखने के लिए भी जगह नहीं है इसलिए, गाय रखने की जगह (होस्टल) की अवधारणा बहुत मददगार होगी उन्होंने कहा कि गाय पालन में रुचि रखने वाले एक गाय खरीद सकते हैं और गोशाला में उसकी देखभाल की जा सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार सहायता प्रदान करके ऐसे गोशालाओं को बढ़ावा देगी.
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रूपाला ने यह भी कहा कि डेयरी क्षेत्र, किसानों की आय को दोगुना करने के लिए महत्वपूर्ण है और उन्होंने लोगों से दिवाली के दौरान गाय के गोबर के बने दीए जैसे गाय आधारित उत्पादों को खरीदने का आग्रह किया, ताकि 'लोकल के लिए वोकल' अवधारणा को बढ़ावा दिया जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार बुनियादी ढांचा स्थापित करने, पशुओं को टीका लगाने और उद्यमियों को विकसित करने के लिए केंद्रीय योजनाओं के तहत धन मुहैया करा रही है. इस अवसर पर हरियाणा के कृषि और पशुपालन मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा कि राज्य सरकार ने मवेशियों की रक्षा और गोशालाओं की स्थापना के लिए कड़े नियम बनाए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य ने महामारी के दौरान भी मवेशियों का टीकाकरण किया है क्योंकि डेयरी क्षेत्र किसानों की आय को दोगुना करने में मदद करेगा.
(पीटीआई-भाषा)